एक ट्वीट में किया मियां मोहम्मद ज़ुबैर को वेंकटेश प्रसाद ने क्लीन बोल्ड!

ये भी ठीक है!

सही कहा है किसी ने,

“ऐसी वाणी बोलिये कि जमकर झगड़ा होये, पर उनसे न पन्गा लीजिये, जो आपसे तगड़ा होये!”

परन्तु ये छोटी सी बात मियां मोहम्मद ज़ुबैर के पल्ले पड़ी होती, तो आज अपनी नाक न कटवा रहे होते! विवादों के भूखे इस व्यक्ति को तिल का ताड़ बनाने का कुछ अजब ही शौक है! परन्तु इस बार ये खुजली इन्ही पर भारी पड़ी.

अब वेंकटेश प्रसाद को कौन नहीं जानता! जितने मुखर वे ऑन फील्ड थे, उतने ही धाकड़ वे ऑफ फील्ड भी हैं, विशेषकर सोशल मीडिया पर! वे क्रिकेट को लेकर BCCI के कुप्रबंध पर भी स्पष्ट रहे हैं. इसी बीच उन्होंने एशिया कप के कुप्रबंधन को लेकर एक पोस्ट किया.

लेकिन उनके एक नार्मल से ट्वीट पर ऐसा बवाल मचा, मानो इन्होने सीधा जय शाह पर निशाना साध दिया हो. बढ़ती कन्फ्यूजन को देखते हुए वेंकटेश ने स्वयं वह पोस्ट डिलीट की, परन्तु मोहम्मद ज़ुबैर को इतने पे चैन कहाँ?

ये ऐसी अफवाह फैलाने लगे कि प्रसाद ने जय शाह को निशाना बनाया, परन्तु उनसे रुष्ट होकर BCCI ने उन्हें धमकाया, जिसके कारण उन्हें ट्वीट डिलीट करने पर विवश होना पड़ा. परन्तु वे भूल गए कि वे किससे भिड़ रहे हैं.

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वेंकटेश प्रसाद को ये ओछापन कतई पसंद नहीं आया, और ज़ुबैर की कलई खोलते हुए कहा, “ह, बोल भी कौन रहा है? एक ऐसा व्यक्ति, जिसने अपने एजेंडा के लिए न जाने कितनों का जीवन दांव पर लगा दिया! तुम्हारा फैक्ट चेकर होना माने आतंकियों का शान्ति पर व्याख्यान देना. अब ये पोस्ट कर दो कि साइट के लिए चन्दा चाहिए, दूसरों के पैसे पर जीने में कैसी शरम?”

ज़ुबैर के काटो तो खून नहीं. परन्तु कुछ लोग तब  भी बाज़ न आये.

रोशन राय नाम के एक अन्य छछूंदर ने वेंकटेश को भड़काने के लिए पोस्ट किया, ” वह सब भूल जाओ, वेंकी सर, बस हमें बताएं कि आप किसके बारे में बात कर रहे थे? आप एक राम भक्त हैं, इसलिए मुझे आशा है कि आप झूठ नहीं बोलेंगे”

पर वे भूल गए थे कि ये वेंकटेश प्रसाद है, जिसके सामने जब आमिर सोहेल जैसे लोग न टिक पाए. तो फिर मोहम्मद ज़ुबैर और उसके चमचों की क्या हस्ती?

पिच पर अपनी घातक आउटस्विंगर के लिए मशहूर वेंकटेश प्रसाद इसके लिए भी तैयार थे. उन्होंने ट्वीट किया, “वह एक सामान्य ट्वीट था जहां मैंने बताया था कि कैसे एक व्यक्ति जो भ्रष्ट है, वह अपने संगठन के कई अच्छे काम को बर्बाद कर सकता है, और इसका किसी भी क्षेत्र में व्यापक स्तर पर बड़े पैमाने पर प्रभाव हो सकता है। चूंकि मैं भी था अन्य ट्वीट्स में टिकटों के संबंध में बीसीसीआई की अक्षमता के बारे में बोलते हुए, इससे भ्रम पैदा हुआ और संदर्भ से बाहर हो गया। इसलिए हटा दिया गया, वर्ना नाम लेकर खुलकर बोलने में रामभक्त किसी को छोड़ते नहीं, जय श्री राम।”

वेंकटेश प्रसाद की इस स्थिति को शालीनता और हास्य के साथ संभालने की क्षमता ने एक पूर्व क्रिकेटर और एक सार्वजनिक व्यक्ति के रूप में उनकी लचीलापन और परिपक्वता को दर्शाया। यह एक अनुस्मारक के रूप में भी काम करता है कि इंटरनेट गलतफहमी और गलत सूचना के लिए प्रजनन स्थल हो सकता है, लेकिन सही दृष्टिकोण के साथ, कोई भी इन खतरनाक पानी से बिना किसी नुकसान के निपट सकता है।

तो, अगली बार जब आप सोशल मीडिया पर शब्दों के युद्ध में वेंकटेश प्रसाद से मुकाबला करने के बारे में सोचें, तो बुद्धि और ज्ञान की इस कहानी को याद करें और दो बार सोचें। जैसा कि कहा जाता है, “कभी भी ऐसा युद्ध शुरू न करें जिसे आप ख़त्म न कर सकें,” खासकर तब जब आपका मुकाबला वेंकटेश प्रसाद जैसे खेल के मास्टर से हो।

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