जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं होता। सफलता और असफलता तो आती जाती रहती है, परंतु इस समय जो रणवीर सिंह के साथ हो रहा है, वो न स्वाभाविक है, और न ही रणवीर सिंह के करियर के लिए कोई शुभ संकेत देते हैं। इस लेख में पढिये रणवीर सिंह की वर्तमान अवस्था, और कैसे YRF के ‘निष्कासन’ ने इनकी राह और कठिन बना दी है।
रणवीर सिंह: YRF ने लिया ब्रेक ….
जब बुरा समय आता है, तो अक्सर जिनको अपना मानते हैं, वो भी मुंह मोड़ लेते हैं। इस बात का आभास शायद अब रणवीर सिंह को और प्रत्यक्ष रूप से हो रहा होगा। हाल ही में प्रकाशित बॉलीवुड हंगामा की रिपोर्ट की माने, तो रणवीर सिंह को यश राज फिल्म्स (YRF) ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
जी हाँ, जिस YRF ने कभी रणवीर सिंह को सिल्वर स्क्रीन का रास्ता दिखाया था, अब उसी YRF ने रणवीर सिंह से मुंह मोड़ लिया है। 2010 में यश राज फिल्म्स के बैनर तले बने “बैंड बाजा बारात” से रणवीर सिंह ने अपना डेब्यू किया था, और फिर YRF की कई फिल्मों में इन्होंने प्रमुख भूमिकाएँ निभाई थी।
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फ्लॉप की हैट्रिक!
परंतु अब ऐसा लगता है कि YRF भी अपना रिकॉर्ड सुधारना चाहता है। पिछले 2 वर्षों में उनकी एक भी फिल्म भारतीय बॉक्स ऑफिस पर एवरेज भी नहीं सिद्ध हुई, और “पठान” के बारे में जितना कम चर्चा करें, उतना ही अच्छा। अब सूत्रों की माने, तो रणवीर सिंह को कास्ट करने से YRF ने इसलिए ब्रेक लिया है, क्योंकि वे एक bankable अभिनेता नहीं सिद्ध हो पा रहे थे, यानि वे उनके लिए अब पहले जितने भरोसेमंद नहीं रहे।
वो कैसे? रणवीर सिंह ने एक अनोखी हैट्रिक लगाई है। पिछली 4 वर्षों से इनकी बतौर सोलो लीड एक भी फिल्म हिट नहीं हुई है, और साथ ही साथ पिछले लगभग 9 वर्षों से YRF के लिए इनकी साझेदारी सुपरफ्लॉप सिद्ध हुई है। विश्वास नहीं होता तो 2014 से YRF के साथ इनका रिकॉर्ड देख लीजिए। “किल दिल”, “बेफ़िकरे” और पिछले ही वर्ष प्रदर्शित “जयेशभाई जोरदार” सब मुंह के बल गिरी।
इसके अतिरिक्त पिछले दो वर्षों में इन्होंने लगातार लाइन से तीन फ्लॉप दिए हैं। जबरदस्त PR और ताबड़तोड़ सेक्युलरिज़्म के बाद भी रणवीर सिंह की बहुप्रतीक्षित “83” बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी, और उसे “स्पाइडर मैन” से उतना नुकसान नहीं हुआ, जितना तेलुगु फिल्म “पुष्पा” की अप्रत्याशित सफलता से हुआ।
लेकिन उसके बाद भी जो फिल्में रणवीर ने दर्शकों को दिखाई, उससे ये लगा ही नहीं कि उन्हे अपने छवि की तनिक भी चिंता है। “जयेशभाई जोरदार” कब आई और कब चली गई, किसी को पता ही नहीं चला। इसके अतिरिक्त रोहित शेट्टी के साथ “सर्कस” बनाकर रणवीर ने सोचा कि उनकी खोई हुई प्रतिष्ठा वापिस आएगी, पर हुआ ठीक उल्टा। फिल्म तो चली नहीं, उलटे रोहित शेट्टी की जबरदस्त सफलता पर ब्रेक लग गया!
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भविष्य भी कुछ बेहतर नहीं….
लेकिन जिस प्रकार से समीकरण दिख रहे हैं, उसमें रणवीर सिंह के लिए भविष्य में भी कोई संकेत नहीं दिख रहे। उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म “रॉकी और रानी की अमर प्रेम कहानी” सिनेमाघरों में प्रदर्शन के लिए लगभग तैयार है, परंतु इसमें भी संशय है। एक तो ये फिल्म करण जौहर द्वारा निर्देशित हैं, जिनकी अंतिम फिल्म “ए दिल है मुश्किल” ने बॉक्स ऑफिस छोड़कर लगभग हर प्रकार से दर्शकों को निराश किया था।
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दूसरी बात यह है कि इस फिल्म के प्रदर्शन की तारीख बहुत बार बदली जा चुकी है, और इसमें से किसी में भी कोविड 19 की भूमिका नहीं रही है। पहले ये दिसंबर 2022 में प्रदर्शित होने को प्रस्तावित थी, परंतु ये 28 अप्रैल को शिफ्ट हो गई। लेकिन जैसे ही यह सामने आया कि 28 अप्रैल को मणि रत्नम की बहुचर्चित “पोन्नियन सेल्वन” का द्वितीय संस्करण आ रहा है, इसकी रिलीज़ डेट जुलाई में खिसक गई, और यह रणवीर सिंह की छवि एवं उनके करियर के लिए शुभ समाचार तो बिल्कुल नहीं है।
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