क्या 2024 में होगी अक्षय कुमार की दमदार वापसी?

या तो अद्वितीय सफलता या फिर गुमनामी, बीच में कुछ नहीं!

“कैनेडियन कुमार” से लेकर “फ्लॉप स्टार” का टैग झेलने तक, अक्षय कुमार ने विगत कुछ समय से उतार चढाव भरे करियर का अनुभव किया है। 2010 के बाद से उनके करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण चरणों में से एक का सामना करते हुए, अक्षय कुमार को लगातार छह बॉक्स ऑफिस फ्लॉप फिल्मों का खामियाजा भुगतना पड़ा, जो उनकी आमतौर पर उनके स्टेटस के बिल्कुल विपरीत था। यह सब “बच्चन पांडे” के साथ उनके दुर्भाग्यपूर्ण प्रयोग के साथ शुरू हुआ, जो दर्शकों के साथ तालमेल बिठाने में असफल रहा।

इसके अनेक कारण बताये जाते हैं, जिनमें किसी का मानना है कि वे अपनी स्क्रिप्ट्स पर ध्यान नहीं देते, तो कोई कहता है कि अब वो पहले वाली बात नहीं रही! कुछ का तो ये भी मानना है कि एक साथ कई फिल्म साइन करने की खुजली ही ‘खिलाडी कुमार’ को ले डूबी है।  परन्तु ऐसा लगता है कि इसी प्रवृत्ति के सहारे 2024 में अक्षय अपनी नैया पार लगाना चाहते हैं।

तो नमस्कार मित्रों, और आज हमारी चर्चा इस बात पर ही होगी कि कैसे अक्षय कुमार अपनी सबसे बड़ी खामी को ही अपना अस्त्र बनाके 2024 में फिल्म उद्योग में अपना सिक्का जमाना चाहते हैं, और क्या वे इस रणनीति में सफल होंगे या नहीं।

अक्षय की कमियां ही बनेगी उनका अस्त्र?

पिछले कुछ साल अक्षय कुमार के लिए उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं। हालाँकि उन्होंने “सूर्यवंशी” की आश्चर्यजनक सफलता के साथ भारतीय सिनेमा का आकर्षण वापस ला दिया, लेकिन 2021 से चीजें बॉलीवुड सुपरस्टार के लिए योजना के अनुसार नहीं चल रही हैं। चाहे यह दमदार स्क्रिप्ट की कमी के कारण हो या एक ही साल में कई फिल्म प्रोजेक्ट करने की उनकी आदत के कारण, अक्षय को एक के बाद एक बॉक्स ऑफिस पर निराशा का सामना करना पड़ा, जिसमें “सम्राट पृथ्वीराज” जैसी महत्वकांक्षी परियोजना का डिजास्टर होना उन्हें काफी सताएगा। यह गिरावट 2023 तक जारी रही जब “सेल्फी” लगभग बिना किसी निशान के गायब हो गई, जिससे अक्षय काफी असहज स्थिति में आ गए।

अब ऐसे स्थिति में कई लोग असफलताओं के बाद या तो ब्रेक लेने या अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने पर विचार कर सकते हैं, परन्तु अक्षय कुमार ने इसके ठीक विपरीत दृष्टिकोण चुना है – एक वर्ष में कई फिल्मों को चुनने का दुर्गम पथ।

परन्तु यह निर्णय हवा में नहीं हुआ। रिलीज़ से पूर्व आलोचना और “ग़दर २” जैसी धाकड़ फिल्म से भिड़ने के बावजूद, “OMG 2”, जिसमें अक्षय सहायक भूमिका [एक्सटेंडेड कैमियो] में थे, अपना स्थान जमाने में सफल रही। 50 करोड़ के सीमित बजट में बनी ये फिल्म वैश्विक तौर पर 220 करोड़ कमाने में सफल रही!

