चंद्रयान ३ मिशन का उपहास उड़ाने के लिए प्रकाश राज की लगाईं गई क्लास!

इतनी घृणा लेकर कहाँ जाओगे प्रकाश बाबू?

फ़िल्मी जगत में अक्सर हमने अनुभव किया है कि जो दिखता है, आवश्यक नहीं वही हो. ऑन स्क्रीन जो हीरो हो, आवश्यक नहीं कि वो ऑफ़ स्क्रीन भी वैसा ही आचरण रखे. परन्तु कुछ ऐसे भी हैं, जो परदे पर और रियल लाइफ, दोनों में ही समान आचरण रखते हैं, जैसे प्रकाश राज! और यह कोई गर्व करने वाली बात नहीं!

परन्तु हुआ क्या? मोदी विरोध के लिए अक्सर “विवादों के केंद्र” में रहने वाले प्रकाश राज ने एक विवादस्पद पोस्ट X [पूर्व में ट्विटर] पर डाला, जिसमें वे चंद्रयान ३ मिशन का उपहास उड़ाते हुए दिखाई दे रहे थे. इन्होने एक कार्टून के माध्यम से ये दिखने का प्रयास किया था कि चंद्रयान ३ के लैंडिंग पर कैसे चित्र आ सकते हैं!

लेकिन प्रकाश का सेन्स ऑफ़ ह्यूमर प्रकाश के अतिरिक्त किसी को न समझ में आया. आम तौर पर प्रकाश के चिड़चिड़ेपन को लोग उतना ही भाव देते हैं, जितने भारतीय क्रिकेट टीम मेहनती क्रिकेटर्स को! परन्तु इस बार इन्होने निर्लज्जता की पराकाष्ठा पार कर दी, जिसके पीछे आक्रोशित सोशल मीडिया यूज़र्स ने इन्हे आड़े हाथों लिया!

उदाहरण के लिए ऑनलाइन कॉमेडियन अपूर्व गुप्ता ने पोस्ट किया, “घृणा के साथ दिक्कत ये है, अगर किसी एक से आपको घृणा है, तो वह धीरे धीरे सभी से घृणा में परिवर्तित हो जाती है. आप व्यक्ति, विचार और राष्ट्रीय उपलब्धि में भेद भूल जाते हैं! सब आपके लिए एक हो जाते हैं! ऐसे ‘प्रतिभावान अभिनेता’ को ऐसा करते देख दुःख होता है!”

अन्य यूज़र्स ने प्रकाश को इसरो की संभावित उपलब्धि में भी राजनीति का बहाना ढूंढने के लिए काफी सुनाया! एक यूज़र ने कमेंट भी किया, “प्रकाश जी, ये चंद्रयान मिशन इसरो का है, भाजपा का नहीं! अगर इसे सफलता मिलेगी, तो ये भाजपा की नहीं, देश की सफलता होगी! आप क्यों चाहते हैं कि ये मिशन फेल हो? भाजपा आज है, कल सत्ता में नहीं होगी! परन्तु इसरो तो वर्षों तक रहेगा. ‘सत्य’ की खोज में आप मूलभूत राष्ट्रवाद को ही दरकिनार करना चाहते हैं! इस नौटंकी से कृपया इसरो को दूर रखें!”

स्वयं अभिषेक मनु सिंहवी जैसे कांग्रेसी दिग्गज तक प्रकाश की इस टिपण्णी से क्रोधित दिखे. उन्होंने अपने X अकाउंट पे पोस्ट किया, “इस निर्लज्ज ट्वीट के लिए मैं प्रकाश राज की निंदा करता हूँ. इसरो की सफलता भारत की सफलता है!”

परन्तु प्रकाश राज के ट्वीट्स को देखकर ऐसा नहीं लगता कि उसे इस बात की तनिक भी चिंता है! ये ट्वीट करते हैं, ” नफरत करने को सिर्फ नफरत ही दिखाई देती है! अरे मैं तो केरल के चायवाले की बात कर रहा था, आपको कौन सा चायवाला दिख गया? अगर आपको मज़ाक नहीं समझ में आता, तो आपकी गलती!”

देखिये प्रकाश ब्रो, बहुत ही घटिया कॉमेडियन देखे हैं, कुछ तो कुष कपिला और कुणाल कामरा जैसे भी, परन्तु वे भी इतने लीचड़ जोक नहीं रच पाएंगे, जैसा आप प्रयास कर रहे हैं! परन्तु बात भी किसकी कर रहे हैं, जो मोदी विरोध में भारत के अहित की कामना करे, उसकी?

संक्षेप में ये घटना हमें समझाती है कि विरोध और अनर्गल प्रलाप  के बीच में काफी अंतर होता है. ये छोटी सी बात अगर प्रकाश राज  नहीं समझ पा रहे तो ये इनकी निजी समस्या है. परन्तु इसका अर्थ ये नहीं कि वे राष्ट्रीय उपलब्धियों का ही उपहास उड़ाना प्रारम्भ कर दे!

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