हरियाणा में कांग्रेस की नाव डुबोएगी धनखड़ की मिमिकरी

देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री करने के मामले में जाट समाज में आक्रोश है। राजस्थान के भीलवाड़ा में मेवाड़ जाट महासभा ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। महासभा के जिला अध्यक्ष रामेश्वर लाल जाट ने कहा कि उपराष्ट्रपति एक संवैधानिक पद पर हैं और उनकी मिमिक्री करना देश की गरिमा का अपमान है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में राष्ट्रपति से शिकायत करेंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे।

उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ जाट समाज से आते हैं और उनकी मिमिक्री से पूरे समाज का अपमान हुआ है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे और दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा गया है। आरोप है कि उन्होंने संसद में उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करते हुए TMC विधायक कल्याण बनर्जी की वीडियो बनाई और उन्हें मिमिक्री करने के लिए प्रेरित किया। जाट समाज के लोगों ने राहुल गांधी से भी माफी मांगने की मांग की है।

उधर, कांग्रेस ने इस मामले में सफाई दी है। कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री नहीं की थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने उपराष्ट्रपति के बोलने के अंदाज का अनुकरण किया था, जो कि एक सामान्य बात है।

यह मामला राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला जाट समुदाय के बीच विवाद का कारण बन सकता है।

यह मामला 16 दिसंबर को संसद में उठा था।  इस बात पर विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई थी। इस मामले में जाट संगठनों ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि उपराष्ट्रपति एक संवैधानिक पद पर हैं और उनकी मिमिक्री करना देश की गरिमा का अपमान है।

विपक्षी दलों का कहना है कि वे उपराष्ट्रपति का अपमान नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है कि संसद में मजाक-मस्ती चलती रहती है और वे उपराष्ट्रपति के बोलने के अंदाज की नकल हल्के-फुल्के अंदाज में कर रहे थे। विपक्षी दलों का कहना है कि जाट संगठनों को इस मामले को इतना तूल नहीं देना चाहिए।

जाट संगठनों ने भी किया विरोध

उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के मामले में अन्य जाट संगठनों ने भी विरोध किया है। उत्तर प्रदेश के हरदोई में जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने विरोध प्रदर्शन किया। समिति के अध्यक्ष रामपाल सिंह जाट ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद सम्माननीय है और उनकी मिमिक्री करना गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। राजस्थान के हनुमानगढ़ में भी जाट समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

उपराष्ट्रपति की मिमिक्री के मामले में विपक्ष ने राजनीतिक साजिश का आरोप लगाया है। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कहा कि उपराष्ट्रपति की मिमिक्री करना एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

बीजेपी ने भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी के नेता गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि उपराष्ट्रपति एक संवैधानिक पद पर आसीन हैं और उनकी मिमिक्री करना गलत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

इस से पहले 2023 कैंब्रिज यूनियन में भाषण में राहुल गाँधी ने विवादित बयान दिया था ‘भारत में लोकतंत्र खतरे में’: इस भाषण में राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और संस्थानों पर सरकार का दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता, चुनाव आयोग की स्वायत्तता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर चिंता जताई। उनके इस भाषण को विपक्ष ने तो सराहा, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे देश की छवि खराब करने का प्रयास बताया।

‘चीन के सामने भारत कमजोर’: राहुल गांधी ने यह भी कहा कि चीन के साथ भारत की सीमा विवाद में सरकार की कमजोर नीतियों के कारण भारत कमजोर स्थिति में है। इस बयान की भी काफी आलोचना हुई और इसे देश की सुरक्षा चिंताओं को हल्के में लेने के लिए आलोचना मिली।

हिंदुत्व और आरएसएस (2022): राहुल गांधी ने एक विदेशी कार्यक्रम में कहा था कि हिंदुत्व अलग है और आरएसएस का संस्करण हिंदुत्व नहीं है। इस बयान के लिए भाजपा ने उनकी कड़ी आलोचना की और कहा कि यह हिंदुत्व का अपमान है।

विवादों का कारण

राहुल गांधी के भाषणों के विवादित होने के कई कारण हैं। उनकी कुछ टिप्पणियों को अक्सर तथ्यात्मक रूप से गलत माना जाता है। इसके अलावा, उनके बयान अक्सर अत्यधिक आक्रामक या उत्तेजक होते हैं, जिससे विवाद बढ़ जाता है। हालांकि, उनके समर्थक उनका बचाव करते हैं और कहते हैं कि उनकी भाषणों में सच्चाई होती है और वो मुद्दों को बेबाकी से उठाते हैं।

इन सब गतिभिडियों के बीच सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कीहरयाणा चुनाव नजदीक है और वंहा जाट समुदाय के मत का कितना प्रभाव पर सकता है यह बात किसी से नहीं छुपा ह. आज कांग्रेस की स्थिति हासिये पर है. कांग्रेस का पत्ता लगभग कई राज्यों में साफ़ दिख रहा है और ऐसे राहुल गांधी के बदलते दिनों के नयी विवाद कांग्रेस के वाबिष्य पे एक गहरा सवाल पैदा करती है.

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