TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘विश्व संवाद केंद्र’ संचार माध्यमों, सोशल मीडिया और मीडिया की ताकत को राष्ट्र हित में उचित दिशा देने के लिए प्रयासरत है

    ‘संवाद से सौहार्द’ की ओर ‘विश्व संवाद केंद्र’ की भूमिका

    डूबो डूबो के मारेंगे: राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को डुबोने की धमकी दी

    निशिकांत के ‘पटक के मारेंगे’ पर राज ठाकरे ने कहा- ‘समंदर में डुबो के मारेंगे’; जानें सांसद की प्रतिक्रिया?

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    चीन की सीमा से सटे 'सब-सेक्टर नॉर्थ' (SSN) तक त्वरित और सुरक्षित आवागमन होगा सुनिश्चित (FILE PHOTO)

    चीन की सरहद पर भारत की रणनीतिक बढ़त, नवंबर 2026 तक तैयार होगा नया ‘सैन्य मार्ग’

    ‘रामा’ कवच वाला दुनिया का पहला ड्यूल स्टील्थ ड्रोन बना रहा भारत, जानें क्या होंगी विशेषताएं?

    ‘रामा’ कवच वाला दुनिया का पहला ड्यूल स्टील्थ ड्रोन बना रहा भारत, जानें क्या होंगी विशेषताएं?

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

    अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

    ट्रंप ने मीडिया हाउस पर ठोका ₹86,000 करोड़  का मानहानी का केस, जानें क्या है ‘न्यूड तस्वीर’ का मामला?

    ट्रंप ने मीडिया हाउस पर ठोका ₹86,000 करोड़ का मानहानी का केस, जानें क्या है ‘न्यूड तस्वीर’ का मामला?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘विश्व संवाद केंद्र’ संचार माध्यमों, सोशल मीडिया और मीडिया की ताकत को राष्ट्र हित में उचित दिशा देने के लिए प्रयासरत है

    ‘संवाद से सौहार्द’ की ओर ‘विश्व संवाद केंद्र’ की भूमिका

    डूबो डूबो के मारेंगे: राज ठाकरे ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को डुबोने की धमकी दी

    निशिकांत के ‘पटक के मारेंगे’ पर राज ठाकरे ने कहा- ‘समंदर में डुबो के मारेंगे’; जानें सांसद की प्रतिक्रिया?

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    आखिर ईडी ने भूपेश बघेल के बेटे को क्यों गिरफ्तार किया? छत्तीसगढ़ शराब घोटाले पर एक नज़र

    राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई, सीएम सरमा ने कहा: पुलिस भड़काऊ भाषणों की समीक्षा करेगी

    ‘राहुल गांधी ने असम में फिर से हिंसा भड़काई’, जानें, सीएम सरमा ने क्या दिया आदेश

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    दुनिया के रियलटाइम भुगतान सिस्टम वीजा को पीछे छोड़ आगे बढ़ा भारत का UPI: IMF

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    हरित ऊर्जा में भारत की बड़ी छलांग: कुल उत्पादन क्षमता का 50% अब जीवाश्म-रहित स्रोतों से।

    विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ

    बदलते भारत में युवाओं के लिए क्या हैं मौके? जानें विदेशी निवेश एक्सपर्ट मनु सेठ की राय

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    माइक्रोसॉफ्ट ने पाकिस्तान को कहा अलविदा, 25 साल के रिश्ते खत्म, ये रहीं वजहें

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    चीन की सीमा से सटे 'सब-सेक्टर नॉर्थ' (SSN) तक त्वरित और सुरक्षित आवागमन होगा सुनिश्चित (FILE PHOTO)

    चीन की सरहद पर भारत की रणनीतिक बढ़त, नवंबर 2026 तक तैयार होगा नया ‘सैन्य मार्ग’

    ‘रामा’ कवच वाला दुनिया का पहला ड्यूल स्टील्थ ड्रोन बना रहा भारत, जानें क्या होंगी विशेषताएं?

    ‘रामा’ कवच वाला दुनिया का पहला ड्यूल स्टील्थ ड्रोन बना रहा भारत, जानें क्या होंगी विशेषताएं?

