Swati Maliwal: हाल ही में दिल्ली सरकार के उच्चाधिकारी प्रेमोदय खाखा के हिरासत में लिए जाने से खलबली मची हुई है. प्रेमोदय दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास कल्याण मंत्रालय में बतौर डिप्टी डायरेक्टर तैनात थे, परन्तु यौन शोषण के मामले में आरोपित होने के बाद इन्हे निलंबित किया गया, जिसके बाद इन्हे पदच्युत किया गया एवं दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया!
परन्तु चिंता की बात ये नहीं है, चिंता की बात तो यह है कि कैसे दिल्ली सरकार इस मामले को दबाने को प्रयासरत है, और किस प्रकार दिल्ली महिला आयोग की वर्तमान अध्यक्ष स्वाति मालीवाल बात का बतंगड़ बना दिल्ली सरकार का काम और बिगाड़ रही है!
परन्तु मामला क्या है? मीडिया सूत्रों के अनुसार, आरोपित प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2022 से लेकर जनवरी 2021 तक नाबालिग पीड़िता के साथ कई बार दुष्कर्म किया। आरोप है कि प्रेमोदय की हरकतों की जानकारी पीड़िता ने उसकी पत्नी सीमा को दी थी। लेकिन पति का विरोध करने के बजाय वह उसके साथ ही मारपीट करती थी।
पीड़िता के गर्भवती होने पर प्रेमोदय खाखा की पत्नी ने उसे गर्भपात की गोलियाँ खिलाई। इससे उसकी तबियत खराब हो गई। लड़की को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहाँ उसने डॉक्टर को पूरी आपबीती सुना दी। इसके बाद मामला पुलिस के संज्ञान में आया। पुलिस ने पॉक्सो, यौन शोषण, जान से मारने की धमकी, जबरन गर्भपात, मारपीट समेत अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया।
प्रेमोदय खाखा के बारे में सामने आया है कि उसके खिलाफ 3 अन्य महिलाओं ने भी वर्कप्लेस पर उत्पीड़न की शिकायत दी थी। आरोप है कि उनके ही विभाग ने इस मामले को रफा-दफा कर दिया और उनसे जवाब तक नहीं माँगा।
Sources say the wcd officer accused of rape was handpicked to become Osd to wcd minister in delhi govt – this is how close it gets pic.twitter.com/rqEUaJJ4Dl
— pallavi ghosh (@_pallavighosh) August 21, 2023
और पढ़ें: AAP के रातों की नींद उड़ाने आया टाइम्स नाउ, इस बार कठघरे में नरेश बाल्यान
ऐसे में सत्ताधारी प्रशासन का क्या रवैया रहा है? इनकी हरकतों को देखते हुए असभ्य / निर्लज्ज भी बहुत छोटा शब्द होगा! आम आदमी पार्टी ने पहले तो इस मामले को दबाने का प्रयास किया, लेकिन जैसे जैसे मामले से जुडी जानकारी सामने आई, दिल्ली सरकार के लिए स्थिति बद से बदतर हो गई!
सोशल मीडिया से पता चलता है कि प्रेमोदय खाखा कट्टर ईसाई है। एक फेसबुक पोस्ट में उसने लिखा है, “मेरी कोई आशा न होती यदि मैं इस बात से अनजान होता कि किसी ने मेरे सब कर्मों का फल क्रूस पर बलिदान होकर भुगत लिया।” उसने इंट्रो में बाइबिल का एक उद्धरण लगा रखा है। ऐसे में जांचकर्ता इस बात पर भी ध्यान दे रहे हैं कि इस घटना में चर्च की क्या भूमिका था, क्योंकि पीड़िता का अभियुक्त से सर्वप्रथम परिचय एक चर्च में ही हुआ था!
तो स्वाति मालीवाल की चर्चा किसलिए? ऐसे तो छोटी से छोटी घटना पर इनकी नौटंकियों से कोई अपरिचित नहीं है. परन्तु यहाँ भी इन्होने धरना प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. इतने संवेदनशील मामले में भी ये अपने ओछेपन से बाज़ नहीं आई. मान लेते हैं कि आम आदमी पार्टी का प्रेमोदय से कोई विशेष नाता नहीं, परन्तु स्वाति मालीवाल की हरकतें अब इन्ही की मुसीबतें बढ़ाने वाली हैं!
इसके अतिरिक्त NCPCR ने भी दिल्ली सरकार के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी स्वतंत्र जांच के आधार पर मामले को संभालने के दिल्ली सरकार के तरीके पर असंतोष व्यक्त किया है। एनसीपीसीआर प्रमुख प्रियंक कानूनगो के अनुसार, अधिकारियों द्वारा कई महत्वपूर्ण पहलुओं की अनदेखी की गई है। कानूनगो ने स्वाति मालीवाल को भी आड़े हाथों लिया! उन्होंने स्वाति द्वारा अस्पताल में मचाये गए उपद्रव को लेकर कहा कि ये एक घिनौना कृत्य था, जिसका उद्देश्य परिवार का समर्थन करने के वास्तविक प्रयास के बजाय अपनी ओर ध्यान आकर्षित करना था। DCW की वर्तमान अध्यक्ष का ये रवैया केवल आम आदमी पार्टी के लिए आगे मुसीबतें बढ़ाने वाला है!
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।