यूके खालिस्तानी: खालिस्तान मतलब देश का बंटवारा। खालिस्तान देश की एकता और अखंडता के लिए बड़ा खतरा है। ये खतरा देश के साथ साथ विदेशों में भी फैला हुआ है। खालिस्तान समर्थक देश में माहौल खराब करने के प्रयास करते ही हैं, विदेशों में भी खालिस्तान के नाम पर जमकर उत्पाद मचाते हैं। वर्तमान भारत सरकार खालिस्तान को लेकर काफी सीरियस है और लगातार इन खालिस्तानियों जैसे राष्ट्र विरोधी तत्वों पर प्रहार किए जा रहे हैं और जैसा कि भी बताया था कि इस कारण विदेशों में बैठे इन खालिस्तानियों के आका बिलबिलाए हुए हैं।
इस लेख में पढिये कि कैसे भारत ने खालिस्तानी प्रेमी यूके की अकल ठिकाने लगाने का कार्य किया है।
लंदन में खालिस्तानियों ने किया था तिरंगे का अपमान
दरअसल, पिछले कुछ समय से खालिस्तानी सक्रिय हुए और उन्होंने अपने भारत विरोधी अभियान को गति देने का दुससाहस किया। जिसमें अमृत पाल नामक खालिस्ताीनी इस अभियान का प्रम्मुख चेहरा था। जो खुलेआम भारत सरकार को चुनौती और खालिस्तान की मांग कर रहा था।
इन सबव के उपरांत सरकार ने खालिस्तानियों की धरपकड़ का अभियान छेड़ दिया और कई खालिस्तानियों को संदेश देकर स्पष्ट कर दिया कि भारत विरोधियों तुम जहां भी हो भारत का प्रशासन तुम पर नकेल कसने को तैयार बैठा है। हालि अस्माजिक त्ववों पर कार्रवाई इसका पुख्ता प्रमाण है।
वहीं जैसे ही भारत में खालिस्तानियों को दबोचा जाना शुरु हुआ वैसे ही विश्वभर में फैले खालिस्तानी बौखला गए और कुछ सोशल मीडिया पर भारत विरोधी अभियान चलाने लगे तो कुछ भारतीय तिरंगे का अपमान करने लगे। लेकिन आज का भारत देश हो विदेश देश विरोधी बातें स्वीकार नही करेगा।
भारत सरकार ने सोशल मीडिया पर खालिस्तान के नाम दुस्प्रचार करने वालों के ट्वीटर अकाउटंस बैन कर दिए। यानि लगातार भारत खालिस्तानियों और खालिस्तान का समर्थन करने वालों को सबक सिखाने का काम कर रहा है। ऐसे ही खालिस्तानियों द्वारा लंदन में भारतीय उच्चायोग पर लगे तिरंगे के साथ शर्मनाक हरकत की गई। खालिस्तानी भारतीय उच्चायोग में घुस गए थे। ये चरमपंथी दूतावास की पहली मंजिल तक पहुंच गए थे और इन्होंने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को निकालकर फेंक दिया था। चरमपंथियों ने इसकी जगह खालिस्तान का झंडा लगा दिया था। भारत इस घटना को लेकर यूके से काफी नाराज है। भारत सरकार ने ब्रिटिश हुकूमत के समक्ष चिंता जताई थी और कहा था कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। हालांकि, आदत से मजबूर यूके प्रशासन उसके बाद भी खालिस्तानी-समर्थकों को समर्थन देता रहा है।
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एस जयशंकर ने अपनाया था कड़ा रुख
इस घटना के बाद लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों ने प्रदर्शन किया था और सिख अलगाववादियों पर कार्रवाई की मांग की थी। खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग में भारतीय तिरंगा हटाने के प्रयास की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा था कि आज का भारत राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींचे जाना स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा था कि हमने पिछले कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और सैन फ्रांसिस्को में कुछ घटनाएं देखी हैं। यह ऐसा भारत नहीं है जो अपने राष्ट्रीय ध्वज को किसी के द्वारा नीचे खींचे जाने को स्वीकार करेगा। जब यह हुआ तो हमारे उच्चायुक्त ने उससे भी बड़ा झंडा उस इमारत में लगा दिया। यह केवल वहां के तथाकथित खालिस्तानियों के लिए एक बयान नहीं था, यह अंग्रेजों के लिए भी एक बयान था कि यह मेरा झंडा है और अगर कोई इसका अनादर करने की कोशिश करेगा तो मैं इसे (राष्ट्रीय ध्वज) और भी बड़ा कर दूंगा।
जहां अब खालिस्तानियों को शरण और उन पर प्रेम लुटाने वाले यूके की भारत अकल ठिकाने लगाने का कार्य कर रहा है। दरअसल, भारत ने यूके के साथ होने वाली व्यापार वार्ता पर रोक लगा दी है। ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ने यूके की सरकार के सूत्रों के हवाले से इस बाबत जानकारी दी है। इस वार्ता को तब तक दोबारा शुरू नहीं किया जाएगा जब तक कि यूके की सरकार की तरफ से भारतीय उच्चायोग पर हमले करने वाले चरमपंथियों की आलोचना करने वाला बयान सार्वजनिक तौर पर जारी नहीं किया जाता। ‘द टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया, ‘भारतीय तब तक व्यापार के बारे में बात नहीं करना चाहते जब तक कि ब्रिटिश सरकार खालिस्तानी अलगाववादियों के उग्रवाद की सरेआम निंदा नहीं करती और उनके खिलाफ ठोस एक्शन नहीं ले लेती।
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द टाइम्स ने ब्रिटिश सरकार के सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि भारत सरकार ब्रिटेन में भारत के राजनयिक भवनों व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था ना होने से नाखुश है। हालांकि नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश मीडिया की रिपोर्ट को बेबुनियाद बताया है। भारत ने कहा है कि इस महीने के आखिर में होने वाली बातचीत शेड्यूल के अनुसार होगी। परंतू एक बात तो स्पष्ट है कि भारत खालिस्तानी के मुद्दे को काफी सीरीयस है और भारत में उपस्थित खालिस्तानी जैसी विचारधारा को कुचलने का काम कर रहा है। क्योंकि ये भारत की अखंडता के लिए अत्यंत खतरनाक है और भारत वैश्विक स्तर पर भी चेता चुका है कि वो भारतीय विरोधी किसी भी अभियान और तिरंगे के अपमान को बर्दाशत नही करेगा। वर्तमान समय में भारत का कद लगातार वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है विश्व के कई देश भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करके साथ मिलकर व्यापार करना चाहते हैं। ऐसे मेंअगर यूके का खालिस्तान प्रेम ऐसे ही बना रहा तो उसकी नुकासान उठना पड़ेगा ।
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