कुख्यात आतंकी संगठन हमास द्वारा कई मोर्चों पर किए गए विनाशकारी हमलों से इजराइल को तगड़ा झटका लगा है। मृतकों की संख्या चिंताजनक है, 300 से अधिक लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, सैकड़ों लोग लापता हैं और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस आक्रामकता के जवाब में, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सुरक्षा बहाल करने और “दुश्मन से भारी कीमत” वसूलने पर देश का ध्यान केंद्रित करने की घोषणा की है।
सुरक्षा कैबिनेट की बैठक को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने नागरिकों से जारी संघर्ष में जीत के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। बैठक में नेतन्याहू के सम्बोधन के अनुसार, “आज सुबह से, इज़राइल राज्य युद्ध की स्थिति में है। हमारा पहला उद्देश्य हमारे क्षेत्र में घुसपैठ करने वाली शत्रुतापूर्ण ताकतों को हटाना और जिन समुदायों पर हमला किया गया है, उन्हें सुरक्षा और शांति बहाल करना है। वहीं, दूसरा उद्देश्य गाजा पट्टी के भीतर भी दुश्मन से भारी कीमत वसूलना है। तीसरा उद्देश्य अन्य मोर्चों को मजबूत करना है ताकि कोई भी अकारण इस युद्ध में फंसे नहीं”।
परन्तु क्या ये हमला यूँ ही हुआ है, या फिर इसके पीछे कोई सोचा समझा षड्यंत्र है? कम से कम जो तथ्य अब तक सामने आये है, वो इसी ओर संकेत दे रहे हैं! ऐसा प्रतीत होता है कि इज़राइल 1967 के छह-दिवसीय युद्ध की भांति एक और बहु-मोर्चे युद्ध यानी मल्टी फ्रंट वॉर के मुहाने पर है। हाल ही में 8 अक्टूबर को घटी जब मिस्र के एक पुलिसकर्मी ने भूमध्यसागरीय शहर अलेक्जेंड्रिया में इजरायली पर्यटकों पर गोलियां चला दीं। यह हमला ऐतिहासिक पोम्पी स्तंभ स्थल पर हुआ और इसके परिणामस्वरूप कम से कम दो इजरायली पर्यटकों और एक स्थानीय गाइड की दुखद मौत हो गई, और ये भी जानने में आ रहा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ने की संभावना है।
BREAKING: Egyptian policeman shot and killed two Israeli tourists in Alexandria
— The Spectator Index (@spectatorindex) October 8, 2023
परन्तु ये सिक्स डे वॉर है क्या? बता दें कि 1967 में जैसे भूमि विवाद को लेकर भारत और चीन में युद्ध छिड़ा था, उसी भांति सीरिया से सीमा विवाद को लेकर सीरिया, मिस्र और जॉर्डन समेत छह अरब देशों ने इज़राएल पर धावा बोल दिया, जिसके समर्थन में पाकिस्तान तक ने अपनी एयरफोर्स भेज दी। वह अलग बात है कि ये सहायता किसी काम न आई, और इज़राएल ने सभी आक्रांताओं को पटक पटक कर धोया!
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India, be ready now, Pakistan too has to crush your pride in the same way
— Ahmad Hassan Bobak (@ahmad_bobak) October 7, 2023
इसके अलावा, कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया, जो इज़राइल के निर्दोष लोगों के खिलाफ उसके भयानक कार्यों के लिए हमास का लगभग समर्थन करता प्रतीत हुआ। बयान में दोनों पक्षों से संयम बरतने का आह्वान किया गया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया गया कि वह इजराइल को गाजा में फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ “अनुपातहीन युद्ध” शुरू करने से रोके। मतलब पिटे भी इज़राएल, और दोषी भी इज़राएल? कतर स्वयं कितना आतंक प्रेमी है, इसके लिए तो संभवत एक पूरा महाकाव्य रचना पद जाए!
इज़राइल पर हमले के लिए लेबनान भी हमास के साथ मैदान में उतर गया। इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बताया कि लेबनान से इज़राइल में हिजबुल्लाह के हमले के जवाब में, आईडीएफ तोपखाने ने क्षेत्र में लक्ष्यों पर हमला किया। इसके अतिरिक्त, एक आईडीएफ मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) ने माउंट डोव के पास हिजबुल्लाह आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया।
In response to a Hezbollah attack from Lebanon into Israel, IDF Artillery struck targets in the area.
An IDF UAV also struck Hezbollah terrorist infrastructure in the area of Mount Dov.
The IDF has taken preparational measures for this type of possibility. We will continue to…
— Israel Defense Forces (@IDF) October 8, 2023
इज़राइल में चल रहे संघर्ष के दूरगामी प्रभाव हैं। हमास के हमलों से जानमाल का काफी नुकसान हुआ है और विनाश हुआ है, जिससे अंतरराष्ट्रीय चिंता बढ़ गई है। मिस्र, कतर और लेबनान जैसे कई मोर्चों की भागीदारी, स्थिति में जटिलता की परतें जोड़ती है।
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