प्रकाश राज, कृपया आप राजनीति पर ज्ञान न दें!

बस यही देखना बाकी रह गया था

जब गीदड़ वीरता एवं जंगल के अधिनियमों पर उपदेश दे, तो समझ जाइए स्थिति बहुत खराब है। हाल ही में कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप ने सभी को चौंकाते हुए भाजपा के लिए प्रचार करने का निर्णय किया, परंतु भाजपा समर्थकों से अधिक इस समय प्रकाश राज को इस बात से घनघोर पीड़ा हो रही है।

ऐसा क्यों है, इससे पूर्व आपको बता दें कि किच्चा सुदीप का यह निर्णय क्यों विवादों के घेरे में है। यह महोदय हिन्दी फिल्म उद्योग से लोकप्रियता पाके भी हिन्दी विरोध में उतना ही सक्रिय है, जितना सूर्या, सिद्धार्थ, कमल हासन जैसे तमिल अभिनेता। पिछले वर्ष हिन्दी को सम्मान देने के चक्कर में इन्होंने अजय देवगन से पंगा मोल लिया था, और आज भी स्थिति कुछ बेहतर नहीं है।

परंतु जितना भाजपा समर्थक इस अवसरवादी के प्रचार के निर्णय से विचलित नहीं है, उससे अधिक प्रकाश राज को पीड़ा हो रही है। मूल रूप से कन्नड़ समुदाय से नाता रखने वाले प्रकाश ने स्पष्ट किया कि यह स्वीकार्य नहीं है और मैं सुदीप के इस निर्णय से काफी स्तब्ध और दुखी हूँ।

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मजे की बात, यह वो प्रकाश राज हैं जो खुद लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी ज़मानत ज़ब्त करवा लिए थे। ऐसे में प्रकाश का इस विषय पर बोलना ही अपने आप में मज़ाक है, किच्चा सुदीप को ज्ञान देना तो बहुत छोटी बात हो गई।

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