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद, लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय मुरीदके से बहावलपुर स्थानांतरित होने की संभावना

    ऑपरेशन सिंदूर से डरे पाकिस्तानी आतंकी बनाएंगे नया पनाहगाह, जानें कहां होगा नया ठिकाना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी पर शुरू किया सबसे बड़े बांध का निर्माण, जानिए भारत पर क्या होगा इसका असर

    तिरुअनंतपुर में खड़ा ब्रिटिश फाइटर जेट

    अंतत: उड़ने को तैयार हुआ ब्रिटिश फाइटर जेट F-35, जानें कब जाएगा वापस

    अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

    अज़रबैजान में नया कानून: अब रिश्तेदारों के बीच शादी पर होगी जेल

    ट्रंप ने मीडिया हाउस पर ठोका ₹86,000 करोड़  का मानहानी का केस, जानें क्या है ‘न्यूड तस्वीर’ का मामला?

    ट्रंप ने मीडिया हाउस पर ठोका ₹86,000 करोड़ का मानहानी का केस, जानें क्या है ‘न्यूड तस्वीर’ का मामला?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ड्रूज़ समुदाय (Photo - The National News)

    इस्लाम से निकले ड्रूज़ समुदाय की कहानी जो करता है पुनर्जन्म में विश्वास; इन्हें बचाने के लिए इज़रायल ने किए सीरिया में हमले

    आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया

    वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

    हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौसेना, नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में हमारा आधिपत्य

    नया नहीं है समुद्री क्षेत्र में भारत का आधिपत्य, हजारों साल पहले भी हमारे पास थी अपनी नौ सेना

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    ‘कोहली का वीडियो…RCB की ज़िद’: बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक सरकार ने टीम को ठहराया ज़िम्मेदार

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    संसद का मॉनसून सत्र 2025: 21 जुलाई से शुरू, ये 8 अहम बिल होंगे पेश

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    केरल में फिर लौटा निपाह का खौफ: दूसरी मौत के बाद छह जिलों में हाई अलर्ट

    'स्ट्रैटस' कोविड-19 वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    ‘स्ट्रैटस’ कोविड-19 का वैरिएंट: XFG स्ट्रेन के ये हैं अनोखे लक्षण और संकेत

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

अरवा, उसना, परिमल एवं अन्य भारतीय चावल वेरियंट्स, जो विलुप्ति के मार्ग पर है!

बासमती के पीछे इन्हे न भूलें!

Animesh Pandey द्वारा Animesh Pandey
6 September 2023
in मत
अरवा, उसना, परिमल एवं अन्य भारतीय चावल वेरियंट्स, जो विलुप्ति के मार्ग पर है!
Share on FacebookShare on X

जब भारतीय चावल का उल्लेख होता है, तो हमारे मन मस्तिष्क में सर्वप्रथम छवि आती है बासमती चावल की. अपने लम्बे दानों और सुगन्धित प्रकृति के लिए चर्चित बासमती चावल का इस समय भारत पर वर्चस्व व्याप्त है. परन्तु ये पूर्णत्या गुणकारी और लाभकारी नहीं है.

भारत में चावल के प्रकारों की कोई कमी नहीं. चाहे चिपचिपी सोना मसूरी हो, या फिर गुणकारी लाल चावल, हर वैरायटी के अपने निहित लाभ है. परन्तु बासमती पर अत्यधिक निर्भरता इस  विविधता को संकट में डाल रहा है.

संबंधितपोस्ट

WTO को अब खाद्य भंडार का स्थायी समाधान निकालना चाहिए, भारत करेगा वकालत

और लोड करें

चावल के इन प्रकारों को संरक्षित करना न केवल उनके स्वाद के कारण बल्कि उनके सांस्कृतिक महत्व और पोषण संबंधी लाभों के कारण भी मायने रखता है। आइये चलते हैं एक अद्भुत यात्रा पर, और जानते हैं भारत के चावल जगत की विविधता को, और क्यों इनका संरक्षण अति महत्वपूर्ण है!

