आपदा प्रबंधन में भारत की अद्वितीय पहल

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही बहुआयामी आपदा प्रबंधन योजना के तहत, सरकार ने एक सशक्त और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को बनाया है।

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भारत जो अपने विविध भौगोलिक और जलवायु संदर्भों के कारण अक्सर आपदाओं का शिकार बनता है, अब एक उदाहरणीय पहल के माध्यम से आपदा प्रबंधन में नए दिशानिर्देश स्थापित कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही बहुआयामी आपदा प्रबंधन योजना के तहत, सरकार ने एक सशक्त और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली को बनाया है।

इस योजना का उद्देश्य न केवल आपदाओं के संग्रहण और नियंत्रण में सक्षमता को बढ़ाना है, बल्कि लाखों लोगों की सुरक्षा और जीवन को बचाना भी है। भारत अब ‘डिजास्टर रेजिलिएंट’ के रूप में एक आपदा-रोधी देश का मार्ग चुन रहा है, जिसमें जीरो कैजुअल्टी दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

आपदा प्रतिक्रिया टीमें अब सिर्फ आपदा के समय में ही नहीं, बल्कि समयानुसार जीवन को सुरक्षित रखने के लिए भी काम कर रही हैं। इसमें सोशल मीडिया पर योजनाएं साझा करना, जागरूकता बढ़ाना और युवाओं को प्रशिक्षित करना भी शामिल है।

अधिकांश राज्यों में आपदा प्रबंधन सेवाओं का विस्तार हुआ है, जो आपदा के समय में नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर हैं। आपदा मित्र योजना के तहत लाखों युवा वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित किया गया है, जिन्हें आपदा के समय तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार किया गया है।

इस प्रयास के परिणामस्वरूप, भारत किसी भी आपदा का सामना करने में सक्षम हो रहा है, और ‘मिशन जीरो कैजुअल्टी’ के परिणामस्वरूप कई आपदाओं में कोई जीवन का नुकसान नहीं हुआ है।

सारांशतः, भारत सरकार की इस नई पहल के माध्यम से, आपदा प्रबंधन में नए मापदंड स्थापित किए जा रहे हैं, जो देश को आपदाओं से निपटने में अधिक प्रभावी बना रहे हैं। यह न केवल आपदा के समय में बल्कि उससे पूर्व और बाद में भी लोगों की सुरक्षा और सहायता में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। 

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8 हजार करोड़ रुपये की योजना की लागू

शाह ने कहा, गृह मंत्रालय ने 8,000 करोड़ रुपये की आपदा प्रबंधन योजना लागू की है। इससे राज्यों में अग्निशमन सेवाओं का विस्तार हुआ, सात प्रमुख शहरों में बाढ़ का जोखिम कम हुआ और 17 राज्यों में भूस्खलन के जोखिम को कम किया गया। इसके अतिरिक्त, अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए जून 2023 में 5,000 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की गई।

आपदा शमन कोष को दी तीन गुना राशि

शाह ने बताया कि 2005 से 2014 के दौरान राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को जितनी धनराशि आवंटित की गई, उससे तीन गुना ज्यादा धनराशि उन्हें वर्ष 2014 से 2023 के दौरान दी गई। 

2021 में, राष्ट्रीय आपदा शमन कोष के तहत एनडीआरएफ 13,693 करोड़ रुपये और राज्य आपदा शमन कोष के तहत विभिन्न एसडीआरएफ को 32,031 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। 

देश के 350 आपदा संभावित जिलों में 369 करोड़ रुपये के बजट से लागू की जा रही आपदा मित्र योजना का लक्ष्य 1,00,000 युवा वॉलंटियर्स को प्रशिक्षित करना है। 83,000 से अधिक लोगों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आपदाओं से निपटने में तैयारियों के लिए उन्हें जीवन बीमा प्रदान किया गया है।

आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया मानदंड

भारत की इस उत्कृष्ट पहल के लिए सरकार के सख्त निर्णय और प्रभावी कदमों ने देश को आपदाओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनाया है। न केवल सरकारी संस्थाओं, बल्कि समाज के हर वर्ग ने इस योजना में सहयोग किया है और अपनी भूमिका निभाई है।

आपदा प्रतिक्रिया टीमें न केवल अच्छी सक्षमता के साथ संचालित हो रही हैं, बल्कि उनका सक्रिय सामाजिक संघर्ष भी आपदा प्रबंधन में वैश्विक उदाहरण के रूप में सामने आ रहा है।

इस पहल के माध्यम से, भारत ने अपने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक नया मानदंड स्थापित किया है, जो अन्य देशों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बना है। यह उदाहरण दिखाता है कि भारत उच्च स्तरीय आपदा प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध है और एक सुरक्षित, स्थिर और समृद्ध भविष्य की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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