सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मृत्यु से भारतीय फिल्म उद्योग, विशेषकर बॉलीवुड ने बहुत कुछ खोया है! उनके असामयिक निधन के साथ ही, उनकी कुछ महत्वाकांक्षी परियोजनाएँ, जिनमें उनके उथल-पुथल भरे करियर को नया आकार देने की क्षमता थी, अचानक रुक गईं। हालाँकि, ऐसा प्रतीत होता है कि दो अप्रत्याशित व्यक्ति अब सुशांत के अधूरे स्वप्नों में से एक को पूरा करने के लिए दृढ़ हैं – मुक्केबाज से पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर के जीवन और उपलब्धियों को सिल्वर स्क्रीन पर लाना।
कबीर खान, जो जितने सफल थे उतने ही विवादित भी हैं, अब 3 वर्ष बाद सिल्वर स्क्रीन पर “चंदू चैम्पियन” के माध्यम से धमाकेदार वापसी करने को तत्पर है। यह फिल्म मुरलीकांत पेटकर की प्रेरणादायक यात्रा, एवं उनके कठिनाइयों से लेकर 1972 में हीडलबर्ग पैरालिंपिक में उनकी ऐतिहासिक जीत तक का एक रोचक रूपांतरण होने की सम्भावना है। यह फिल्म जून 2024 तक सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है।
मुरलीकांत पेटकर की जीवन कहानी किसी मनोरम बायोपिक से कम नहीं है। स्कूल छोड़ने के बाद, उन्होंने शुरुआत में कुश्ती में अपना करियर बनाया लेकिन एक स्थानीय विवाद के कारण उन्हें अपना गाँव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। बाद में वह भारतीय सेना में शामिल हो गए और जल्द ही एक होनहार मुक्केबाज के रूप में अपना नाम बना लिया, जिसमें भारत को गौरव दिलाने की क्षमता थी। परन्तु 1965 के युद्ध में एक दुर्घटना के कारण उनकी कमर के नीचे का भाग लकवाग्रस्त हो गया।
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इस विनाशकारी झटके के बावजूद, मुरलीकांत ने हार नहीं मानी। उन्होंने पैरा खेलों की ओर रुख किया और ओलंपिक के किसी भी प्रारूप में भारत के पहले व्यक्तिगत स्वर्ण पदक विजेता के रूप में इतिहास रचा। 1972 में, उन्होंने हीडलबर्ग पैरालिंपिक में तैराकी में विश्व रिकॉर्ड स्थापित करते हुए स्वर्ण पदक जीता। एक सक्षम एथलीट को अपनी उपलब्धि की बराबरी करने में 36 साल लग गए जब अभिनव बिंद्रा ने आखिरकार 2008 में बीजिंग ओलंपिक में शूटिंग के लिए ओलंपिक स्वर्ण पदक हासिल किया।
दिलचस्प बात यह है कि कबीर खान के नवीनतम प्रोजेक्ट की हर झलक के साथ, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि फिल्म मुरलीकांत पेटकर के अविश्वसनीय जीवन पर केंद्रित है। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात मुख्य अभिनेता – कार्तिक आर्यन का मुख्या भूमिका के लिए चयन है।
कार्तिक आर्यन निस्संदेह एक लोकप्रिय अभिनेता हैं, परन्तु उन्हें गंभीर, परिपक्व एक्टिंग के लिए उतना नहीं जाना जाता, भले ही उन्होंने ‘धमाका’, ‘फ्रेडी’ एवं ‘सत्यप्रेम की कथा’ में इसकी झलक देने का प्रयास किया था। अब, कार्तिक ने एक चुनौतीपूर्ण भूमिका चुनी है, जो गहराई और समर्पण की मांग करती है। सौभाग्य से, उन्हें विजय राज और भुवन अरोड़ा जैसे अनुभवी अभिनेताओं का समर्थन मिलेगा, जो फिल्म के प्रति उत्सुकता को बढ़ाता है।
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यदि कार्तिक आर्यन मुरलीकांत पेटकर के चरित्र को सफलतापूर्वक चित्रित करते हैं और उनकी उल्लेखनीय यात्रा का सार पकड़ते हैं, तो वह खुद को अपनी खुद की लीग में एक बहुमुखी अभिनेता के रूप में स्थापित करने के लिए तैयार हैं। फिल्म “चंदू चैंपियन” न केवल एक नायक को श्रद्धांजलि देने का वादा करती है, बल्कि कार्तिक को लोकप्रिय और शक्तिशाली प्रदर्शन के बीच के अंतर को पाटते हुए, एक अभिनेता के रूप में अपनी योग्यता साबित करने का सुनहरा अवसर भी प्रदान करती है।
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