बासमती चावल का स्याह पक्ष

निस्संदेह, बासमती चावल ने भारतीय व्यंजनों में अपना नाम बनाया है। भारत और पाकिस्तान दोनों निर्यात-उन्मुख वस्तु के रूप में बासमती पर बहुत अधिक निर्भर हैं। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 वित्तीय वर्ष में, भारत ने 7.5 मिलियन टन बासमती का भारी उत्पादन किया, जिसमें से 61 प्रतिशत निर्यात किया गया, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में 31,025 करोड़ रुपये का महत्वपूर्ण योगदान हुआ।

परन्तु अब प्रश्न ये भी उठता है: क्या बासमती चावल वास्तव में उतना प्रभावी है, जितना कि प्रचारित किया जाता है? इसके लिए हमें इस लोकलुभावन चावल की वास्तविकता का अध्ययन करना होगा.

सर्वप्रथम, बासमती चावल की खेती में काफी मात्रा में रसायन शामिल होते हैं, जो संभावित रूप से हानिकारक आर्सेनिक से भरा होता है – निश्चित रूप से स्वास्थ्य के प्रति जागरूक व्यक्तियों के लिए यह वरदान नहीं है।

देशी चावल की किस्मों के विपरीत, बासमती में स्पष्ट रूप से आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी हो जाती है, जिससे हमारे आहार में पोषण संबंधी कमी हो जाती है।

इसके अलावा, स्वस्थ पाचन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक फाइबर, बासमती चावल में स्पष्ट रूप से अनुपस्थित है। शोधन प्रक्रिया में छिलका, चोकर और रोगाणु निकल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भूरे बासमती और अन्य चावल की किस्मों की तुलना में फाइबर की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में बासमती के अत्यधिक सेवन से बदहज़मी का जोखिम बढ़ जाता है!

इसके अलावा, बासमती चावल में मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। संक्षेप में, बासमती चावल में प्रोटीन की कमी होती है और इसका ग्लाइसेमिक स्तर नियमित सफेद चावल की तुलना में कम होता है लेकिन भूरे चावल और अन्य साबुत अनाज की तुलना में अधिक होता है। हमने अभी तक कृषि परिदृश्य पर बासमती चावल के माध्यम से पड़ने वाले संभावित खतरों के बारे में चर्चा भी नहीं की है।

और पढ़ें: कैसे एमबीए की अनेक स्ट्रीम एक प्रोफेशन में समाहित होती है – भारतीय गृहणी

देसी चावल का चमत्कार

निस्संदेह भारतीय चावल का उल्लेख होते ही बासमती चावल सबसे पहले हमारे मस्तिष्क में आता है. परन्तु अरवा, उस्ना और परिमल जैसे स्थानीय परन्तु समान रूप से उल्लेखनीय चावल के अनेक प्रकार हैं जो हमारे ध्यान के योग्य हैं। चावल की ये स्वदेशी वेरियंट्स न केवल कृषि के लिए फायदेमंद हैं बल्कि महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक महत्त्व भी रखते हैं:

  • अरवा:

जम्मू एवं कश्मीर में प्रारंभिक रूप से उगने वाले इस वेरियंट की विशेषता ये है कि विकट से विकत मौसम में भी सीना तान के खड़ी रहती है. यह इस क्षेत्र में किसानों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो प्रतिकूल जलवायु में भी जीविका प्रदान करता है।

  • उसना:

ये प्रमुख रूप से पश्चिम बंगाल में पाया जाता है, जो अपने उत्कृष्ट स्वाद और उच्च उपज के लिए प्रसिद्ध है। यह क्षेत्र के कई किसानों के लिए जीवन रेखा समान है, जो खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है।

  • परिमल:

गुजरात में उगाया जाने वाला परिमल चावल अपनी सुगंध और बनावट के लिए पसंद किया जाता है। यह पीढ़ियों से गुजराती व्यंजन और संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है।

  • राजमुड़ी:

