बर्फीली वादियों में रोमांटिक गीत,
टाइटैनिक से भी बड़े सेट,
रणवीर सिंह और जया बच्चन से सुपर नेचुरल एक्टिंग,
साथ में फर्जी रिव्यू और कॉर्पोरेट बुकिंग का जोरदार तड़का!
परिणाम : रॉकी और रानी की प्रेम कहानी पहले वीकेंड में ६० करोड़ भी न निकल पाई!
क्या करण व्रो, इतनी उम्मीदें लगाईं थी आपसे, और आप तो सिद्धार्थ आनंद से पिट गए! तो नमस्कार देवियों और सज्जनों, इस लेख में मैं आपको अवगत कराऊंगा “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” के कलेक्शन की सच्चाई से, और क्यों अब करण जौहर न घर के रहे, न घाट के!
क्या करण जौहर बनेगा रे तू!
कुछ लोग अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीखते, और अंकल करण जौहर इस बात का जीता जागता प्रमाण है. अगर इतने छल प्रपंच के बाद भी आप ओपेनिंग वीकेंड में ५० करोड़ भी न निकाल पाए, तो ये आपकी परिपक्वता और आपकी सूझ बूझ के बारे में बहुत कुछ करता है. अपने आप को जनाब “बॉलीवुड के ध्वजवाहक” बताते हैं, और सोमवार को “द केरल स्टोरी” का कलेक्शन भी न पार कर पाए, क्या करण जौहर बनेगा रे तू!
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“रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” बड़े पर्दे पर करण की शानदार वापसी मानी जा रही थी, लेकिन ऐसा लगता है कि इसकी भव्यता का एकमात्र प्रमाण इसका भारी भरकम बजट था। जब १७८ करोड़ वसूलने के लिए अच्छा कंटेंट न हो, तो फर्जी PR और कॉर्पोरेट बुकिंग ही एकमात्र सहारा है.
IT’S ROCKING… #RockyAurRaniKiiPremKahaani puts up a solid show of strength on Day 3 [Sun]… The phenomenal jump on Sat and Sun has given its theatrical journey the much-required boost… Fri 11.10 cr, Sat 16.05 cr, Sun 18.75 cr. Total: ₹ 45.90 cr. #India biz.
The performance at… pic.twitter.com/ugXwsV9isq
— taran adarsh (@taran_adarsh) July 31, 2023
स्कैम संस्करण की नई खोज?
हमें पता नहीं क्यों लगता है कि करण जौहर अपने आप को “स्कैम सीरीज़” के अगले संस्करण के लिए तैयार कर रहे हैं. विश्वास नहीं मानते तो आंकड़ों को देखिये। एक फिल्म से आप कितना कमा लोगे? मानिये २० करोड़ की फिल्म है, और वह जनता को पसंद आई. तो घरेलु कमाई कुछ ४० से ५० करोड़ के आसपास होगी, और अनुपात में विदेशी कमाई १० से २० करोड़. एक अच्छी खासी दूरी दोनों में रहेगी. परन्तु जिस फिल्म को घरेलु बॉक्स ऑफिस पर ५० करोड़ प्राप्त करने में पसीने छूट रहे हों, वह विदेश से ३५ करोड़ से अधिक कैसे निकाल लिया?
लगता है कि करण जौहर शो बिजनेस का मूलभूत सिद्धांत भूल गए हैं – कंटेंट ही राजा है! आप सिर्फ सितारों से सजी कास्ट को एक साथ नहीं रख सकते हैं और उम्मीद कर सकते हैं कि नोट छपना प्रारम्भ हो जाएंगे। आप फरहाद सामजी हैं तो आपकी निर्लज्जता फिर भी समझ आती है, पर करण जौहर होकर ऐसी निर्लज्जता? हद्द है!
अगर आप “दृश्यम २” और “भूल भुलैया २” जैसी फिल्मों को नहीं पछाड़ पा रहे हो, तो भाई आपको अपने प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करना चाहिए. समीक्षकों को भुगतान करने से लेकर प्रचार की झूठी भावना पैदा करने से लेकर जादुई तरीके से रातोंरात बुकिंग संख्या बढ़ाने तक, करण ने वह सब किया, जिसके लिए वह कुख्यात हैं। लेकिन क्षमा करें, मिस्टर जौहर, झाड़ू लेकर तूफ़ान रोकने की आपकी निंजा टेक्नीक किसी काम की नहीं!
बेटा, तुमसे न हो पायेगा!
अगर चीजें इसी गति से चलती रहीं, तो “रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” एक धुंधली याद से ज्यादा कुछ नहीं बनकर रह जाएगी। यह हास्यास्पद है कि कैसे कुछ लोग अभी भी मानते हैं कि संख्याओं में हेराफेरी करके इस सिनेमाई आपदा को पूर्ण विनाश से बचाया जा सकता है। लेकिन अगर वर्तमान आंकड़ों से भी चले, तो १५ करोड़ प्रतिदिन का कलेक्शन लेकर भी आप अपने फिल्म का बजट न निकाल पाओगे इस हफ्ते, हिट या सुपरहिट की बात तो छोड़ ही दीजिये!
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शायद अब श्री जौहर के लिए एक कदम पीछे हटने और अपनी पसंद का पुनर्मूल्यांकन करने का समय आ गया है। यदि “गहराइयां” और “ब्रह्मास्त्र” जैसे डिजास्टर जागृत करने के लिए पर्याप्त नहीं थे, तो यह भारी विफलता ताबूत में अंतिम कील होनी चाहिए।
शायद अब करण जौहर के लिए या तो ड्राइंग बोर्ड पर वापस जाने या निर्देशक की कुर्सी से शालीनता से त्यागने का समय आ गया है। आख़िरकार, आप हर समय सभी लोगों को मूर्ख नहीं बना सकते हैं, और आप निश्चित रूप से घटिया सामग्री और झूठे प्रचार से दर्शकों को मूर्ख नहीं बना सकते हैं।
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