कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो खुद को शर्मिंदगी की स्थिति में पाते हैं क्योंकि वह भारत के खिलाफ अपनी हालिया टिप्पणियों के बाद अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में उनके आभासी बहिष्कार की तरह, जस्टिन ट्रूडो के पश्चिमी सहयोगियों से समर्थन हासिल करने के प्रयास निरर्थक साबित हुए हैं।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्टों ने भारत के खिलाफ बेतुके आरोप लगाने में पश्चिमी सहयोगियों से समर्थन हासिल करने में जस्टिन ट्रूडो की घोर विफलता पर प्रकाश डाला है। वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के पश्चिमी सहयोगियों ने ट्रूडो के “विदेशी हस्तक्षेप” कथन में शामिल होने या उसका हिस्सा बनने से बार-बार इनकार किया है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि जस्टिन ट्रूडो कई हफ्तों से इस आधारहीन भारत विरोधी आरोप को आगे बढ़ा रहे थे। पर्दे के पीछे, उन्होंने भारत के खिलाफ अपने शरारती आरोप को सार्वजनिक रूप से प्रसारित करने से पहले मित्र देशों से कई अनुरोध किए थे।
जस्टिन ट्रूडो के अनुरोधों में से एक में पश्चिमी सहयोगियों से एक ही पृष्ठ पर आने और खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में निंदा करते हुए एक संयुक्त बयान जारी करने का आग्रह करना शामिल था।
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इसी लेख में पीएम मोदी के नेतृत्व में नई दिल्ली की बढ़ती ताकत और प्रभाव के बारे में बताया गया है। बताया गया है कि कैसे उन्होंने भारत को दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्था में लाने का वादा किया है। उनके इस वादे को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि दुनिया आर्थिक अनिश्चितता के दौर से गुजर रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध चल रहा है और चीन की रफ्तार भी धीमी हो रही है।
भारत ने हाल ही में मध्य पूर्व-यूरोप को जोड़ने वाले एक प्रोजेक्ट का भी ऐलान किया है। इस आर्थिक गलियारे को चीन के बीआरआई (BRI) के रणनीतिक जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें गलियारे से जुड़ने वाले देश बगैर किसी लोन के चंगुल में फंसकर इसका फायदा पाएँगे, जबकि बीजिंग अपनी वैश्विक बुनियादी ढाँचा विकास योजना के तहत इससे जुड़ने वाले देशों को कर्ज के जाल में फँसाता रहा है।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि फाइव आईज देशों (ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका का खुफिया गठबंधन) के कई अधिकारियों ने निजी तौर पर निज्जर की हत्या के बारे में चर्चा की थी। लेकिन भारत में जी-20 शिखर सम्मेलन में इसका जिक्र करना सही नहीं समझा।
Slowly Trudeau will get isolated#JustinTrudeau #RishiSunak pic.twitter.com/8LfsUNlWfQ
— Kreately.in (@KreatelyMedia) September 19, 2023
Chirkut Canada isolated …. Trudeau eats crow !
This is power of #NewIndia 🔥 pic.twitter.com/uBZA2QNlqU
— Sameer (@BesuraTaansane) September 19, 2023
गौरतलब है कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को कनाडाई संसद में किए गए विचित्र दावों से पैदा हुआ है। इसमें उन्होंने कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को दोषी ठहराने की कोशिश की थी। इसके अलावा, कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा था कि आरोपों देखते हुए कनाडाई सरकार ने एक शीर्ष भारतीय राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। जस्टिन ट्रूडो ने कनाडाई संसद में बिना कोई सबूत दिए भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया था। परन्तु अब ऐसा प्रतीत होता है कि शीघ्र ही पीएम मोदी और भारत को घेरने के चक्कर में ट्रूडो न घर के रहेंगे, न घाट के!
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