OTT के “ठेकेदारों” को चुनौती देगा रिलायंस जियो

अब OTT पर वर्चस्व जमाएंगे

जब से OTT पे क्रांति आई है, तब से सभी लोग इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व जमाने के लिए लालायित है। अब सिनेमा और डिजिटल कॉन्टेन्ट के बीच की दीवार धीरे धीरे मिटने वाली है, और ऐसे में रिलायंस के प्रबंधकों को विचार आया, “ये सुअवसर क्यों हाथ से जाने दें?”

इस लेख में जानिये जियो स्टूडियोज़ के नये प्रोजेक्ट को, और कैसे ये रिलायंस को OTT के सूरमाओं से भिड़ने योग्य बनाएगा।

100 स्टोरीज़, एक निर्माता….

जिस प्रकार से कॉन्टेन्ट क्रिएशन में जैसे जैसे परिवर्तन हो रहा है, उससे एक बात तो स्पष्ट है, अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रहेगा, चाहे OTT हो, या फिर मूल सिनेमा। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण तो आईपीएल के प्रसारण में ही देखने को मिल रहा है, जहां जियो सिनेमा ने अच्छे अच्छों को टक्कर देना प्रारंभ कर दिया है, और अभी तो हमने विभिन्न भाषाओं में उत्कृष्ट कमेंटरी पर प्रकाश भी नहीं डाला है।

अब इस उद्यमिता में एक कदम आगे बढ़ाते हुए जियो स्टूडियोज़ ने एक विस्तृत वीडियो प्रसारित किया है। लगभग 100 प्रोजेक्ट्स अगले कुछ माह / वर्षों में दर्शकों के समक्ष विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर प्रस्तुत होंगे, चाहे OTT के माध्यम से, या सिनेमा के माध्यम से।

“100 Sizzling Stories, 1 Studio” नामक ये वीडियो अपने आप में इस बात को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त है कि जियो स्टूडियोज़ का प्लान क्या है, और इसे धरातल पर लाने में जियो स्टूडियोज़ की वर्तमान प्रमुख ज्योति देशपांडे की भी प्रमुख भूमिका है।

और पढ़ें: भारत के सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकारों में से एक ब्रह्मानन्दम की अद्वितीय कथा

ये प्रोजेक्ट इग्नोर नहीं किये जा सकते….

तो इस प्रोजेक्ट से लाभ क्या होगा? न केवल जियो स्टूडियोज़ स्पष्ट तौर पर कॉन्टेन्ट के क्षेत्र में सक्रिय प्रतिस्पर्धा करते हुए दिखाई देगी, अपितु जनता को कुछ न कुछ नया देखने को मिलेगा।

उदाहरण के लिए जियो स्टूडियोज़ ने “डंकी”, “ब्लाइंड” समेत कई फिल्मों का अनावरण किया है। इतना ही नहीं, चूंकि इस स्टूडियोज़ ने अमर कौशिक के बहुचर्चित हॉरर फिल्म फ्रैन्चाइज़ को बढ़ावा दिया है, इसलिए अब “स्त्री” और “भेड़िया” जैसी फिल्मों के नये संस्करण भी शीघ्र सिनेमाघरों में आ सकते हैं।

परंतु बात यहाँ तक सीमित नहीं है। जियो स्टूडियोज कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को भी बढ़ावा देते हुए दिखाई देगी, जो न कभी देखे, न सुने गए। उदाहरण के लिए “यूनियन” नामक सीरीज़ की कुछ झलकी मात्र से ही दर्शकों में उत्सुकता जग सकती है, जो स्वंतंत्रता के पश्चात के भारत निर्माण पर आधारित है। इसमें आशुतोष राणा सरदार वल्लभभाई पटेल की भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं, तो संभवत: केके मेनन उनके विश्वासपात्र वीपी मेनन की। अगर ये सत्य है, तो केवल यही प्रोजेक्ट ही जियो स्टूडियोज़ की कॉन्टेन्ट क्रिएशन में प्रतिबद्धता को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त है। अभी तो हमने रणदीप हुड्डा के “इंस्पेक्टर अविनाश” एवं नाना पाटेकर के “लाल बत्ती” सीरीज़ पर प्रकाश भी नहीं डाला है।

और पढ़ें: Farzi Web Series Review: राज एंड डीके ने निराश नहीं किया, शाहिद कपूर और विजय सेतुपति ने चौंकाया

एमेजॉन, नेटफ्लिक्स इत्यादि को मिल सकती है चुनौती

तो, इससे भारत को क्या लाभ मिलेगा? जब से OTT ने दर्शकों के चक्षु खोले हैं, वे उत्कृष्ट, और दमदार कॉन्टेन्ट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाने को तैयार है। विगत कुछ वर्षों में बड़े बड़े प्लेटफ़ॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स और एमेजॉन प्राइम को ये बात भी ज्ञात हो गई है कि कॉन्टेन्ट के नाम पर कुछ भी नहीं चलेगा।

इसके अतिरिक्त अब सिनेमा एवं OTT में रिलायंस के इस आक्रामक रूप से एक और बात स्पष्ट है : अब डिजिटल कॉन्टेन्ट में तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी। इस समय जो भी भारत के डिजिटल कॉन्टेन्ट पे राज कर रहा है, उनमें से एक भी प्लेयर विशुद्ध भारतीय नही है। सबसे अधिक सब्सक्राइबर इस समय Hotstar के पास है, परंतु उसका स्वामित्व भी अमेरिकी OTT giant डिज़्नी के पास है, और वर्चस्व के लिए एमेजॉन प्राइम इंडिया और नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफ़ॉर्म भी जूझ रहे हैं।

ऐसे में जब रिलायंस मैदान में उतरेगा, तो प्रतिस्पर्धा तो होगी, और इनके सफल होने पर न केवल डिजिटल कॉन्टेन्ट, अपितु भारत के डिजिटल कॉन्टेन्ट के कद में भी बदलाव देखने को मिलेगा। अब कॉन्टेन्ट के नाम पर दमदार, मसालेदार सीरीज एवं फिल्में तैयार मिलेगी, जिसमें जियो स्टूडियोज़ निस्संदेह अपने लिए एक अलग कीर्तिमान स्थापित करना चाहेगी।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version