सोचो कि आपके पास जो बाइडन जैसी कुटिलता है, इम्मानुएल मैक्रोन जैसा प्रभावशाली व्यक्तित्व, पर हरकतें ऐसी, कि एक बार को राहुल गाँधी और यूक्रेन वाला ज़ेलेन्स्की भी सभ्य राजनयिक लगे! जस्टिन ट्रूडो यही प्राणी है। ट्रूडो दुनिया भर में हंसी का पात्र बने हुए हैं, इस बात से कोई भी अनभिज्ञ नहीं। लेकिन उनकी कहानी में एक वर्तमान मोड़ ने कनाडाई हिंदुओं का ध्यान खींचा है, वो अलग बात है कि यहाँ पर भी अंकल ट्रूडो अपनी काली करतूतें छुपा नहीं पाए। वे भूल गए कि एक हाथ से मित्रता, और दूसरे से विश्वासघात केवल अमेरिका पर ही सुहाता है, इनके जैसे निरे मूर्खों पर नहीं!
आज हमारी चर्चा होगी कनाडा के हिन्दुओं को मनाने के ट्रूडो के इसी हास्यास्पद प्रयास पर, और क्यों इसमें इज़राएल को भी बराबर की हानि हो रही है!
“हिन्दू कनाडा के लिए महत्वपूर्ण है!”
शायद कहीं न कहीं मियाँ ट्रूडो को आभास हो चुका है कि उनके पैंतरे केवल उनके चेले चपाटों पर काम आने वाले हैं, आम भारतीयों या किसी अन्य राष्ट्र पर नहीं! इसीलिए एक महीने तक एक अलगाववादी के पीछे अपने और अपने राष्ट्र की वैश्विक स्तर पर भद्द पिटवाने के बाद अब वह कनाडा के हिन्दुओं को प्रसन्न करने हेतु हरसंभव प्रयास करने को तैयार है!
एक अप्रत्याशित दांव में, कनाडाई प्रधान मंत्री ट्रूडो ने भारतीय प्रवासियों और उनके द्वारा मनाए जाने वाले नवरात्रि के महत्व को स्वीकार करते हुए इसकी शुभकामनाएं दी है। एक आधिकारिक प्रेस बयान के अनुसार, उन्होंने घोषणा की, “नवरात्रि हिंदू आस्था में सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहारों में से एक है, जो भैंस के सिर वाले राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। अक्सर देखा जाता है स्त्री ऊर्जा के उत्सव के रूप में, यह दोस्तों और परिवार के लिए एक साथ आने और प्रार्थनाओं, हर्षोल्लासपूर्ण प्रदर्शनों, विशेष भोजन और आतिशबाजी के साथ सदियों पुरानी परंपराओं का सम्मान करने का समय है।”
वाह, कितने नेक विचार है, नहीं? परन्तु इसके पीछे इनका मूल उद्देश्य क्या है? कोई माने या नहीं, परन्तु ट्रूडो का एक लक्ष्य कनाडा में आसन्न आम चुनावों से पहले अपनी घटती लोकप्रियता को बचाने की अधीरता है।
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इसी दिशा में ट्रूडो कनाडा में भारतीय समुदाय, विशेषकर हिन्दुओं तक अपनी पहुंच बढ़ा रहे हैं और नवरात्रि के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाल रहे हैं। वह इस त्योहार को सभी कनाडाई लोगों के लिए हिंदू समुदायों की संस्कृति के बारे में जानकारी हासिल करने और कनाडा के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक ताने-बाने में उनके अमूल्य योगदान को पहचानने का एक अवसर मानते हैं। उन्होंने आगे कहा, “आज के समारोह हमें याद दिलाते हैं कि विविधता कनाडा की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है। अपने परिवार और कनाडा सरकार की ओर से, मैं इस साल नवरात्रि मनाने वाले सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं।”
संक्षेप में, ट्रूडो की नवरात्रि और भारतीय प्रवासी समुदाय के लिए सराहना आम चुनावों से पहले अपने राजनीतिक भाग्य को बचाने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। अब, वह कनाडा में भारतीय समुदाय के मतभेदों को दूर करना और उनके विविध सांस्कृतिक योगदान को अपनाना चाहते हैं।
भारत को हल्के में लेने की भूल कदापि न करें ट्रूडो!
