इमरान खान कायदे से सूते गए!

आपने घबराना नहीं!

इमरान खान

जो पाकिस्तान को संकट से निकालने के दावे करता था, जो दावा करता था कि वह नया पाकिस्तान बनाएगा, जो पाकिस्तान के वर्षों से विद्यमान प्रशासन को चुनौती देने का माद्दा रखता था, आज वह स्वयं सलाखों के पीछे हैं। जी हाँ, हम उन्ही इमरान खान नियाजी की बात कर रहे हैं,जिनके हिरासत में लिए जाने के बाद से हमारे पड़ोसी मुल्क में त्राहिमाम मचा हुआ है। आर्मी क्वार्टर्स से लेकर रेडियो पाकिस्तान के आधिकारिक भवन तक, जो भी रास्ते में आया, नष्ट हो गया। परंतु इस बात को कोई नकार नहीं सकता कि अब इमरान खान पाकिस्तानी सेना की गिरफ्त में आ चुके हैं।

तोशखाना केस

ये सब प्रारंभ हुआ तोशखाना केस से, जिसके पीछे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर आरोप तय हुए हैं। अल कादिर ट्रस्ट केस में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से हिरासत में लिए जाने के बाद ये कार्रवाई की गई। बता दें कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग [नवाज़] के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा ये आरोप लगाए कि इमरान खान ने तोषखाना को दिए गए उपहारों के बारे में कोई जानकारी नहीं साझा की, और उन्होंने इस मामले में घपलेबाजी की है।

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इसके कारण पूरे देश में तीव्र विरोध प्रदर्शन हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आज पंजाब प्रांत में इमरान खान के समर्थकों के साथ हुई झड़पों में करीब 130 पुलिस अधिकारी घायल हो गए और 25 से ज्यादा पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने बताया कि इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद 14 से अधिक सरकारी इमारतों को आग लगा दी गई और लूट लिया गया, और स्थिति में फिलहाल के लिए कोई सुधार नहीं दिख रहा।

उधर पीटीआई के नेताओं ने दावा किया है कि पूर्व पीएम को एक “गुप्त स्थान” पर स्थानांतरित कर दिया गया है और चिंता जताई है कि उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा। कुछ जगह तो इनके मृत्यु की भी अफवाह वायरल होने लगी। देश भर के कई शहरों में, प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं और पुलिस और अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ उनकी लड़ाई हुई। क्वेटा में पहले ही एक मौत और पांच लोग घायल हो चुके हैं। लाहौर, कराची, पेशावर और रावलपिंडी से भी अशांति की सूचना मिली थी। घटनाओं के आलोक में, पूरे देश में मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। पाकिस्तान में ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी रोक लगा दी गई है।

खोने को कुछ नहीं

इमरान खान को देखकर इस समय वही बात याद आती है, “चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए”। विश्वास न हो तो उनके गिरफ़्तारी से कुछ समय पूर्व के वीडियो देखिए।
मंगलवार को गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले इमरान खान ने पाकिस्तानी ISI के मीडिया सेल, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के एक बयान का जवाब देते हुए एक वीडियो जारी किया और कहा कि वह देश की ‘सबसे बड़ी’ राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं और वह उसके पास झूठ बोलने का कोई कारण नहीं था। इन्होंने ये भी कहा कि वह सलाखों के पीछे जाने के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं।

6 मिनट लंबे वीडियो में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता ने कहा कि संबंधित अधिकारी ने उन्हें दो बार मारने की कोशिश की थी और वह इतना शक्तिशाली था कि पंजाब में सत्ता में होने के बाद भी वह (खान) मामला दर्ज करने में असमर्थ था।

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“सबसे पहले, आईएसपीआर ने एक बयान जारी किया है कि मेरे द्वारा एक खुफिया अधिकारी का नाम लेने से सेना का अपमान हुआ है जिसने मुझे दो बार मारने की कोशिश की है। आईएसपीआर साहब, मेरी बात ध्यान से सुनिए। सम्मान किसी एक संस्था तक ही सीमित नहीं है; सम्मान हर एक नागरिक के लिए होना चाहिए,” खान ने पुनः दोहराया कि वह देश की ‘सबसे बड़ी’ राजनीतिक पार्टी के प्रमुख थे और उन्हें झूठ बोलने की जरूरत नहीं थी।

अब क्या करेगी पाकिस्तानी सेना

वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तानी आईएसपीआर ने सोमवार को खान के “एक सेवारत वरिष्ठ सैन्य अधिकारी” के खिलाफ ‘बेहद गैर जिम्मेदाराना और निराधार आरोपों’ की निंदा की।
हालांकि, यह इस तथ्य को निष्प्रभावी नहीं करता है कि पाकिस्तान इस समय घोर विपदा में है। अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, सशस्त्र बल के पीछे विरोधी हाथ धोकर पड़े हैं, और जनता बिना सिर वाले मुर्गे की तरह इधर-उधर भाग रही है। इस तरह, अगर उन्हें यह सुनिश्चित करना है कि उनका आधिपत्य निर्विवाद बना रहे, तो पाकिस्तान सेना को वह करना होगा जो उसने जुल्फिकार अली भुट्टो साथ किया था, हालांकि यह काम करना ही अपने आप में टेढ़ी खीर होगी।

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