“सॉरी पाकिस्तान” अभियान ने दिया BCCI को जीवनदान!

"चोट लगी हैं उसे फिर क्यों महसूस मुझे हो रहा?"

तो हमेशा की भांति इस बार भी पडोसी मुल्क को “मौका मौका” करने का मौका नहीं मिला! पार्ट टाइम मौलवी और फुल टाइम बकैत की पारियों के बावजूद पाकिस्तान 191 पर निपट लिया, और भारत ने क्रिकेट विश्व कप में पाकिस्तान के विरुद्ध 8-0 का अद्वितीय रिकॉर्ड स्थापित किया। जितना हानि BCCI की अनावश्यक आवभगत से राष्ट्रीय छवि को हुई, उसकी भरपाई करने में अपने गुजरती भाइयों ने कोई प्रयास अधूरा न छोड़ा!

परन्तु इस बार मातम केवल पडोसी मुल्क में ही नहीं मन रहा। अपने खान मार्केट मण्डली ने भी कुछ हफ़्तों के लिए अपने क्षेत्र में राष्ट्रीय शोक घोषित किया है! मानो वे इस मैच को वैश्विक कूटनीति के लिए एक लिटमस टेस्ट होने की उम्मीद कर रहे थे, वे हर गेंद का सांस रोककर पीछा कर रहे थे।

जितनी पीड़ा पाकिस्तानियों को इस मैच में पाकिस्तान की कुटाई और भारतीय दर्शकों द्वारा कट्टरपंथी खिलाडियों के ‘आवभगत’ से नहीं हो रही थी, उससे अधिक पीड़ा तो हमारे भारत वामपंथियों को हो रही थी, मानो इन्हे गोलमाल के लकी की भांति जलते तवे पर बिठा दिया गया हो!

BCCI के अनावश्यक कार्यक्रमों को मीलों पीछे छोड़ते हुए ये लोग #SorryPakistan ट्रेंड कराने लोग, जिसमें क्षेत्रवाद के दक्षिण विशेषज्ञों ने इनका भरपूर साथ दिया! तो नमस्कार मित्रों, और आज हमारी चर्चा इसी पीड़ा पर होगी, जो होनी चाहिए पाकिस्तानियों को, पर जिसका बीड़ा उठाते हैं हमारी खान मार्केट की वोक मण्डली!

बर्नोल का स्टॉक ख़त्म, शेयर आसमान छू रहे!

सारा मसला, आई मीन समस्या प्रारम्भ हुई पत्रकार राजदीप सरदेसाई [मैडिसन स्क्वेयर वाले] के एक ट्वीट के साथ । उन्होंने हमारे गुज्जू भाइयों के बीच ‘खेल भावना की कमी’ के बारे में ट्विटर पर शोक व्यक्त किया।

राजदीप ट्विटर पर रोने लगे, “टॉस पर जब बाबर आजम ने बोलना शुरू किया तो अहमदाबाद की भीड़ ने उनकी आलोचना की। ऐसा नहीं हुआ। मेरे जन्म के शहर के सभी लोगों को खेद है… यह क्रिकेट नहीं है।” भाग्य सराहें राजदीप कि इ मैच उत्तम परदेस के इकाना स्टेडियम में नहीं हुआ, नहीं तो महोदय अभी हृदयाघात के कारण अस्पताल में होते।

और पढ़े: कैसे टूर्नामेंट का आयोजन न करें, ये ICC विश्व कप 2023 से समझिये!

लेकिन अपराध क्या था? जब मोहम्मद रिज़वान मैदान से बाहर निकले तो जय श्री राम का नारा लगाते हुए। ओह, भयावहता! लेकिन रुकिए, यह यहीं नहीं रुका। उन्होंने भीड़ पर इस्लामोफोबिया का आरोप लगाते हुए एक्स [पूर्व में ट्विटर] पर जोर से आश्चर्य जताया, “दोपहर का विचार: सुबह हमारे पार्क में, हम अक्सर एक-दूसरे को स्नेहपूर्ण अभिवादन के रूप में ‘राम राम’ कहते हैं। फिर जय का उपयोग क्यों करें श्री राम पाकिस्तानी खिलाड़ियों का मजाक उड़ाने के लिए एक आक्रामक मंत्र के रूप में? भगवान राम मर्यादा पुरषोत्तम है: उन्हें उनसे ज्ञान लाना चाहिए, शत्रुता पैदा नहीं करनी चाहिए। सहमत हैं?” हां, राम-राम स्नेहपूर्ण हो सकता है, लेकिन सुरक्षित रहने के लिए शायद अब से ‘हैलो’ कहना पड़ेगा, क्योंकि राजदीप अंकल को बुरा लगेगा!

