चीन की चोरी! ऐसे Google डेटा हो रहा था गायब

अमेरिका में बुधवार को चीन के एक सॉफ्टवेटर इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया था। इस इंजीनियर पर दिग्गज टेक कंपनी गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी चुराने का आरोप है। 

गूगल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चीन

चीन और चोरी साथ-साथ चलते हैं। कभी चीन पर डेटा चोरी, तो कभी जासूसी करने का आरोप लगता रहता है। दरअसल चीन चोरी के माल को अपना बनाकर बेचता है। इसका एक नया सबूत देखने को मिला है। अमेरिका में बुधवार को चीन के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया गया था। इस इंजीनियर पर दिग्गज टेक कंपनी गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजी चुराने का आरोप है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार अमेरिका के अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने कहा कि यह इंजीनियर कथित तौर पर चीन की दो कंपनियों के लिए खुफिया तरीके से काम कर रहा था और गूगल की एआई टेक्नोलॉजी चुरा रहा था। इस शख्स की पहचान लिनवे डिंग (38) के रूप में हुई है। डिंग पर ट्रेड सीक्रेट्स की चोरी के चार आरोप लगाए गए हैं। 

डिंग को बुधवार को कैलिफोर्निया के नेवार्क में गिरफ्तार किया गया था। उसने कथित तौर पर गूगल के नेटवर्क से कॉन्फिडेंशियल जानकारी अपने निजी अकाउंट में ट्रांसफर की थीं। इस दौरान वह एआई इंडस्ट्री में काम करने वाली चीन की कंपनियों के साथ खुफिया तरीके से जुड़ा हुआ था। 

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जस्टिस डिपार्टमेंट एआई और अन्य एडवांस्ड टेक्नोलॉजीज की चोरी बर्दाश्त नहीं करेगा, जो देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती हैं। उनहोंने कहा कि हम अमेरिका में डेवलप होने वाली संवेदनशील टेक्नोलॉजी की हर हालत में सुरक्षा करेंगे ताकि वह गलत हाथों में न जा सके और उसका दुरुपयोग नहीं हो सके।

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एफबीआई ने सीधे लिया चीन का नाम

इस मामले में एफबीआई के निदेशक क्रिस्टोफर रे ने सीधे तौर पर चीन का आधिकारिक नाम लिया। उन्होंने कहा कि डिंग की गिरफ्तारी बताती है कि पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की कंपनियों के लोग अमेरिकी इनोवेशन चुराने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। रे ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों से इनोवेटिव टेक्नोलॉजी और ट्रेड सीक्रेट्स की चोरी ने नौकरियां जा सकती हैं। 

इसका अमेरिका की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा पर बेहद गंभीर असर पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार अगर इसमें डिंग को दोषी पाया जाता है तो उसे हर आरोप में अधिकतम 10 साल की जेल और ढाई लाख डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है।

रिपोर्ट्स के अनुसार लिनवे डिंग को गूगल ने साल 2019 में काम पर रखा था। वह गूगल के सुपरकम्प्यूटिंग डाटा सेंटर्स में इस्तेमाल किए जाने वाले सॉफ्टवेयर डेवलप करने का काम करता था। मुकदमे के अनुसार उसने कथित तौर पर मई 2022 और मई 2023 के बीच गूगल की कॉन्फिडेंशियल जानकारी एक निजी क्लाउड अकाउंड में अपलोग करना शुरू किया था। 

अपलोड की गई फाइल्स उन हार्डवेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर और सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म से संबंधित थीं जिनके जरिए गूगल के सुपरकम्प्यूटिंग डाटा सेंटर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बड़े और जटिल मॉडल्स को मशीन लर्निंग के जरिए ट्रेन किया जाता है।

इस्तीफे के बाद सामने आई हकीकत

मुकदमे में कहा गया है कि जून 2022 में चीन की टेक्नोलॉजी कंपनी बीजिंग रोंगशू लिआंझी टेक्नोलॉजी के चीफ एग्जीक्यूटिव ने डिंग से संपर्क किया था। उसने डिंग को चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर का पद और 14,800 डॉलर मासिक का वेतन ऑफर किया था। मई 2023 से कुछ पहले डिंग ने चीन में अपनी खुद की कंपनी की स्थापना की थी। 

इसका नाम शंघाई झिसुआन टेक्नोलॉजी था। आरोप है कि डिंग ने इन दोनों ही कंपनियों के साथ अपने संबंध के बारे में गूगल को कभी जानकरी नहीं दी। डिंग ने दिसंबर 2023 में गूगल से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उसकी नेटवर्क एक्टिविटी हिस्ट्री की जांच में यह पता चला था।

इस मामले में गूगल का क्या कहना है?

इसे लेकर गूगल के प्रवक्ता जोस कास्टानेडा ने कहा कि एक इन्वेस्टिगेशन के बाद हमें पता चला कि डिंग ने हमारे साथ काम करते हुए कई दस्तावेजों की चोरी की थी। इसकी जानकारी मिलते ही हमने यह मामला लॉ एन्फोर्समेंट के पास भेज दिया था।

कास्टानेडा ने आगे कहा कि खुफिया कॉमर्शियल जानकारी और ट्रेड सीक्रेट्स की सुरक्षा के लिए हम सख्त मानक अपनाते हैं। हम एफआई का आभार जताते हैं कि वह हमारी जानकारी सुरक्षित रखने में हमारी मदद कगर रही है। हम उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं और आगे भी ऐसा ही करते रहेंगे। बता दें कि डिंग की हिस्ट्री की जांच कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने की थी।

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