यदि कोई आपके ही घर पर हमले को उचित ठहराने का प्रयास करता है तो आप क्या करते हैं? आप या तो उस व्यक्ति को नज़रअंदाज कर देंगे, या यदि वह परेशान करना जारी रखता है, तो आप यह सुनिश्चित करेंगे कि उस व्यक्ति को जीवन भर का सबक मिले!
खैर, इज़राइल ने एक कदम आगे बढ़कर संयुक्त राष्ट्र के खुले बहिष्कार की घोषणा की, और संगठन के किसी भी सदस्य को इज़राइल का वीज़ा देने से इनकार कर दिया जब तक कि वे इज़राइल पर आतंकवादी हमलों को उचित ठहराने के प्रयास के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते।
इजराइल-हमास के युद्ध को लेकर पूरी दुनिया बंट चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो की टिप्पणी पर इजराइल भड़क गया है। गुटेरेस ने कहा था कि हमास द्वारा किया गया ‘हमला ऐसे ही नहीं हुआ’ था। इसके बाद इजरायल गुटेरेस से माफी और गुटेरेस के इस्तीफे की मांग कर रहा है। दूसरी तरफ इजराइल ने संयुक्त राष्ट्र पर दबाव बनाते हुए युएन के अधिकारियों को वीसा देने से इनकार कर दिया है।
संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा परिषद के सत्र में बोलते हुए उन्होंने सात अक्टूबर को इसराइल पर हमास के हमले की निंदा की लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चरमपंथी संगठन हमास ने जो किया वो ‘आचनक उठाया गया क़दम’ नहीं था, उसका भी एक संदर्भ है.
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उन्होंने कहा, “नागरिकों को मारना, बंधक बनाना ग़लत है. लेकिन इसके साथ ही आम लोगों के घरों को और उन्हें निशाना बना कर रॉकेट लॉन्च करने को भी किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता.”“ये समझना ज़रूरी है कि हमास का हमला अचानक ही नहीं हो गया. फ़लस्तीनी बीते 56 साल से दम घुटा देने वाले कब्ज़े में रह रहे हैं.”
इस बयान के सामने आते ही इज़राएल में बवाल मच गया, क्योंकि ये एक प्रकार से हमास के आतंकी हमलों का समर्थन समान निर्णय था! संयुक्त राष्ट्र में इसराइल के राजदूत गिलाड अर्डन ने ट्विटर पर लिखा, “यूएन सेक्रेटरी जनरल, जो लोगों की सामूहिक हत्या, बच्चों, महिलाओं और बुज़ुर्गो की हत्या करने वालों के प्रति सहानुभूति रखता हो, वह संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख बनने के लिए उपयुक्त शख्स नहीं हो सकता.”
“मैं आपके इस्तीफ़े की मांग करता हूँ. उन लोगों से बात करने का कोई औचित्य नहीं है, जो इसराइल के नागरिकों और यहूदी लोगों के ख़िलाफ़ किए गए सबसे भयानक अत्याचार करने वालों पर रहम दिखा रहे हैं.”
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जनरल काउंसिल सेशन में भाषण देते वक़्त इसराइली विदेश मंत्री एली कोहेन ने भी गुटरेस की आलोचना की और हमास के हमले की निंदा की. इस हमले में 1400 इसराइली मारे गए हैं और 200 से अधिक बंधक हमास के कब्ज़े में हैं.
इसी कारणवश अब UN अधिकारियों के लिए इज़राएल ने अपनी वीज़ा सेवाएं रद्द कर दी है! इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि हमास का समर्थन करने वाले किसी भी इकाई को इज़राएल में किसी भी रूप में स्थान न मिले! उदाहरण के लिए स्वघोषित पर्यावरणविद ग्रेटा थन्बर्ग ने सार्वजानिक तौर पर हमास के कृत्यों को उचित ठहरने का प्रयास किया, जिसके कारण अब इज़रायली प्रशासन ने समस्त स्कूली पाठ्यक्रम से इनके उल्लेख मात्र पर भी प्रतिबन्ध लगा दिया है. अब इज़राएल का सन्देश स्पष्ट है: बहुत हुआ सम्मान!
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