Paytm के बाद अब इन फिनटेक कंपनियों के खिलाफ जांच शुरू!

पेटीएम पेमेंट्स बैंक के बाद अब भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) कुछ फाइनेंशियल टेक्‍नोलॉजी (फिनटेक) कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है।

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भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) कुछ फाइनेंशियल टेक्‍नोलॉजी (फिनटेक) कंपनियों के खिलाफ जांच कर रहा है। इसका मकसद यह पता लगाना है कि प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के उनके तरीके प्रतिस्पर्धा को प्रभावित तो नहीं कर रहे हैं। सीसीआई चीफ रवनीत कौर ने यह बात कही है। 

उन्होंने यह भी कहा कि रेगुलेटर प्रतिस्पर्धी डिजिटल बाजार सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है। रवनीत ने किसी कंपनी का जिक्र तो नहीं किया। लेकिन, कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने राज्यसभा में अगस्त, 2023 में प्रश्नों के लिखित उत्तर में कहा था कि अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी, व्हाट्सएप और फेसबुक, एप्पल और गूगल जैसी कंपनियों के खिलाफ जांच वर्तमान में सीसीआई के समक्ष लंबित है।

सीसीआई प्रमुख के अनुसार, आयोग अलग-अलग संशोधित नियमों, डिजिटल बाजार में प्रतिस्पर्धा-रोधी गतिविधियों के खिलाफ व्यवस्था के साथ अनुचित व्यापार के तौर-तरीकों पर अंकुश लगाने के अपने प्रयासों को मजबूत कर रहा है। 

प्रतिस्पर्धा आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि प्रतिस्पर्धा कानून को लेकर अलग-अलग इकाइयों के बीच जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा फोकस विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन बनाने पर है।

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CCI का फोकस फ‍िनटेक कंपन‍ियों के साथ इन पर भी

उन्होंने बताया कि रेगुलेटर का ध्यान बड़ी तकनीकी कंपनियों के साथ वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) और ऑनलाइन मध्यस्थ सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न क्षेत्रों पर है। कौर ने कहा, ‘सीसीआई फिनटेक क्षेत्र की कुछ इकाइयों की जांच कर रहा है। 

हम देख रहे हैं कि फिनटेक कंपनियां कैसे प्रौद्योगिकी का लाभ उठा रही हैं और क्या इसके जरिये वे बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही हैं? मामले में जांच जारी है।’

इस बारे में और जानकारी दिये बिना उन्होंने यह भी कहा कि नियामक फिल्म उद्योग खासकर फिल्म वितरकों से संबंधित कुछ मामलों को देख रहा है। कौर के अनुसार, बाजार खराब करने की गतिविधियों को दूर कर और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने से अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। 

इससे कुल मिलाकर इनोवेशन और समग्र आर्थिक ग्रोथ को रफ्तार मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘यह सब विनियमन और स्वतंत्रता के बीच सही संतुलन बनाने को लेकर है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बाजार प्रतिस्पर्धी बना रहे और यह सभी संबद्ध पक्षों के लिए निष्पक्ष रूप से काम करे।’

कौर ने कहा कि आयोग डिजिटल बाजार से संबंधित मामलों में तेजी ला रहा है। कंपनियां प्रतिस्पर्धा कानूनों का पालन करने के महत्व को अब समझने लगी हैं। यह अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष डिजिटल बाजार सुनिश्चित करेगा। 

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, नियामकीय परिदृश्य को लेकर कानूनी चुनौतियां भी हैं। हमारा ध्यान एक ऐसा परिवेश बनाने पर रहता है जहां प्रतिस्पर्धा हो। यह एक सतत प्रक्रिया है। हम प्रतिस्पर्धी डिजिटल बाजार सुनिश्चित करने के लिए निगरानी, मूल्यांकन और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

DMDU ने भी काम करना क‍िया शुरू

सीसीआई में डिजिटल मार्केट डाटा यूनिट (डीएमडीयू) ने भी काम करना शुरू कर दिया है। गूगल के खिलाफ सीसीआई के एक महत्वपूर्ण फैसले के बाद बाजार पर पड़े प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर कौर ने कहा, ‘बहुत बदलाव आया है और कंपनियों को यह एहसास हो रहा है कि वे प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों में शामिल होकर बच नहीं सकती हैं। हम नियमों के क्रियान्वयन के साथ-साथ अनुकूल परिवेश बनाने पर भी ध्यान दे रहे हैं। कुल मिलाकर, इन सबका एक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’

बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी संभाल रहे सीसीआई ने प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल के खिलाफ एंड्रॉयड प्रणाली और प्ले स्टोर मूल्य निर्धारण नीति से संबंधित कई फैसले दिए हैं।

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