Senthil Balaji arrest: ईडी ने तोड़ी स्टालिन की कमर!

भागो, ईडी आया!

Senthil Balaji arrest: बुधवार तड़के, एक ऐसी घटना हुई, जिसने तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल सा ला दिया है। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार में विद्युत, निषेध और उत्पाद शुल्क के वर्तमान मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिरासत में ले लिया। कारण: मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होना। ये केवल एक गिरफ़्तारी नहीं है, ये दशकों से चले आ रहे तमिलनाडु की कुत्सित राजनीति पर एक अप्रत्याशित प्रहार है।

इस लेख में पढिये तमिलनाडु में हाल की उथल-पुथल के पीछे की गतिशीलता के बरे में, और ये भी जानिए कि इससे सबसे अधिक लाभ किसे और क्यों होगा!

ऊर्जा मंत्री हिरासत में!

तमिलनाडु में नौकरी के लिए नकद संबंधी घोटाले में सेंथिल बालाजी के घर पर धावा बोला। अगली सुबह, बालाजी को एक अनिवार्य चिकित्सा परीक्षण के लिए चेन्नई के ओमांदुरार सरकारी अस्पताल में लाया गया, जो आधिकारिक गिरफ्तारी (Senthil Balaji arrest) से पहले एक प्रथागत अभ्यास था। मंत्री के साथ सुरक्षाकर्मियों का एक काफिला भी था, जो स्थिति की गंभीरता को रेखांकित कर रहा था।

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फिर क्या था, बालाजी (Senthil Balaji arrest) महोदय जैसे ही टेसुऐं टपकाने लगे, बवाल मच गया। उनके समर्थक, सुबह-सुबह, ईडी की कार्रवाई के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए जल्दी से उस स्थान पर जमा हो गए। स्पष्ट तनाव, रैलियों में जुटे समर्थक, और आंसुओं में एक पूर्व आधिकारिक व्यक्ति की दृष्टि राजनीतिक प्रभाव से भरे एक दृश्य के लिए बनाई गई थी।

क्या स्टालिन, क्या कांग्रेस, स्वयं भ्रष्टाचार के विरुद्ध कभी नारा बुलंद करने वाली आम आदमी पार्टी तक इस आरोपी के समर्थन में नारेबाजी करने लगी। समय समय की बात है बंधु!

Senthil Balaji arrest: हिपोक्रेसी का दूसरा नाम एमके स्टालिन

परंतु खेल तो यहाँ से प्रारंभ होता है। जब एमके स्टालिन विपक्षी नेता थे, तो महोदय इसी सेंथिल बालाजी को जेल में डलवाना चाहते थे। भ्रष्टाचार, लूटपाट, अपहरण और जमीन हड़पने के आरोपों को मिला दिया गया था और स्टालिन ने अपने मतदाताओं से वादा किया था कि बालाजी को कारावास भोगना ही पड़ेगा। अरे अन्ना, आपको तो प्रसन्न होना चाहिए, ईडी ने बिना मांगे आपकी इच्छा पूर्ण कर दी। परंतु फिर स्मरण हुआ कि पलटने में तो स्टालिन नीतीश कुमार के खोए हुए भ्राता लगते हैं।

अब ऐसे अवसर को भाजपा के धाकड़ राजनीतिज्ञ, के अन्नामलई अपने हाथ से कैसे जाने देते? प्रारंभ से ही डीएमके पर आक्रामक रहे अन्नामलई ने बालाजी के बारे में स्टालिन की पुरानी बयानबाजी ओर ध्यान आकर्षित किया। अपने तर्क को आगे बढ़ाते हुए, अन्नामलाई ने संघवाद पर स्टालिन के विचारों में असंगतता की ओर इशारा किया। उन्होंने 2016 में तमिलनाडु के मुख्य सचिव के कार्यालय पर आईटी विभाग के छापे के स्टालिन के समर्थन की जनता को याद दिलाया, यह स्थिति संघवाद के अपमान के रूप में ईडी के छापे की उनकी हालिया आलोचना के विपरीत है।

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के अन्नामलई और उनका स्वच्छ रिकॉर्ड

वैसे भी के अन्नामलई कोई छोटे मोटे व्यक्ति नहीं है। एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के रूप में इनका रिकॉर्ड एकदम स्वच्छ है, जो उनके शब्दों में वजन जोड़ता है। इन घटनाओं के बीच भ्रष्टाचार की बीमारी को जड़ से खत्म करने की उनकी अटल प्रतिबद्धता को नया जोश मिला है। वह अब तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य को साफ करने के लिए दृढ़ प्रतीत होता है, जो उनके विचार में, एमके स्टालिन जैसे द्रविड़ राजनेताओं द्वारा कलंकित किया गया है। ऐसे में इनके विरुद्ध कोई फर्जी एक्शन लेना आग को मुट्ठी में भींचने के बराबर होगा।

बालाजी की गिरफ्तारी तमिलनाडु के राजनीतिक संवाद में एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतिनिधित्व करती है। इसने सत्तारूढ़ डीएमके के भीतर संतुलन को बिगाड़ दिया है, साथ ही साथ अन्नामलाई को खूब संबल प्रदान किया है। अब देखना ये होगा कि इस अवसर को वे किस तरीके से अपने एवं तमिलनाडु में भाजपा के विकास के लिए भुनाते हैं, क्योंकि वैसे भी राज्य में अब एक सशक्त विपक्षी दल की घनघोर आवश्यकता आन पड़ी है।

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