जब दिल्ली मर रही थी, केजरीवाल महल सजा रहा था

दिल्ली जलती रही, केजरीवाल महल बनाता गया

Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation

CM Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation: अंग्रेज़ी में एक कहावत सुने थे, “When Rome burnt, Nero played the fiddle”, अर्थात जब रोम जल रहा था, नीरो बाँसुरी बजा रहा था। पर नीरो को क्या पता था कि कालांतर में एक शासक ऐसा भी होगा, जो उसके पदचिन्हों पर ऐसा चलेगा कि स्वयं नीरो भी शर्मा जाए।

इस लेख में पढिये केजरीवाल के “शीशमहल” के बारे (CM Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation) में, जिसके पीछे उसने दिल्ली के निवासियों की बलि चढ़ाने से भी संकोच नहीं करेगा।

ऑपरेशन शीशमहल

हाल ही में टाइम्स नाऊ के हिन्दी संस्करण [टाइम्स नाऊ नवभारत] ने एक सनसनीखेज खुलासे में ये उजागर किया है कि केजरीवाल ने अपने नए निवास के निर्माण के लिए सरकारी राजकोष से अंधाधुंध धन व्यय (CM Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation) किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर ‘Times Now Navbharat’ ने बड़ा खुलासा किया है। ‘ऑपरेशन शीशमहल’ नामक शो में  ये बताया gaya कि कैसे AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कोरोना काल के दौरान राष्ट्रीय राजधानी स्थित अपने सरकारी बँगले के सौंदर्यीकरण पर 44.78 करोड़ रुपए खर्च (Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation) कर दिए। यानी, बने-बनाए बँगले को चमकाने और उसे सुंदर बनाने के लिए इतने रुपए फूँक दिए गए।

मंगलवार (25 अप्रैल, 2023) की शाम को प्रसारित किए गए शो में ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ ने जानकारी दी कि CM आवास में 8-8 लाख रुपए के पर्दे लगाए गए। केवल पर्दों पर ही 1 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था, जिनमें से कुछ अभी लगने बाकी हैं और कुछ लगाए दिए गए हैं। शुरुआत में 8 पर्दे लगाए गए, जिनकी कीमत 45 लाख रुपए थी। दूसरे चरण में 15 पर्दों का ऑर्डर दिया गया, जो 51 लाख रुपए के थे।

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“हम राजनीति बदलने आए हैं जी”

जब अरविन्द केजरीवाल ने राजनीति में कदम रखा था, तब उन्होंने स्पष्ट किया था कि वह अन्य राजनीतिज्ञों की भांति नहीं है। “हम राजनीति बदलने आए हैं जी” इनका स्लोगन था। अवश्य ही इन्होंने राजनीति बदली है। पहले राजनीतिज्ञ जैसे भी था, उनके अपने तय मानक, कुछ ‘आदर्श’ थे, परंतु अरविन्द केजरीवाल और आदर्श, दोनों एक लाइन में फिट नहीं बैठते।

इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री आवास में लगाने के लिए वियतनाम से मार्बल मँगाया गया। इसे ‘डियोर पर्ल मार्बल’ बोला जाता है, जो सुपीरियर क्वालिटी का होता है। इसकी कीमत 15 लाख रुपए होती है। साथ ही इसे लगाने के लिए भी अलग तरीके से फिटिंग की जाती है।

अब इस पर इनके चमचों की निर्लज्जता देखिए। राघव चड्ढा ने सफाई दी कि इसे सरकारी बँगला बताते हुए पीएम आवास के बारे में बात करने की सलाह दी। AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल आंदोलन से निकले नेता हैं और कोई फकीर नहीं है। उन्होंने कहा कि वो बँगला 1942 का बना है, वहाँ छत से पानी टपकती थी और बुजुर्गों को परेशानी होती थी।

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दिल्ली जलती रही, केजरीवाल महल बनाता गया

दिल्ली में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “खुद को आम आदमी कहने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपने घर पर रिनोवेशन के नाम पर जनता के 44.78 करोड़ (CM Kejriwal spent Rs 45-crore on home renovation) रुपए बर्बाद कर डाले। अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को शर्म आनी चाहिए। ऐसे ढोंगी आम आदमी और भ्रष्टाचारी व्यक्ति को दिल्ली का मुख्यमंत्री बने रहने का कोई हक नहीं है।”

अब वे गलत भी नहीं है। जब भारत कोरोना की दूसरी लहर से कराह रहा था, और देश के कोने कोने में त्राहिमाम मचा हुआ था, तो ऑक्सीजन सिलिन्डरों की मांग भी बहुत बढ़ गई थी। इसके पीछे केजरीवाल ने कितना तांडव किया था, और केंद्र सरकार को कैसे विलेन बनाने पर तुली हुई थी, ये किसी से नहीं छुपा है। परंतु अब जो ये सामने आ रहा है कि राजकीय कोष से इस निर्लज्ज ने अपने घर का नवीनीकरण जो इसी समय किया था, उससे अब स्पष्ट होता है कि केजरीवाल कोई राजनीतिज्ञ नहीं, एक बीमारी है, जिसे समय रहते नहीं रोका गया, तो देशभर में प्रलय आने में देर नहीं लगेगी।

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