भारत के 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट को मिली हरी झंडी

वर्षों की चर्चा और देरी के बाद बीती 7 मार्च को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने भारत के पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) स्टील्थ फाइटर जेट के लिए फंड मंजूर कर दिया है।

कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस), एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट, एएमसीए

आखिरकार, वर्षों की चर्चा और देरी के बाद बीती 7 मार्च को कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने भारत के पांचवीं पीढ़ी के एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) स्टील्थ फाइटर जेट के लिए फंड मंजूर कर दिया है। इसके लिए 15 हजार करोड़ रुपए एप्रूव किए गए हैं। इसके बनने से चीन और पाकिस्तान की हालत खराब हो जाएगी।  

आइए जानते हैं इस विमान की ताकत और खासियत  

इस फाइटर जेट का नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (Advanced Medium Combat Aircraft – AMCA) इसका पहला प्रोटोटाइप साल 2026 तक सामने आ जाएगा। इसमें जनरल इलेक्ट्रिक 414 (GE-414) के दो इंजन लगे होंगे। एएमसीए आने से चीन, रूस और अमेरिका जैसे देशों की श्रेणी में भारत भी शामिल हो जाएगा। एएमसीए के आने के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।  

AMCA अमेरिकी F-35 और रूस के Su-57 को कड़ी टक्कर देगा। देश में अभी फ्रांस से मंगाए गए 4.5 पीढ़ी के राफेल फाइटर जेट हैं। यह विमान अमेरिका के सबसे खतरनाक फाइटर जेट F-35 को स्पीड में पछाड़ देगा। इसकी अधिकतम गति 2633 km/hr होगी। F-35 की अधिकतम गति 2000 km/hr ही है। एएमसीए के आने के बाद पाकिस्तान तो मुंह खोल नहीं पाएगा। चीन की हालत भी खराब रहेगी। 

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अमेरिकी फाइटर जेट F-35 से ज्यादा रेंज

एएमसीए रेंज में भी अमेरिकी F-35 से ज्यादा होगा। भारतीय लड़ाकू विमान की रेंज 3240 KM होगी, जबकि अमेरिकी फाइटर की 2800 किमी है। कॉम्बैट रेंज 1620 किलोमीटर होगी, जबकि F-35 की कॉम्बैट रेंज 1239 किलोमीटर है। भारतीय लड़ाकू विमान 57.9 फीट लंबा होगा, जबकि एफ-35 छोटा है। यह सिर्फ 51.4 फीट लंबा है। 

एएमसीए का विंगस्पैन 36.6 फीट का होगा, जबकि एफ-35 का 35 फिट ही है। AMCA की ऊंचाई 14.9 फीट होगी, जबकि F-35 की 14.4 फीट है। AMCA सिर्फ एक मामले में F-35 से पीछे दिख रहा है, वो है ईंधन की क्षमता। भारतीय विमान में 6500 किलोग्राम फ्यूल आएगा। जबकि अमेरिकी फाइटर में 8275 KG आता है।  

आधुनिक डिस्प्ले और कमांड कंट्रोल होगा

भारतीय फाइटर जेट अधिकतम 65 हजार फीट की ऊंचाई तक जाएगा। ये फाइटर जेट भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए बनाया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स इस फाइटर जेट के सात स्क्वॉड्रन बनाने की योजना बना रहा है। पहले वर्जन के बाद एएमसीए मार्क-2 में और ताकतवर ज्वाइंट वेंचर इंजन लगाने की प्लानिंग है। 

इसका कॉकपिट मैन-मशीन इंटरैक्शन पर आधारित होगा। पैनारोमिक टचस्क्रीन डिस्प्ले, मल्टी फंक्शन डिस्प्ले और हेड्स अप डिस्प्ले की व्यवस्था होगी। एएमसीए में हैंड्स ऑन थ्रॉटल एंड स्टिक (HOTAS) अरेंजमेंट होगा। जो पायलट के दाहिनें हाथ में स्टिक और बाएं हाथ में थ्रॉटल होगा। ताकि पायलट का वर्कलोड कम हो सके।

हथियारों का पूरा जखीरा चौंका देगा आपको

एएमसीए में 14 हार्डप्वाइंट्स होंगे। इसमें 23 मिलीमीटर की GSh-23 कैनन लगी होगी। इसके अलावा S8 रॉकेट पॉड्स, अस्त्र मार्क-1, 2, 3, हवा से हवा में मार करने वाली NG-CCM मिसाइल, ब्रह्मोस एनजी (BrahMos-NG), संत और हवा से जमीन पर मार करने वाली रुद्रम मिसाइल लगाई जाएंगी। 

F-35 फाइटर जेट में एक 25 मिलीमीटर का कैनन है। चार हार्डप्वाइट्ंस हैं। छह एक्सटर्नल हार्ड प्वाइंट्स हैं। यह AIM 120, 9X, 132 और हवा से हवा में मार करने वाली MBDA मीटियोर मिसाइल से लैस है। इसके अलावा इस पर हवा से सतह पर मार करने वाली AGM 88G, AGM 158, Spear 3 हवा से सतह और हवा से शिप पर मार करने वाली मिसाइलें तैनात हो सकती है। 

इस योजना में अगले पांच वर्षों के भीतर लगभग पांच प्रोटोटाइप का निर्माण शामिल है। प्रोटोटाइप के उत्पादन में राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सहित उद्योग भागीदारों के भाग लेने की उम्मीद है। सरकार घरेलू प्रौद्योगिकियों और सैन्य विनिर्माण क्षेत्र की उन्नति के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है।

हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

रक्षा मंत्रालय का अनुमान है कि पांचवीं पीढ़ी की यह विमान परियोजना सैकड़ों हजारों नौकरियां पैदा करेगी और भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के ऑर्डर से व्यापक रोजगार के अवसर पैदा होने के अलावा, भारतीय कंपनियों को सैकड़ों अरब रुपये का कारोबार मिल सकता है।

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