HINDUDVESHA: वर्तमान में विश्वभर में बढ़ते हिन्दुत्व के प्रभुत्व के बीच हिंदू संस्कृति और सभ्यता के लिए खतरा भी बढ़ रहा है। विश्वभर में बैठी हिंदू विरोधी शक्तियां सनातन धर्म को कलंकित करने का कोई प्रयास नही छोड़ रही, जिसे आज हिंदूफोबिया के नाम संदर्भित किया जाता है और दुर्भाग्यवश हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग इस वर्तमान खतरे से पुरी तरह से अनभिज्ञ है। ऐसे में हिंदू समाज पर उत्पन्न होते खतरे को देखते हुए समाज का जागृत होना अत्यंत आवश्यक है।
इसी परिप्रेक्ष्य में 1 अप्रैल, 2023 को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में “INTERNATIONAL CONFERENCE ON UNDERSTANDING HINDUDVESH IN THE GLOBALISING WORLD” नामक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का मूल विषय सनातन संस्कृति एवं “हिन्दूद्वेष” पर होने वाली हानि पर आधारित था।
HINDUDVESHA कार्यक्रम का आयोजन प्रमुख तौर पर काशी फाउंडेशन, नई दिल्ली, वर्ल्ड हिंदू काउंसिल ऑफ अमेरिका (वीएचपीए), हिंदू यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका और उत्तमजन फैमिली ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा कराया गया। कार्यक्रम को चार सत्रों में विभाजित किया गया था। इसमें उद्घाटन सत्र सहित ऐतिहासिक और समकालीन संदर्भ में हिंदुत्व पर पहला तकनीकी सत्र, काउंटर-नैरेटिव विकसित करने पर दूसरा, तकनीकी सत्र: शिक्षाविदों की भूमिका और अंतिम में समापन सत्र हुआ ।
HINDUDVESHA कार्यक्रम में 150 पेशेवरों और शोध विद्वानों ने लिया भाग
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विश्वभर में हिंदू सभ्यता पर उत्पन्न हो रहे खतरे पर विचार विमर्श करना था । जिसमें हिदू समाज के कई सम्मानित लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम में मंथन किया गया कि देश और विदेश में उपस्थित हिंदू विरोधी शक्तियों से कैसे लड़ा जाए। इस सम्पूर्ण सत्र के आयोजन के समय डीयू और जेएनयू के लगभग 150 पेशेवरों और शोध विद्वानों ने विचार-विमर्श में भाग लिया और लगभग 20 प्रतिष्ठित वक्ताओं ने इस मुद्दे के बारे में अपने विचार व्यक्त किए/ जिसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र भी हुआ।
HINDUDVESHA कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में डॉ. जय बंसल, वीपी ऑफ एजुकेशन – विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) ने सम्मेलन के विषय के साथ प्रतिनिधियों और अतिथियों का परिचय कराया। विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर विद्युत चक्रवर्ती ने मुख्य भाषण दिया। इनके अतिरिक्त विहिप दिल्ली के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना जी और परमार्थ निकेतन की साध्वी भगवती सरस्वती जी ने भी हिन्दुत्व के विषय पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में टीएफआई समूह के संस्थापक श्री अतुल मिश्रा ने भी लिया भाग
“ऐतिहासिक और समकालीन संदर्भ में HINDUDVESHA” पर प्रथम तकनीकी सत्र में टीएफआई समूह के संस्थापक और सीईओ अतुल मिश्रा जी सम्मिलित हुए, जहां उन्होंने हिन्दुत्व पर वैश्विक स्तर पर उत्पन्न हो रहे खतरे पर अपनी चिंताएं व्यक्त की।
.@TheAtulMishra ji, founder @tfiglobal delivering address at the 1st Technical Session: #Hindudvesha in Historical & Contemporary Context. #kashidialogue @StudyAtHUA @VHPANews pic.twitter.com/QehmNkCy0e
— Kashi Foundation (@Kashi_Found) April 1, 2023