अगर ये यह पर्याप्त नहीं था, खान मार्केट कार्टेल, जो हैशटैग ट्रेंड करने की आदत के लिए जाना जाता है, ने “#सॉरीपाकिस्तान” लॉन्च करके कार्रवाई शुरू कर दी। कांग्रेसी प्रवीण चक्रवर्ती, जो अपने सोशल मीडिया ब्लूपर्स के लिए प्रसिद्ध हैं, सभी को उस समय की याद दिलाने लगे, जब 1999 में भारत को हराने के बाद चेन्नई में प्रशंसकों ने पूरी पाकिस्तान टीम को खड़े होकर स्वागत किया था। उन्होंने सुझाव दिया कि ‘सच्चे भारतीय’  गोदावरी नदी के दक्षिण में रहते हैं। शायद इसीलिए बरनोल की डिमांड बहुत बढ़ रही है, पीड़ा बहुत गहरी है!

और ऐसे स्थिति में राजनीतिक तड़का न लगे, ऐसा हो सकता है क्या? सो गए उदयनिधि स्टालिन, जो ट्विटर पर पोस्ट किये, “भारत अपनी खेल भावना और आतिथ्य के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाड़ियों के साथ किया गया व्यवहार अस्वीकार्य है और नया निचला स्तर। खेल को देशों के बीच एकजुट करने वाली शक्ति बनना चाहिए, सच्चे भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए। नफरत फैलाने के लिए इसे एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना निंदनीय है।

अन्ना, कृपया अपना मानसिक दिवालियापन सम्पूर्ण भारत पर न थोपे! आज्ञा से, जनहित में जारी!

पेट पकड़कर हंस रहे होंगे जय शाह एन्ड फ्रेंड्स!

आपको पता है इस समय सर्वाधिक लाभ किसे होगा?

पाकिस्तान को? उन्हें तो खाने के लाले पड़े हैं!

भारत विरोधी डीप स्टेट को? नहीं जी, वे 2024 के लिए अधिक चिंतित है!

BCCI को, क्योंकि वे अब इस बात से आशान्वित है कि उन्हें उतनी गालियां नहीं पड़ेगी, जितने की आशा थी!

टिकट आवंटन में कुप्रबंधन से लेकर, पाकिस्तानियों द्वारा इस मंच को धर्मान्तरण का अड्डा बनाये जाने तक, भारतीयों की शिकायत की सूची अनंत थी। परन्तु मैच के दौरान पहले नरेंद्र मोदी स्टेडियम में उपस्थित दर्शक, और फिर अपने प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम ने स्पष्ट किया क़ि BCCI का फैलाया रायता साफ़ करने के लिए ये काफी है!

“#सॉरीपाकिस्तान” का हास्यास्पद चलन वस्तुतः बूस्टर खुराक था जिसकी बीसीसीआई ने कभी सपने में भी उम्मीद नहीं की थी। जिस तरह से खान मार्केट कार्टेल ने पाकिस्तान से हार पर विलाप किया, वह कुछ हद तक उसी क्लब के रुदन की याद दिलाता है, जब हमारे देश ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में पाकिस्तानियों को दिन में तारे दिखा दिए।

चूंकि इस चलन के मजाक को ट्रेंड करने वालों का एक बड़ा हिस्सा तमिलियन थे, इसलिए अधिकतम दक्षिण भारतीयों ने खुद को इससे पूरी तरह अलग करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। एक यूजर ने पोस्ट किया, “उन लोगों के लिए जो कहते हैं कि दक्षिण भारतीय #सॉरीपाकिस्तान ट्रेंड कर रहे हैं, मैं एक तमिल हूं और मैं पाकिस्तानियों का समर्थन नहीं करता। उन्होंने भारतीय खिलाड़ियों के साथ यही किया। अब कुछ आधे-अधूरे डीएमके/वामपंथी लोग रो रहे हैं।” और पाक से माफी मांग रहा हूं। इस अभियान में सभी दक्षिण भारतीय शामिल नहीं हैं।’

और पढ़े: क्रिकेट विश्व कप बना धर्मान्तरण का नया अड्डा!

यहां तक कि पूर्व क्रिकेटर लक्ष्मण शिवरामकृष्णन भी पाकिस्तान में अपना अनुभव बताते हुए राजदीप पर टूट पड़े, जब उन्होंने पोस्ट किया, “पाकिस्तान में 16 साल की उम्र में मुझे क्या-क्या गालियां मिलीं, केवल मैं ही जानता हूं। मेरे रंग से लेकर मेरे धर्म तक।” मेरे देश और संस्कृति के लिए। भगवान के लिए, यदि आपने इसका अनुभव नहीं किया है, तो कृपया इसके बारे में बात न करें।”

सच कहें तो BCCI अगर पाकिस्तान के समक्ष नतमस्तक भी हो जाती न, तो ये “अमन की आशा” वाले उसे भी चुनौती के रूप में ले लेते! इसलिए प्रिय BCCI, जिसका काम उसी को साजे, दूजा करे तो ठेंगा पावे!

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Exit mobile version