“मिशन रानीगंज” सफल होती है या नहीं, ये तो कॉन्टेंट पर निर्भर है। हालाँकि, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि अक्षय कुमार 2024 में एक रोमांचक और घटनापूर्ण यात्रा के लिए तैयार हो रहे हैं। आगामी वर्ष में अभिनेता के लिए कम से कम सात फिल्में आने का वादा है, जिनमें से प्रत्येक में बॉक्स ऑफिस के दिग्गज के रूप में अपनी स्थिति को बनाने या बिगाड़ने का भरपूर माद्दा रखती है।

अक्षय की 2024 लाइनअप में रोमांचक परियोजनाओं का शुभारम्भ सुधा कोंगारा की उनकी अपनी क्लासिक “सोरारई पोटरू” की रीमेक है, जिसने विश्व भर में ख्याति प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त, प्रशंसक अपनी तीसरी किस्त के साथ प्रिय “वेलकम” फ्रैंचाइज़ी की वापसी की उम्मीद कर सकते हैं। क्षितिज पर ऐसी विविध और दिलचस्प परियोजनाओं के साथ, अक्षय कुमार अपने ट्रेडमार्क दृढ़ संकल्प से लैस होकर, नए साल की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।

क्या अक्षय करेंगे धमाकेदार वापसी?

अब प्रश्न ये उठता है : क्या 2024 में खिलाडी कुमार दमदार वापसी करने में सफल रहेंगे? इसका उत्तर हाँ भी है और न भी! उनकी कुछ आगामी फिल्में जैसे “हेरा फेरी 3” और “वेलकम टू द जंगल” में विशुद्ध डिजास्टर होने की क्षमता है, परन्तु अन्य परियोजनाएं भी हैं जो इसकी भरपाई कर सकती हैं।

सर्वप्रथम बात करते हैं सुधा कोंगारा द्वारा निर्देशित “सोरारई पोटरू” के रीमेक की। उनका ट्रैक रिकॉर्ड, विशेष रूप से उनकी अपनी तमिल फिल्म “इरुधि सुत्रु” के रीमेक “साला खडूस” से पता चलता है कि अगर सब कुछ सही रहा, तो अक्षय वास्तव में साल की धमाकेदार शुरुआत कर सकते हैं।

फिर एक्शन से भरपूर फिल्म है “बड़े मियां छोटे मियां।” यह शैली वह है जहां अक्षय कुमार ने अक्सर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, और टाइगर श्रॉफ की उपस्थिति के बावजूद, फिल्म में दर्शकों को आश्चर्यचकित करने की क्षमता है।

हालाँकि, यह ऐतिहासिक परियोजनाएँ हैं, विशेष रूप से “स्काई फ़ोर्स” और “शंकरा”, जो गेम-चेंजर हो सकती हैं। “स्काई फ़ोर्स” कथित तौर पर 1965 में भारतीय वायु सेना द्वारा सरगोधा एयरबेस पर किए गए साहसी हवाई हमलों से प्रेरणा लेती है। दूसरी ओर, “शंकरा” संभवतः सी शंकर नायर की कहानी पर आधारित है, जिन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की थी। सारी कहानी एक प्रभावी और सम्मोहक स्क्रिप्ट है, जो अक्षय कुमार के फ़िल्मी कलेक्शन में 2019 से गायब है।

जहाँ एक ओर हानि का भय है, तो वहीँ 2024 में इतनी साड़ी फिल्मों से अक्षय ने इतना तो स्पष्ट कर दिया है कि वे इतनी आसानी से पराजय मैंने वालों में से नहीं! अंतिम सफलता कारकों के संयोजन पर निर्भर करेगी, जिसमें स्क्रिप्ट की गुणवत्ता, निर्देशकीय कौशल और अक्षय और उनके सह-कलाकारों के बीच की केमिस्ट्री शामिल है। घूम फिरकर एक बात स्पष्ट है – अक्षय कुमार चुनौती से पीछे हटने वालों में से नहीं हैं, और वह एक अच्छी वापसी की तलाश में अपना सब कुछ देने के लिए तैयार हैं।

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