Story of OYO Rooms: यदि कोई एक इकाई है जो अपने मूल उद्देश्य के अलावा हर बात के लिए चर्चित है, तो वह OYO रूम्स है। ज़्यादा खींसें न निपोरे, हमें भी पता है कि आप क्या सोच रहे हैं। हम सभी ने उन सस्ते व्हाट्सएप फॉरवर्ड्स और भद्दे वेलेंटाइन डे चुटकुलों के बारे में सुना है, परन्तु ओयो रूम्स की छवि केवल इतने तक सीमित नहीं है। यदि आप हॉस्पिटैलिटी उद्योग से तनिक भी परिचित है, तो आप अमेरिका छाप “पटेल मोटेल” के बिजनेस मॉडल के बारे में भी थोड़ा पढ़ा ही होगा! सस्ते परन्तु गुणवत्तापूर्ण सर्विस के लिए मॉडल विश्वविख्यात है. अब यही सेवा ओड़ीशा से निकला एक मारवाड़ी उद्यमी भारत को देना चाहता है, तो समस्या क्या है बंधु?
आज हम ओयो रूम्स की आकर्षक यात्रा पर करीब से दृष्टि डालेंगे, एक ऐसी कंपनी जिसने आतिथ्य उद्योग को पुनः परिभाषित किया है। यह एक ऐसी कथा है जो सामान्य से कहीं अधिक है।
Story: कैसे एक बजट होटल गाइड से प्रारम्भ हुआ OYO Rooms की कथा?
क्या आपको पता है कि OYO रूम्स (Story of OYO) प्रारम्भ में आपका ‘परफेक्ट होटल गाइड’ नहीं था? 2012 में रितेश अग्रवाल नाम के 19 वर्षीय उद्यमी ने लोगों के बजट होटल बुक करने के तरीके में क्रांति लाने का निर्णय लिया । ओरावेल स्टेज़ के नाम से चर्चित इस उद्यम ने सितंबर 2012 में ‘वेंचर नर्सरी’ में एक्सेलरेटर प्रोग्राम में प्रवेश किया और बाद में 2013 थिएल फ़ेलोशिप कार्यक्रम में इन्हे $ 100,000 का उदार अनुदान प्राप्त हुआ। मई 2013 तक, यह उद्यम OYO रूम्स के नाम से जाना जाने लगा।
‘ओयो’ नाम का अर्थ ‘ऑन योर ओन’ है, जो किफायती आवास सेवाएं प्रदान करने की उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो यात्रियों को उनके बजट का अधिकतम लाभ उठाने के लिए सशक्त बनाती है। यह यात्रा एक यात्री के रूप में रितेश के व्यक्तिगत अनुभवों से पैदा हुई थी। उनकी लगातार यात्राओं ने उन्हें विभिन्न स्थानों पर असंगत आतिथ्य सुविधाओं की कठोर वास्तविकताओं से अवगत कराया। OYO रूम्स के उद्यम के पीछे यही मुख्य प्रेरणा थी।
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आज, OYO एक निर्विवाद उद्योग दिग्गज के रूप में खड़ा है। भारत में 2013 में अपनी शुरुआत के बाद, OYO ने दुनिया भर के 80 से अधिक देशों के 800 शहरों में अपना विस्तार किया है। कंपनी ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कदम रखा, मलेशिया के साथ अपनी वैश्विक विजय की शुरुआत की और बाद में यूके, यूएई, दुबई, चीन, सिंगापुर, इंडोनेशिया और कई अन्य देशों में अपनी पहचान बनाई।
2018 में, OYO 100% लीज़्ड एन्ड फ्रेंचाइज़्ड होटल श्रृंखला में तब्दील हो गया, जो एक महत्वपूर्ण क्षण था। 2018 में वैश्विक स्तर पर रूम स्टे की संख्या बढ़कर 75 मिलियन हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना अधिक थी, और इससे 211 मिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त हुआ। परन्तु बात केवल इतने पर नहीं रुकी. 2019 में, OYO ने $951 मिलियन का भारी राजस्व अर्जित किया, जो 2018 की तुलना में 4.5 गुना अधिक है। OYO रूम्स की कहानी केवल संख्याओं के बारे में नहीं है; यह बजट अकोमोडेशन की दुनिया में उत्कृष्टता की निरंतर खोज के बारे में है।
ये राह नहीं आसान!