परन्तु एक प्रश्न तो अब भी व्याप्त है : क्या ट्रूडो के इन प्रयासों को भारत सहर्ष स्वीकार करेगा? कम से कम इनकी पिछली हरकतों को देखते हुए इसकी सम्भावना लगभग नगण्य है!
ऐसा प्रतीत होता है कि जस्टिन ट्रूडो ने राजनीति के एक बुनियादी पहलू – अपने कर्मकांडों को छुपाने की कला – को नजरअंदाज कर दिया है। वैश्विक मंच पर अपने प्रभाव के बावजूद, यह एक ऐसा कौशल है जिसमें वह बिल्कुल नौसिखिया प्रतीत होते हैं।
एक ओर जहाँ ट्रूडो कैनेडियाई हिन्दुओं को ये आश्वासन देने को तत्पर है कि सब चंगा सी, तो वहीँ मिडिल ईस्ट में भारत को नीचा दिखाने के इनके वर्तमान प्रयास भी किसी से छुपे नहीं है, या यूँ कहिये छुपा ही नहीं पाए। कुछ ही समय पूर्व महोदय मिडिल ईस्ट में इज़राएल के समर्थन के नाम पर भारत के बारे में UAE और जॉर्डन से अपना दुखड़ा रोने लगे। अब वो अलग बात है कि ट्रूडो की बातों को उतना ही भाव मिला, जितना महुआ मोइत्रा की बकैती को जनता देती है!
परन्तु इसका अर्थ तो ये बिलकुल नहीं है कि ट्रूडो महोदय प्रयास करना छोड़ देंगे! इतनी बेइज्जती के बाद भी ट्रूडो ने भारत पर अनुचित प्रहार करना जारी रखा। यह दृष्टिकोण उनकी कूटनीतिक कुशलता और उनकी विदेश नीति की सुसंगतता पर सवाल उठाता है।
Trudeau's Canada has a new problem- Radical groups Taliban & pro-Palestine supporters want separate place to protest against Israelpic.twitter.com/FmuHNaa9o0
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 15, 2023
Hamas is a designated terrorist organization in Canada.
But look at leaked email:
Canadian Broadcasting Corporation (CBC) told journalists not to use the term "terrorists" when reporting about Hamas attacks on Israel.
Canada is becoming a safe heaven for all kind of terrorists pic.twitter.com/iPGXW75VVh
— Anshul Saxena (@AskAnshul) October 10, 2023
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भारत तो भारत, ये महाशय तो इज़राएल के साथ भी ऐसा ही दोहरा मापदंड अपना रहे हैं! एक ओर वह मिडिल ईस्ट में शांति लाने की बात करते हैं, तो दूसरी ओर अपने ही कनाडा में हमास समर्थक ब्रिगेड के कुत्सित प्रयासों पर आंखें मूंद लेते हैं। इस नौटंकी के लिए इनकी चौतरफा आलोचना भी हो रही है। कुछ कनाडाई स्पष्ट रूप से इज़राइल समर्थक न होने के लिए इन्हे कोस रहे हैं, जबकि अन्य फ़िलिस्तीनियों की ‘दुर्दशा’ की उपेक्षा करने के लिए ट्रूडो की आलोचना करते हैं।
इसके अलावा, कनाडाई प्रशासन ने इज़राइल में फंसे अपने नागरिकों ठीक वैसे ही छोड़ दिया, जैसे उन्होंने अपने देश के भारतीय प्रवासियों को कट्टरपंथी इस्लामिस्टों और खालिस्तानियों के भरोसे छोड़ा है। ऐसे में अगर ट्रूडो का मानना है कि भारतीय या इजरायली एक हाथ से मित्रता और दूसरे हाथ से विश्वासघात की नीति पे आँख मूँद लगे, तो इनसे भोला प्राणी कोई संसार में न देखने को मिलेगा। अब यह देखना बाकी है कि क्या यह स्पष्ट दोहरा व्यवहार वैश्विक मंच पर उनकी स्थिति को प्रभावित करेगा, खासकर भारतीय और इजरायली समुदायों के साथ जो अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों में विश्वास और विश्वसनीयता को अत्यंत महत्व देते हैं।
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