Reservation to Dalit Christians: “एजेंडा ऊंचा रहे हमारा” को तमिलनाडु के सत्ताधारी प्रशासन ने कुछ अलग ही स्तर पे ले लिया है। बिहारी प्रवासियों पर कथित रूप से हुए अत्याचार की खबरें कुचले जाने में एक माह भी नहीं बीता कि अब स्टालिन सरकार ने पुनः केंद्र सरकार को चुनौती दी है।
हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को विधानसभा में आरक्षण से संबंधित एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में स्टालिन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Government) से ईसाई धर्म अपनाने वाले “आदि द्रविड़ों” (Reservation to Dalit Christians) को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन करने का आग्रह किया।
प्रस्ताव में कहा गया है, “यह सम्मानित सदन भारत सरकार से आग्रह करता है कि भारतीय संविधान के तहत अनुसूचित जातियों के लोगों को प्रदान किए गए आरक्षण सहित वैधानिक संरक्षण, अधिकारों और रियायतों का विस्तार उन अनुसूचित जातियों के लिए भी करने के लिए संविधान में आवश्यक संशोधन करे, जो ईसाई धर्म (Reservation to Dalit Christians) में परिवर्तित हो गए हैं, ताकि वे सभी सामाजिक न्याय के लाभों का फायदा उठा सकें।”
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बता दें कि केंद्र सरकार धर्मांतरण करने के बाद आरक्षण का लाभ उठाने देने के पक्ष में नहीं है, क्योंकि ये समाज के विघटन को बढ़ावा देगी। परंतु तमिलनाडु सरकार इसी ज़िद पे अड़ी है कि ऐसा ही हो और केंद्र सरकार को वे अपनी ज़िद के आगे झुकने पर विवश करे।
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