हाल ही में प्रयागराज में यूपी पुलिस ने एक हॉस्टल पर छापा मारा! तो, इसमें कौन सी नई बात हुई? नई बात यह है इस हॉस्टल से निकली सामग्री, जो आपको झकझोरने के लिए पर्याप्त है. इस हॉस्टल से ३० कच्चे बम और २ देसी कट्टे बरामद हुए. एक बम स्क्वाड को भेजकर इन बमों को निष्क्रिय कराना पड़ा!
सारी कथा प्रारम्भ हुई बमबाजी से! जी हाँ, आपने ठीक पढ़ा. प्रयागराज में स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल में बमबाजी और फायरिंग से सनसनी फैल गई। कर्नलगंज समेत कई थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और हास्टल में सर्च आपरेशन चलाया। इस दौरान दो तमंचे व 30 देशी बम बरामद हुए। आसिफ और इंस्पेक्टर बृजेश सिंह की तहरीर पर 11 लड़कों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। नामजद आरोपितों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
हॉस्टल का कमरा नंबर 57 प्रतापगढ़ के डेरवा निवासी मुबस्सिर हारुन और प्रयागराज निवासी ओबैदा के नाम पर कमरा नंबर 35 आवंटित हैं। दोनों के कमरे से तमंचा और बम बरामद हुए हैं। तलाशी से पहले ही दोनों तमंचा फेंककर भाग गए थे। पुलिस ने बताया कि मुबस्सिर खान के खिलाफ जार्जटाउन थाने में भी जानलेवा हमले के आरोप में मुकदमा दर्ज है। वह आपराधिक प्रवृत्ति का है।
इसी हास्टल में उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की हत्या की साजिश रचने वाला सदाकत खान भी रहता था, जो अभी हिरासत में है! घटना से हास्टल के अंतेवासियों में खलबली मच गई। थोड़ी ही देर में पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन फायरिंग व बमबाजी करने वाले भाग निकले थे। पुलिस अधिकारियों ने हास्टल के अधीक्षक डा. इरफान अहमद को बुलाकर तलाशी अभियान शुरू किया और फिर दो तमंचे व 30 बम बरामद किए गए। हमले के आरोप में आसिफ ने और तमंचा व बम बरामदगी पर इंस्पेक्टर बृजेश सिंह ने कर्नलगंज थाने में केस दर्ज कराया है।
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मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल अक्सर सुर्खियों में रहता है। कई बार अवैध रूप से रहने वाले छात्रों को बाहर करके कमरे खाली करवाए गए, लेकिन बाद में फिर कुछ को आवंटित कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि हास्टल के कमरे में इतने बम और तमंचा किस उद्देश्य से रखे गए थे, इससे जुड़े राज आरोपितों की गिरफ्तारी पर खुलेंगे। नामजद अभियुक्तों को पकड़ने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से भी मदद ली जा रही है।
एक बोर्डिंग हॉस्टल से हथियारों और विस्फोटकों के ऐसे जखीरे का निकलना कई गंभीर प्रश्नों पर हमारा ध्यान केंद्रित करती है जो अक्सर आपराधिक गतिविधियों पर पर्दा डालती हैं। यह घटना न केवल ऐसे खतरनाक भंडार के उद्देश्य के बारे में सवाल उठाती है, बल्कि व्यापक सुरक्षा चुनौतियों के बारे में भी सवाल उठाती है, जिन्हें छात्रों और कर्मचारियों की भलाई की सुरक्षा के लिए संबोधित करने की आवश्यकता है। जैसे-जैसे जांच जारी है, इस चिंताजनक खोज से उत्पन्न होने वाले निहितार्थों की पूरी सीमा देखी जानी बाकी है। परन्तु एक सन्देश तो स्पष्ट है : यूपी को बंगाल नहीं बनने दिया जायेगा!
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