ये दुर्लभ और असाधारण होने के साथ साथ अपने अद्वितीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसके छोटे, गोल दाने अपनी उत्कृष्ट सुगंध, nutty फ्लेवर एवं और सुलभ कुकिंग गुणों के लिए प्रचलित है. कृषि की दृष्टि से, राजामुडी चावल अपने सूखा प्रतिरोध और विविध जलवायु के अनुकूल होने के लिए बहुमूल्य है, जो इसे किसानों के लिए एक दमदार विकल्प बनाता है। निस्संदेह ये चावल एक समय मैसूर के शाही वोडेयार परिवार की पहली पसंद थी।

  • अम्बेमोहर:

ये वेरियंट आम के फूलों की याद दिलाती अपनी विशिष्ट सुगंध के लिए जाना जाता है। इसके सुगंधित गुण इसे पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के लिए एक बेशकीमती विकल्प बनाता है। कृषि की दृष्टि से, यह उच्च पैदावार और स्थानीय परिस्थितियों में लचीलापन प्रदान करता है, जो खाद्य सुरक्षा में योगदान देता है।

  • गोबिन्दोभोग:

ये भी बंगाल में उपलब्ध है, जो अपनी सुगंधित सुगंध, छोटे दाने और अद्वितीय, मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। कीटों के प्रति इसके जुझारूपन और विभिन्न मिट्टियों के प्रति अनुकूलन क्षमता इसे कृषि के लिए लाभप्रद बनाती है। यही कारण है कि गोबिंदोभोग एक समय बंगाली व्यंजनों के लिए पसंदीदा विकल्प था, खासकर धार्मिक त्योहारों के दौरान परोसे जाने वाले व्यंजनों के लिए।

  • चक हाओ पोरीटन:

ये मणिपुरी वेरियंट कच्चा होने पर अपने आकर्षक काले रंग के साथ अलग दिखता है, और पकने पर गहरे बैंगनी रंग में बदल जाता है। यह अनूठी उपस्थिति इसे सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है, जिसका उपयोग अक्सर पारंपरिक समारोहों में किया जाता है। यही कारण है कि इस प्रकार का उपयोग समृद्ध, मीठी और गहरे बैंगनी रंग की खीर तैयार करने के लिए किया जाता है, जो अपने आप में एक दुर्लभ डिश है।

एक समय, भारत 1,10,000 से अधिक विभिन्न प्रकार के चावल का दम्भ भरता था। चावल की ये देशी किस्में किसानों की पीढ़ियों द्वारा उगाई गईं और हमारी संस्कृति और व्यंजनों में एक विशेष स्थान रखती हैं। लेकिन 1960 के दशक के अंत में हरित क्रांति के साथ एक अकल्पनीय बदलाव हुआ। केवल दो दशकों में, भारत में चावल की किस्मों की संख्या घटकर 7,000 से भी कम हो गई।

कृषि संरक्षणवादी देबल देब स्थिति की विडंबना बताते हुए एक साक्षात्कार में कहे थे, “हर बार जब कोई बाघ या गैंडा या कोई अन्य बड़ा जानवर मारा जाता था, तो इनके संरक्षण प्रयासों के समर्थन में लाखों डॉलर खर्च किए जाते थे। लेकिन हमारी पारंपरिक चावल की किस्मों के बड़े पैमाने पर Genocide को देखकर किसी ने भी पलक नहीं झपकाई।”

हाल के वर्षों में, स्वदेशी वेरियंट्स एक बार फिर से लोकप्रिय हो रहे हैं।  ये केवल खानापूर्ति तक सीमित नहीं, क्योंकि चावल की इन देशी किस्मों में भी अनोखे गुण हैं जो इन्हें खास बनाते हैं। उदाहरण के लिए, केरल का एक Pazhankanji, जो पलक्कडन मटका चावल से बनाया जाता है, के केवल एक कटोरी के सेवन खेतों में किसानों को दिनभर के लिए पर्याप्त एनर्जी मिलती थी.

और पढ़ें: पीपल के पेड़ काटकर पाईन के पेड़ लगाना कोई समझदारी नहीं!

