सूबेदार नीरज चोपड़ा ने फिर रचा इतिहास, बने विश्व एथलेटिक चैम्पियन

भारतीय स्पोर्ट्स के गोल्डन बॉय!

World Athletics Championships: देर रात तक जगना कोई अच्छी बात नहीं होती, परन्तु २७ अगस्त की रात कुछ लोगों के लिए ये वरदान सिद्ध हुआ. उन्होंने अपने समक्ष एक नए विश्व चैम्पियन को उभरते देखा, जिसके लिए निरंतरता उनकी दिनचर्या का भाग है. सूबेदार नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए IAAF विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता! नीरज चोपड़ा की उल्लेखनीय उपलब्धि एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि वह IAAF World Athletics Championships में शीर्ष स्थान हासिल करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। आईएएएफ विश्व एथलेटिक्स फाइनल में अंजू बॉबी जॉर्ज के ऐतिहासिक रजत पदक के बाद, जो बाद में 2014 में स्वर्ण पदक तक अपग्रेड हुआ , यह उपलब्धि भारत की खेल विरासत को और समृद्ध बनाती है।

नीरज चोपड़ा का नाम अब भारतीय खेलों के इतिहास में दर्ज हो गया है, जो अपने असाधारण कौशल और दृढ़ समर्पण से पीढ़ियों को प्रेरित कर रहे हैं। उनकी जीत न केवल व्यक्तिगत जीत का प्रतीक है बल्कि वैश्विक खेल मंच पर देश की बढ़ती ताकत को भी दर्शाती है।हंगरी के बुडापेस्ट में IAAF World Athletics Championships में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच, सूबेदार नीरज चोपड़ा ने अपने अटूट दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। प्रथम थ्रो में फाउल के बावजूद चोपड़ा ने निराशा को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने अपने कौशल और ताकत का परिचय देते हुए आश्चर्यजनक सटीकता और ताकत के साथ भाला फेंका और 88.17 मीटर की उल्लेखनीय दूरी तय की। इस थ्रो ने स्वर्ण पदक सुनिश्चित किया, जो भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।

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उल्लेखनीय रूप से, नीरज चोपड़ा को पाकिस्तानी एथलीट अरशद नदीम से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा, जो स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा करने के काफी करीब आ गए थे, लेकिन 35 सेंटीमीटर से चूक गए। नदीम का थ्रो 87.82 मीटर की प्रभावशाली दूरी तक पहुंचा, जो दोनों एथलीटों के बीच तीव्र प्रतिद्वंद्विता को उजागर करता है।

इसके अतिरिक्त पुरुषों की भाला फेंक प्रतियोगिता में पहली बार, जिसमें अक्सर अमेरिकी और यूरोपीय एथलीटों का दबदबा रहता था, एक से अधिक एशियाई दावेदार डटे रहे। बदलते परिदृश्य के बीच यूरोप की प्रतिष्ठा को बरकरार रखते हुए चेक गणराज्य के जैकब वाडलेज्च ने 86.67 मीटर के ठोस थ्रो के साथ कांस्य पदक हासिल किया।
नीरज चोपड़ा की अविश्वसनीय विजय उन्हें 2024 में पेरिस ओलंपिक के लिए सबसे प्रबल दावेदार है, जहां वह अपने प्रतिष्ठित खिताब की रक्षा करने का प्रयास करेंगे। यह शानदार जीत न केवल उनकी असाधारण प्रतिभा को प्रमाणित करती है, बल्कि उन्हें देश भर के महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए आशा और प्रेरणा की किरण के रूप में भी स्थापित करती है।

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परन्तु नीरज इस उपलब्धि में अकेले न थे. किशोर जेना और डीपी मनु ने अपेक्षाओं के विपरीत दमदार प्रदर्शन करते हुए अपनी अलग पहचान बनाई. अपेक्षाओं के विपरीत किशोर ने 84.77 मीटर तक भाला फेंका. परन्तु वे एक ऐतिहासिक पदक से कुछ मीटर चूक गए, और उन्हें ५वें स्थान से संतोष करना पड़ा. इसी भांति युवा डीपी मनु का 84.14 मीटर तक भाला फेंकना उन्हें ६ठा स्थान ही दिला पाया.

इसके अतिरिक्त पुरुष की 4 x 400 मीटर रिले टीम भी पोडियम फिनिश से कुछ सेकेण्ड से चूक गई, परन्तु उनका ५वां स्थान प्राप्त करना भी कोई मज़ाक नहीं! हम आशा करेंगे कि इनका प्रदर्शन और निखरे, और ये भी सूबेदार नीरज चोपड़ा की भांति इतिहास बनाने में आगे आये!

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