सरकारी रिटायरमेंट प्लानिंग स्कीम अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की प्रभावशीलता को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बीच वाकयुद्ध छिड़ गया। इसकी शुरुआत तब हुई जब रमेश ने बताया कि 24 मार्च को बेंगलुरु में सीतारमण ने दिग्गज भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पेंशन योजना की सराहना की, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया कि 83 प्रतिशत ग्राहक ₹1,000 पेंशन के सबसे निचले स्लैब लेवल पर हैं।
उन्होंने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद की एक स्टडी का हवाला देते हुए बताया कि पेंशन योजना से बाहर होने वाले लगभग एक-तिहाई ग्राहकों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उनके खाते बिना किसी स्पष्ट अनुमति के खोले गए थे।
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वित्त मंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया
लाइवमिंट की खबर के मुताबिक, अध्ययन से यह भी पता चलता है कि जहां 32 प्रतिशत ग्राहकों ने बैंक की अनुमति के बिना अटल पेंशन योजना अकाउंट खोलने के चलते अकाउंट छोड़ दिया, वहीं 38 प्रतिशत ने खाते बंद कर दिए क्योंकि वे अधिक पैसा चाहते थे और 15 प्रतिशत के पास खाता चलाने के लिए पैसे नहीं थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इन आरोपों का खंडन किया और यहां तक कि दिग्गज अर्थशास्त्रियों रिचर्ड थेलर और कैस सनस्टीन की भी चर्चा की। सीतारमण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक पोस्ट में लिखा कि जयराम रमेश एक अच्छा पेंशन अकाउंट डिजाइन करने के मूल सिद्धांतों से अनजान हैं। सीतारमण ने इस योजन को लेकर निम्न बातों की चर्चा की:
- अटल पेंशन योजना को प्रीमियम पेमेंट ऑटोमैटिक रूप से जारी रखने के लिए सर्वोत्तम प्रैक्टिस ऑप्शन के आधार पर डिज़ाइन किया गया है जब तक कि ग्राहक बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनता है। यानी योगदान साल-दर-साल तब तक जारी रहता है जब तक ग्राहक योजना बंद नहीं करना चाहता।
- यह स्कीम प्रचलित ब्याज दरों के बावजूद न्यूनतम 8 प्रतिशत रिटर्न प्रदान करती है। और अगर कमी होती है तो सरकार पीएफआरडीए को सब्सिडी भी देती है।
- सीतारमण ने निवेशकों को धोखा देने और उनके साथ जबरदस्ती करने के आरोप को खारिज कर दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी वोट बैंक की राजनीति या अल्पसंख्यक तुष्टिकरण के नाम पर धोखा देती है।
- सीतारमण ने ज्यादातर पेंशन अकाउंट के निचले स्लैब में होने के आरोप पर भी कहा कि यह योजना गरीबों और निम्न मध्यम वर्ग के लिए है।
जानें क्या है अटल पेंशन योजना
अटल पेंशन योजना भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई एक सामाजिक सुरक्षा योजना है। भारत सरकार का मकसद भारत के सभी नागरिकों को 60 वर्ष की उम्र के बाद इनकम का एक स्थिर फ्लो प्रदान करना है। यह योजना एक तरह से असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर केंद्रित है, जिसके तहत, 60 साल की उम्र में 1000 या 2000 या 3000 या 4000 या 5000 रुपये प्रति माह न्यूनतम पेंशन की गारंटी ग्राहकों के योगदान के आधार पर दिया जाएगा।
इस योजना के तहत अकाउंट ओपन करने के लिए ग्राहक का बैंक या पोस्ट ऑफिस में एक बचत खाता होना चाहिए। ध्यान रहे, इसमें 18 साल से 40 साल की उम्र तक का कोई भी भारतीय बैंक या पोस्ट ऑफिस में जाकर अटल पेंशन योजना अकाउंट खोल सकता है। इस स्कीम में सब्सक्राइबर अपना योगदान मासिक/तिमाही/छमाही अंतराल पर बचत बैंक खाता/ग्राहक के डाकघर बचत बैंक खाते से ऑटो डेबिट सुविधा के जरिये दे सकता है।
यह अटल पेंशन अकाउंट में नामांकन विवरण देना अनिवार्य है। अगर सब्सक्राइबर या ग्राहक विवाहित है तो पति या पत्नी डिफ़ॉल्ट नामित होंगें। अविवाहित ग्राहक नामित के रूप में किसी भी दूसरे व्यक्ति को मनोनीत कर सकते हैं लेकिन शादी के बाद उन्हें पति या पत्नी की जानकारी देनी होगी।
पति या पत्नी और नामित के आधार की जानकारी प्रदान की जा सकती है। सब्सक्राइबर की मृत्यु के बाद उसका जीवनसाथी उसके समान ही पेंशन राशि पाने का हकदार होगा। सब्सक्राइबर और पति या पत्नी दोनों की मृत्यु के बाद, नामांकित व्यक्ति सब्सक्राइबर 60 वर्ष की आयु तक संचित पेंशन राशि पाने का हकदार होगा।
ऐसे खोल सकते हैं अटल पेंशन योजना अकाउंट
- बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या अगर खाता नहीं है तो नया बचत खाता खोलें।
- बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध कराएं और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें।
- आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह जरूरी नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में कम्यूनिकेशन की सुविधा के लिए प्रदान की जा सकती है।
- मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के ट्रांसफर के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में जरूरी राशि रखना सुनिश्चित करें।
अटल पेंशन योजना से जुड़े लेटेस्ट आंकड़े
नए प्रावधान के तहत, 1 अक्टूबर 2022 से कोई भी नागरिक जो इनकम टैक्स देते हैं या देते रहे हैं, अटल पेंशन स्कीम में शामिल होने के लिए पात्र नहीं होंगे। इस योजना से 20 जनवरी 2024 तक कुल 6,17,96,389 सब्सक्राइबर्स जुड़े हैं।
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