“भारत को कमतर न आंखें”: पुतिन ने दिखाया संसार को आइना!

जस्ट पुतिन बीइंग पुतिन!

भले ही व्लादिमीर पुतिन हमेशा अपनी नेतृत्व शैली से सबको प्रेरित नहीं करे, परन्तु उनकी राजनीतिक कुशलता प्रभावशाली है। हाल ही में एक सार्वजनिक संबोधन में, उन्होंने भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे मैत्रीपूर्ण संबंधों की सराहना की और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे की सराहना की। पुतिन की टिप्पणी मोदी के नेतृत्व में भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डालती है।

हाल ही में एक पुतिन ने रूस के थिंक टैंक वालदई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब के वार्षिक कार्यक्रम में जनसंबोधन में कहा, “वे उन लोगों को दुश्मन के तौर पर चित्रित करने की कोशिश करते हैं, जो इन पश्चिमी आभिजात्य समूहों के पीछे आँख मूंद के चलने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने ये तरीक़ा चीन सहित कई देशों के साथ अपनाया है. कुछ स्थितियों में उन्होंने ये भारत के साथ भी करने की कोशिश की है. फ़िलहाल वो भारत को अपनी ओर खींचने की कोशिश कर रहे हैं, जैसा कि हम साफ़ देख सकते हैं.”

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उन्होंने पश्चिमी देशों की भारत के क़रीब जाने की कोशिशों को बेतुका बताते हुए कहा, “पश्चिमी देश जो तरीक़े एशिया में इस्तेमाल कर रहे हैं, हमें वो पता है. मैं ये कहना चाहूंगा कि भारत का नेतृत्व स्वतंत्र और अपने राष्ट्र हितों को लेकर दृढ़ है. मेरा मानना है कि इसलिए इस तरह की कोशिशें बेकार हैं, फिर भी वो इसे जारी रखेंगे.” “बल्कि, जो कोई देश स्वावलंबी है और अपने हितों के बारे में सोचता है, उसे पश्चिमी आभिजात्य समूह एक अपनी राह में रोड़े के तौर पर देखने लगता है, जिसे हटाना उनके लिए ज़रूरी हो जाता है.”

परन्तु पुतिन इतने पे नहीं रुके। राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारत और रूस के संबंधों को लेकर बड़ी बात कही है. साथ ही पश्चिमी देशों को चेताया है कि दोनों देशों के बीच दरार डालने की कोशिश कामयाब नहीं होने वाली है. पुतिन ने कहा कि भारत सरकार अपने नागरिकों के हित में स्वतंत्र रूप से काम कर रही है. ऐसे में पश्चिमी देशों द्वारा मॉस्को और नई दिल्ली के बीच दरार पैदा करने का कोई भी प्रयास सफल होने वाला नहीं है.

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इसके अतिरिक्त पुतिन ने कनाडा को भी आड़े हाथों लिया। पुतिन ने वल्दाई डिस्कशन क्लब की एक बैठक में कहा, “अगर कनाडाई संसद के स्पीकर कहते हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस कनाडाई-यूक्रेनी या यूक्रेनी-कनाडाई नाजी ने रूसियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, तो वह यह समझे बिना नहीं रह सकते कि वह हिटलर की तरफ से लड़े थे. अगर वह नहीं जानते कि हिटलर और उसके गुर्गों ने युद्ध के दौरान रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, तो वह मूर्ख है. इसका मतलब है कि वह स्कूल नहीं गए.”

पुतिन ने आगे ये भी कहा, “यह बिल्कुल अजीब लग रहा था कि सभी ने इस नाजी की सराहना की, खासकर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने जिसकी रगों में यहूदी खून है. राजनयिक उथल-पुथल के बाद कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने माफी मांगी. अंग्रेजी समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, ट्रूडो ने बुधवार को हाउस ऑफ कॉमंस में प्रवेश करने से पहले कहा, ‘हम सभी जो शुक्रवार को सदन में थे, हमें खड़े होकर तालियां बजाने पर गहरा अफसोस है, भले ही हम संदर्भ से अनभिज्ञ थे. यह दूसरे विश्व युद्ध के नरसंहार में मारे गए लाखों लोगों के सम्मान का एक भयानक उल्लंघन था, और यहूदी लोगों के लिए बेहद दर्दनाक था.’

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