आखिरकार घरेलू मोर्चे पर शिखर धवन को मिला न्याय!

कभी हार न मानी

कभी सोचा न था कि ऐसे लिखना पड़ेगा, पर जीवन भर की पीड़ा से अच्छा कुछ क्षणों का झटका ही है, जो शिखर धवन के वर्तमान परिस्थितियों में चरितार्थ भी होता है! एक समय वह भारतीय क्रिकेट टीम की जान थे। परन्तु आज, वह अपनी ही पत्नी के ख़िलाफ़ अपना नाम साफ़ करने के लिए दर दर की ठोकरें खानी पड़ी, ताकि एक बार अपने बेटे से मिल ले।

लेकिन शिखर धवन ने कभी हार नहीं मानी। उनके अटूट दृढ़ संकल्प के परिणामस्वरूप दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को उनकी अलग पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक दे दिया, जिससे उनकी आठ साल की शादी खत्म हो गई। यह एक लंबी और चुनौतीपूर्ण लड़ाई थी, लेकिन धवन का दृढ़ संकल्प प्रबल रहा।

शिखर धवन और आयशा के बेटे की परमानेंट कस्टडी पर किसी तरह का आदेश पारित करने से अदालत ने इनकार किया है। धवन को भारत और ऑस्ट्रेलिया में उचित अवधि के लिए अपने बेटे से मिलने और उसके साथ वीडियो कॉल पर बातचीत करने का अधिकार दिया है।

बता दें कि दिल्ली की एक फैमिली कोर्ट ने भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन और आयशा मुखर्जी के तलाक पर मुहर लगा दी है। अदालत ने माना है कि शिखर को आयशा मानसिक तौर पर प्रताड़ित करती थीं। उनको बदनाम करने के लिए कई लोगों को अपमानजनक संदेश भेजे थे। शादी के बाद भारत में रहने के वादे को नहीं निभाया। साथ ही संपत्तियों का मालिकाना हक हासिल करने के लिए भी दबाव डाला।

शिखर धवन ने तलाकशुदा आयशा मुखर्जी से साल 2012 में शादी की थी। पूर्व पति से आयशा की दो बेटियाँ हैं जो ऑस्ट्रेलिया में उनके साथ रहती हैं। इस जोड़े के संबंधों में तनाव 2021 से ही शुरू हो गया था।

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बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने कहा, “आयशा का दावा है कि वह भारत में रहना चाहती थीं। लेकिन अपनी बेटियों के प्रति दायित्व के कारण ऑस्ट्रेलिया में रहना उनकी मजबूरी थी। इसलिए वह भारत में नहीं रहीं। इससे जाहिर है कि वह शादी के समय किए गए अपने वादे से पीछे हट गईं। इसके कारण धवन को लंबी दूरी की शादी का सामना करना पड़ा और वर्षों तक अपने ही बेटे से अलग रहने की भारी पीड़ा झेलनी पड़ी।”

बुधवार (4 अक्टूबर 2023) को फैमिली कोर्ट के जज हरीश कुमार ने धवन के आरोपों को आधार बनाते हुए उन्हें तलाक दे दिया। इनमें से कई आरोपों पर आयशा ने अपना बचाव नहीं किया और कई में वे ऐसा करने में असफल रहीं। अदालत ने माना कि शिखर धवन को उनकी पत्नी लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थीं। इसमें शिखर धवन को उनके पुत्र से ना मिलने देना और सालों तक उनसे दूर उसे ऑस्ट्रेलिया में रखना भी शामिल है।

ऐसे में शिखर धवन की पीड़ादायक कथा इस बात का सूचक है कि आम धारणाओं के विपरीत पुरुष के लिए सब कुछ सरल नहीं होता। उन्हें भी अनेकों कष्ट झेलने पड़ते हैं, परन्तु हर बात के लिए उन्हें कोसना किस शास्त्र या प्रावधान में सर्वोचित माना गया है?

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