परन्तु सफलता की ये राह इतनी भी सरल न थी. कई लोगों को ये भी लगता है, एक 20 से 22 वर्ष का किशोर, जो स्नातक भी नहीं है, इतनी जल्दी इतना धन कैसे संचित कर रहा है? अक्सर प्रसारित होने वाले अश्लील चुटकुलों और व्हाट्सएप फॉरवर्ड के बीच, कंपनी को और भी बड़ी बाधाओं का सामना करना पड़ा। OYO पे एक आरोप था अनुपलब्ध होटलों के कमरों को शामिल करना। कंपनी के मुख्य कार्यकारी और कई वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों के अनुसार, OYO ने उन प्रतिष्ठानों के कमरों को सूचीबद्ध किया, जिन्होंने अपनी सेवाएं बंद कर दी थीं, जिससे प्रभावी रूप से OYO के मंच पर दिखाए गए कमरों की संख्या बढ़ गई।
यही नहीं, OYO को कई कानूनी मुकदमों का भी सामना करना पड़ा । बेंगलुरु और मैसूर जैसे शहरों में होटल संचालकों द्वारा ओयो के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें ओयो के संस्थापक रितेश अग्रवाल पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। रितेश ने बेंगलुरु में ऐसे ही एक मामले में सफलतापूर्वक स्टे ऑर्डर हासिल कर लिया, कानूनी लड़ाई कंपनी की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा का एक निर्विवाद प्रमाण थी।
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परन्तु इन चुनौतियों के बाद भी OYO अपने पथ पर टिका रहा। BYJUs और Zomato जैसे उद्यमों के विपरीत, OYO ने हार नहीं मानी। आज, संख्याएँ इसी जुझारूपन की एक उल्लेखनीय Success Story of OYO rooms बताती हैं। 2023 तक, OYO का कुल राजस्व 5700 करोड़ रुपये हो चुका है। सीईओ रितेश अग्रवाल ने 2022-23 में ओयो का राजस्व 751 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान लगाते हुए और भी अधिक ऊंचाई का अनुमान लगाया है। 43,000 से अधिक होटलों में दस लाख से अधिक कमरों और अपने वेकेशन होम व्यवसाय के माध्यम से वैश्विक स्तर पर 130,000 से अधिक घरों तक पहुंच के साथ, OYO की यात्रा दृढ़ संकल्प का एक जीता जगता प्रमाण है।
Success Story: OYO का यह पक्ष कोई नहीं बताता!
क्या कोई अनुमान लगा सकता है कि OYO रूम्स के ग्राहकों का सबसे बड़ा समूह कौन है? पर्यटक? युवा एस्पिरेंट्स या कपल्स? आप मानो या न मानो, ये धार्मिक तीर्थयात्री हैं! हां, बिलकुल सही सुना। देश भर के अनेक तीर्थ शहरों में, OYO ने पर्याप्त पैठ बना ली है और सफलतापूर्वक फल-फूल रहा है। डेटा बहुत कुछ कहता है. ओयो द्वारा संकलित ‘इंडियाज ट्रेजर ट्रोव ऑफ कल्चरल ट्रैवल 2022’ रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनगर जैसे सांस्कृतिक स्थलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, 2022 में बुकिंग में 3.5 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। विशेष रूप से, जम्मू और कश्मीर में पहलगाम और जम्मू ने भी भारत के शीर्ष सांस्कृतिक गंतव्य स्थलों में प्रमुख स्थान हासिल किया है।
2023 में, OYO के पास पूरे भारत में अपने नेटवर्कको बढ़ाने हेतु अयोध्या जैसे तीर्थस्थलों की क्षमता का दोहन करने की रणनीतिक योजना है। OYO की ‘सांस्कृतिक यात्रा 2022 राउंड-अप रिपोर्ट’ भारत के भीतर घरेलू यात्रा की बहाली में आध्यात्मिक यात्रा की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है। इस परिवर्तन के अनुसरण में, OYO अपनी छवि का कायाकल्प कर रहा है। इसी उद्देश्य से, उन्होंने पूर्व पैरालिंपियन और ट्रैवेल enthusiast दीपा मलिक को अपने निदेशक मंडल के एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। यह कदम सोशल मीडिया पर अक्सर पाए जाने वाले नकारात्मक चित्रण को दूर करने के लिए OYO की प्रतिबद्धता का संकेत देता है, यह दोहराते हुए कि यह उस फूहड़ता से दूर है, जिसके पीछे इसका उपहास उड़ाया जाता है।
इसलिए अगली बार OYO का नाम सुनते ही आपके मन में कुछ अश्लील विचार आएं, तो स्मरण रखे, OYO का स्कोप बहुत बड़ा है. ऐसी छोटी बातों के लिए उनके पास समय नहीं!
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