बताते चलें कि HINDUDVESHA सम्मेलन के प्रमुख वक्ताओं में से एक, TFI के संस्थापक अतुल मिश्रा का हमेशा से प्रमुख उद्देश्य रहा है, कि हरसंभव माध्यम से सनातन धर्म के बारे में तथ्यात्मक एवं सटीक जानकारी देना। जो ईकोसिस्टम कला के नाम पर वामपंथी बुद्धिजीवियों द्वारा फैलाए जा रहे प्रोपगैंडा को नियंत्रित करने में सहायक हो, उसके वे मुखर समर्थक है। केवल राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों से संबंधित वेबसाइट्स के संचालन तक सीमित न रहकर उन्होंने सदैव लोगों को विभिन्न माध्यमों से अपने सनातनी जड़ों से पुनः जुडने को प्रेरित किया है, चाहे बात संतानों के नामकरण की हो, या फिर अपना परिधान चुनना हो।
कार्यक्रम के इस सत्र में हिंदुत्व घटना की जड़ों के बारे में चर्चा की गई, जिसे भारत के औपनिवेशिक इतिहास में खोजा जा सकता है। सत्र में इस्लामी आक्रमणकारियों के आक्रमणकारी झुंड से लेकर पुर्तगाली ईसाई मिशनरियों से लेकर ब्रिटिश एंग्लिकन और यूरोपीय शिक्षाविदों, मार्क्सवादियों और नव-पूंजीपतियों तक, असंख्य अभिनेताओं ने हिंदू समाज के भौतिक और सांस्कृतिक अस्तित्व को खत्म करने के प्रयासों में अपनी-अपनी भूमिका निभाने वालों पर भी चर्चा की गई।
With lightening of lamps one day international conference on UNDERSTANDING #HINDUDVESH IN THE GLOBALISING WORLD at Constitution Club of India – Speaker Hall begins. #KashiDialogue@TheAtulMishra pic.twitter.com/qxQZF7awgD
— Kashi Foundation (@Kashi_Found) April 1, 2023
अतुल मिश्रा के अतिरिक्त इस तकनीकी सत्र में प्रो. अवनीजेश अवस्थी, दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. हिमांशु रॉय, राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय, श्री. अशोक श्रीवास्तव, वरिष्ठ पत्रकार, डीडी न्यूज इत्यादि ने इस विषय पर विचार-विमर्श किया । ऐसे ही काउंटर-नैरेटिव विकसित करने पर दूसरे तकनीकी सत्र में शिक्षाविदों की भूमिका, प्रोफेसर मधु किश्वर, मानुषी के संस्थापक, श्री विक्रमजीत बनर्जी, अति. भारत के सॉलिसिटर जनरल, सुश्री नूपुर शर्मा, संपादक ऑप-इंडिया और प्रदीप भंडारी, चुनाव विश्लेषक, संस्थापक- जन की बात ने हिन्दुत्व के विषय पर विचार-विमर्श किया है ।
शुभेंदु आनंद, एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट ने पहले तकनीकी सत्र को आगे बढ़ाते हुए कहा कि हिंदू विरोधी कथा के निर्माण में पश्चिमी शिक्षा जगत प्रमुख भूमिका निभाता है। उनके प्रयासों को भारतीय मूल के तथाकथित विद्वानों द्वारा सहायता प्रदान की जाती है, जो विशिष्ट रूप से वामपंथी/शून्यवादी विचारधाराओं के प्रभाव में होते हैं या ऑक्सफोर्ड, हार्वर्ड, और स्टैनफोर्ड आदि जैसे “प्रतिष्ठित” संस्थानों में फैलोशिप के आकर्षक प्रस्तावों से आकर्षित होते हैं।
वहीं समापन सत्र में प्रो. कपिल कपूर, पद्म विभूषण, पूर्व निदेशक, आईआईएएस, डॉ. महेश चंद्र शर्मा, पूर्व सांसद (आरएस), संपादक-मंथन, प्रो. राजकुमार भाटिया, प्रोफेसर- दिल्ली विश्वविद्यालय और श. संक्रांत सानू, संस्थापक सीईओ, गरुड़ प्रकाशन ने हिन्दुत्व के विषय पर अपने विचार व्यक्त किए और इस सत्र का संचालन स्वदेशी नृवंशविज्ञान में शोधार्थी सुश्री ऋचा गौतम ने किया।
इसके उपरांत कार्यक्रम का सारांश दिया गया जिसमें डॉ. जय बंसल, वीपी ऑफ एजुकेशन – विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका (वीएचपीए) द्वारा समापन टिप्पणी दी गई।
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