लगता है भारत कनाडा को उसके दुस्साहस के लिए सस्ते में नहीं छोड़ने वाली! एक साहसिक निर्णय में, केंद्र सरकार ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीज़ा सेवाओं को अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने का निर्णय लिया है। इस बीच, ट्रूडो प्रशासन ने सोशल मीडिया पर मिली कथित धमकियों के बाद अपने राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत में कर्मचारियों की उपस्थिति में अस्थायी समायोजन की घोषणा की है।
कहने को भारत सरकार द्वारा कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई थी। परन्तु कनाडा में वीज़ा आवेदन केंद्रों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार संगठन, बीएलएस इंटरनेशनल ने अपनी कनाडाई वेबसाइट पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, “भारतीय मिशन से महत्वपूर्ण सूचना: परिचालन कारणों से, 21 सितंबर 2023 [गुरुवार] से प्रभावी, भारतीय अगली सूचना तक वीज़ा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।”
अब ये कितना सच है और कितना नहीं, ये तो जांच का विषय है, परन्तु हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, “भारतीय अधिकारी ने निलंबन की पुष्टि की लेकिन अधिक विवरण देने से इनकार करते हुए कहा, ‘भाषा स्पष्ट है, और यह वही कहती है जो वह कहना चाहती है।’ यह पहली बार है जब भारत ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से वीजा सेवाओं को निलंबित किया है।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा में वीजा सेवाएँ देने वाली कम्पनी BLS इंटरनेशनल ने अपनी वेबसाइट पर इस संबंध में जानकारी दी है। BLS ने लिखा है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशनल कारणों का हवाला देते हुए भारत का वीजा देने पर रोक लगा दी है।
भारत और कनाडा ने एक दूसरे से अपने दूतावासों की सुरक्षा बढ़ाने का आग्रह किया है। हालाँकि, बीते कुछ समय में कनाडा स्थित भारतीय दूतावासों के बाहर खालिस्तानी प्रदर्शन हुए हैं और कनाडाई सुरक्षा एजेंसियाँ मूकदर्शक बनी रही हैं, जबकि भारत में ऐसा मामला सामने नहीं आया है। कनाडाई नागरिकों को भारत सरकार कब वीजा देना शुरू करेगी, इसकी अभी कोई तारीख नहीं बताई गई है। किसी भी देश का दूसरे देश के नागरिकों को वीजा देने पर रोक लगाना कूटनीतिक स्तर पर बड़ा कदम माना जाता है।
इसके अतिरिक्त जस्टिन ट्रूडो की भी हालत काफी पतली प्रतीत होती है. ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने भारतीयों से अपना वार्तालाप लगभग नगण्य रखा है! जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितम्बर 2023 को कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। निज्जर की इस साल जून में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ट्रूडो के लगाए गए आरोपों को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था और कनाडा की आलोचना की थी।
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पत्रकार योषिता सिंह ने दो बार ट्रूडो से उनके हालिया बयानों और भारत के जवाब को लेकर प्रश्न पूछा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और हँसते हुए अपने अधिकारियों के साथ आगे बढ़ गए। गौरतलब है कि ट्रूडो पर अब यह दबाव है कि वह भारत के विरुद्ध लगाए गए आरोपों के साक्ष्य सामने रखें। इसी पीछे कई बड़े देशों, जैसे अमेरिका, यूके, ऑस्ट्रेलिया ने ट्रूडो को पूर्ण समर्थन देने से स्पष्ट मना किया है! ऐसे में जस्टिन ट्रूडो के लिए अब स्थिति बद से बदतर हो रही है, और भारत द्वारा वीज़ा निलंबन अंतर्राष्ट्रीय तौर पर इनकी छवि को रसातल को ले जाने को तैयार है।
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