संतुलन है अति आवश्यक

उपरोक्त चावल के प्रकार कृषि और सामाजिक रूप से अत्यधिक महत्व रखती हैं। वे विशिष्ट स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल होते हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। वे जैव विविधता को भी बढ़ावा देते हैं और किसानों को बासमती चावल के व्यावसायिक प्रभुत्व से परे विकल्प प्रदान करते हैं।

परन्तु बासमती चावल का प्रभुत्व एवं इस्पे अत्यधिक निर्भरता न केवल कृषि उद्योग के लिए, अपितु पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं आर्थिक दृष्टिकोण से भी हमारे लिए हानिकारक है! निस्संदेह बासमती का अपना आकर्षण है, लेकिन यह सभी  आवश्यकताओं के लिए एक ही समाधान नहीं है। बासमती की ओर बढ़ने से पारंपरिक चावल विविधता नष्ट हो सकती है, जिससे किसान जलवायु परिवर्तन और मोनोकल्चर खेती के दुष्प्रभावों का भी सामना करेंगे।

ऐसे में भारत के स्थानीय चावलों के के मूल्य को पहचानना और उनके संरक्षण में निवेश करना महत्वपूर्ण है। उनकी खेती को बढ़ावा देने से कृषि विविधता की रक्षा की जा सकती है, खाद्य सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है और उन क्षेत्रों के सांस्कृतिक ताने-बाने को संरक्षित किया जा सकता है जहां उनकी जड़ें गहरी हैं। भारत के चावल हमारे देश की खाद्य संस्कृति एवं उसके गुणों का प्रतिबिम्ब है, हम इसे ऐसे ही जाने नहीं दे सकते!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: agricultural diversityArwacrop preservationdeclining ricediminishing biodiversitydisappearing cropsdisappearing rice strainsdying quicklyendangered agricultureendangered heritageFood Securityheritage grainsParimalrice cultivationrice varietiessustainable farmingtraditional farmingUsnavanishing grains
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

काँप क्यों रहे हैं शी जिनपिंग?

अगली पोस्ट

वर्षा ने मचाया एशिया कप २०२३ में उत्पात!

संबंधित पोस्ट

‘विश्व संवाद केंद्र’ संचार माध्यमों, सोशल मीडिया और मीडिया की ताकत को राष्ट्र हित में उचित दिशा देने के लिए प्रयासरत है
मत

‘संवाद से सौहार्द’ की ओर ‘विश्व संवाद केंद्र’ की भूमिका

20 July 2025

‘संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्’, ऋग्वेद की ऋचा की यह पंक्ति अधिकांश लोगों ने सुनी या पढ़ी होगी । यह ऋचा आज भी उतनी...

आरएसएस के चतुर्थ सरसंघचालक प्रो. राजेंद्र सिंह उपाख्य रज्जू भैया
इतिहास

वैज्ञानिक और शिक्षक से सरसंघचालक तक: प्रो. राजेन्द्र सिंह उपाख्य ‘रज्जू भैया’ की प्रेरक जीवनयात्रा

14 July 2025

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के लिए ‘14 जुलाई’ का दिन विशेष स्मृति दिवस होता है, क्योंकि 14 जुलाई 2003 को संघ चतुर्थ सरसंघचालक प्रो....

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?
मत

मनुस्मृति पर पुनर्विचार: क्यों भारत के युवाओं को इस प्राचीन ग्रंथ का अध्ययन करना चाहिए?

14 July 2025

भारत की सभ्यतागत या सांस्कृतिक विरासत के विशाल सागर में कुछ ग्रंथ ही ऐसे हैं जो ‘मनुस्मृति’ जितना उत्साह, विवाद और भ्रम उत्पन्न करते हैं।...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

Maharashtra targets crypto christians. fake dalit quota scam exposed.

00:04:16

The Forgotten Maratha Legacy in Tamil Nadu

00:07:37

India’s ULRA Bomber: 12,000-km Beast That Can Strike Anywhere Without Refueling

00:07:39

The Shocking Truth About Mass Conversions in Tamil Nadu

00:07:26

The Butcher of Pahalgam: Sulaiman — Trained by ISI, Pakistan’s Commando-Turned-Terrorist

00:04:13
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY. FOR MORE QUERIES AND NEWS, CONTACT US AT info@mashablepartners.com


©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited