“The Kerala Story” से हटा Ban: गजब की निष्पक्षता दिखाई चंद्रचूड़ ने!

CJI चंद्रचूड़ किस लाइन में आ गए?

The Kerala Story Ban: वो कहते हैं, कभी भी किसी से आवश्यकता से अधिक अपेक्षाएँ न रखें, अक्सर ही टूट जाते हैं। बेचारे वामपंथी, सोचे थे कि चंद्रचूड़ अंकल आएंगे, उनकी नैया पार लगाएंगे, और भारत को “Workers’ Paradise” यानि वामपंथियों का स्वर्ग बना देंगे। परंतु चंद्रचूड़ महोदय के कुछ और ही विचार थे।

इस लेख में पढिये कैसे “The Kerala Story” पर Ban हटाकर CJI चंद्रचूड़ ने एक विचित्र माहौल उत्पन्न किया है, और क्यों अब लिबरलों से न निगलते बन रहा है, और न ही उगलते।

द केरल स्टोरी पर बैन को चुनौती

सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित “द केरल स्टोरी” को किसी विशेष परिचय की आवश्यकता नहीं। इस फिल्म ने समस्त देश का ध्यान अवैध धर्मांतरण की ओर आकृष्ट करते हुए बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा रखी है। फिल्म ने अब तक लगभग 20 से 30 करोड़ के बजट के मुकाबले करीब 165 करोड़ की कमाई की है। अब ये फिल्म 200 करोड़ क्लब की ओर अग्रसर है।

परंतु कुछ ऐसे भी लोग है, जो कुछ अलग प्रकार से इस फिल्म को बढ़ावा दे रहे हैं। जहां तमिलनाडु के अधिकतम हॉल ने इस फिल्म के स्क्रीनिंग से मना कर दिया, तो बंगाल सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए इसे “राज्य की सुरक्षा” के लिए खतरा बताया, और इस The Kerala Story पर अविलंब ban लगा दिया।

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लिबरलों को लगा जोर का झटका!

अब इसी विषय पर ममता प्रशासन, और साथ ही साथ वामपंथियों को सुप्रीम कोर्ट ने जबरदस्त झटका इस फिल्म पर से प्रतिबंध को हटा दिया है। जहां प्रतिबंध के समर्थन में कपिल सिब्बल से लेकर अभिषेक मनु सिंघवी बंगाल का पक्ष ले रहे थे, तो वहीं जनता और केंद्र सरकार की ओर से हरीश सालवे जैसे अधिवक्ता उपस्थित थे।

हरीश सालवे ने सुप्रीम कोर्ट के ही एक मामले का उदाहरण देते हुए The Kerala Story पर लगा अनावश्यक ban हटाने की मांग की। उनके अनुसार, जब 2019 में ‘भबिष्यतेर भूत’ पर ममता सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध हटाया जा सकता है, तो फिर इसे क्यों नहीं?

इस पर अभिषेक मनु सिंहवी ने कानून व्यवस्था की दुहाई देते हुए कहा कि फिल्म के समस्त तथ्य झूठ है, और ये राज्य में अराजकता फैला सकता है। इसके अलावा उन्होंने राज्य में अल्पसंख्यकों की संख्या का भी वास्ता दिया। परंतु इस विषय पर CJI चंद्रचूड़ भड़क गए, और उन्होंने पूछा, “तो क्या भीड़ के डर से फ्री स्पीच पर लगाम लगा दें?”

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CJI चंद्रचूड़ के अजब गजब किस्से!

जी हाँ, ये बात CJI चंद्रचूड़ ने कही है। जिस प्रकार से इन्होंने कट्टरपंथियों को इस विषय पर धोया है, उसके अनेक अर्थ निकलते हैं। परंतु अगर इनके पिछले रिकॉर्ड को देखें, तो एक बात पक्का है : CJI डी वाई चंद्रचूड़ काफी विचित्र व्यक्ति है। जितने ही यह लिबरलों के प्रिय है, उतने ही इनके कई निर्णय उन्हे बगलें झाँकने पर विवश कर देते हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि इसी फ्री स्पीच के आधार पर इन्होंने पिछले वर्ष मोहम्मद ज़ुबैर को पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद भी बेल पर छोड़ दिया। परंतु अगर समय का चक्र कुछ वर्ष पूर्व ले जाएँ, तो जिस आधार पर मोहम्मद ज़ुबैर को छोड़ा गया, उसी आधार पर महा विकास अघाड़ी को जोर का झटका देते हुए इन्ही चंद्रचूड़ ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर अर्नब गोस्वामी के जेल भेजे जाने को अवैध बताया और उन्हे अविलंब रिहा करने के आदेश दिए। इस निष्पक्षता पर शोध अति आवश्यक है।

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