GDP ने लगाई लंबी छलांग, Q3 में 4.3% से उछलकर 8.4% पर पहुंचा आंकड़ा

केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिंसबर) में जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है। 

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भारत एक ऐतिहासिक परिवर्तन की ओर अग्रसर है, देश की अर्थव्यवस्था ने अपनी गति में एक मजबूत और सतत उछाल दर्ज किया है। गुरुवार को केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिंसबर) में जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए, जो इस बात का संकेत दे रहे हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था तेज गति से आगे बढ़ रही है। 

NSO के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.4% है। अनुमान ये था कि ये आंकड़ा 6.5 फीसदी रह सकता है। इससे पिछली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रही थी। पिछले फाइनैंशल ईयर की समान तिमाही में यह 4.3 प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में देश की वृद्धि दर 2023-24 में 7.6 प्रतिशत रहने की बात कही है।

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इस उछाल के पीछे है कई कारण

इस उछाल के पीछे कई कारण हैं। पहला तो, कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था की रिकवरी बहुत ही सकारात्मक रूप में हो रही है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश और उत्पादकता में वृद्धि के कारण, उत्पादन और सेवाओं में वृद्धि की गति तेज हो गई है।

निवेश और उत्पादकता की वृद्धि:

सरकारी नीतियों ने भी इस ग्रोथ को प्रोत्साहित किया है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान जैसी योजनाएं नए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उत्पादकता को बढ़ावा देने में भी मदद कर रही हैं। जिससे नए व्यवसाय आरंभ करने वाले लोगों को सहायता मिल सके। इससे उत्पादकता में वृद्धि हो रही है और नए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।

बाजार में वृद्धि:

भारतीय बाजार ने भी अद्वितीय वृद्धि का सामना किया है। निरंतर बढ़ती उपभोक्ता मांग ने विभिन्न क्षेत्रों में बाजार को सशक्त किया है। अब विभिन्न उत्पादों के लिए बढ़ती डिमांड के साथ-साथ भारत में उत्पादन की स्थिरता भी बढ़ रही है। नए बाजारों में प्रवेश और नए उत्पादों की उपलब्धता ने उपभोक्ताओं की विकास दर को संवेदनशील बनाया है।

कृषि में सुधार:

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का मौलिक आधार है। सरकार ने कृषि क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और किसानों को बेहतर तकनीकी समर्थन, सम्माननीय मूल्य और स्थिरता प्रदान करने के लिए उदार कदम उठाए हैं। इससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हो रही है और उत्पादकता में सुधार हो रहा है, जिससे खाद्य सुरक्षा बढ़ती है और गरीबी का स्तर कम हो रहा है।

नौकरीयों की स्थिति:

अद्यतन क्षेत्रों में नए नौकरीयों का सृजन हो रहा है और अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। सरकारी योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो नौकरियों की सृजनात्मकता में वृद्धि कर रहा है। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण के प्रसार के कारण भी नौकरियों का संभावनाओं को बढ़ाया गया है।

पीएम मोदी ने जताई खुशी

पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को लेकर खुशी जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर लिखे अपने पोस्ट में लिखा कि वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है जो भारतीय अर्थव्यवस्था की ताकत और इसकी क्षमता को दर्शाती है। हमारे प्रयास देश को तेज आर्थिक विकास के लिए जारी रहेंगे, जिससे 140 करोड़ भारतीयों को बेहतर जीवन जीने और एक विकसित भारत बनाने में मदद मिलेगी।

तीन क्षेत्रों में भारत की बल्ले-बल्ले

इकॉनमी के दमदार प्रदर्शन के पीछे तीन बड़े फैक्टर रहे हैं। मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टरों ने अच्छी रफ्तार दिखाई। वहीं नेट इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में बढ़त का भी योगदान रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.8 प्रतिशत घटा था। उस स्तर से इसने FY24 की तीसरी तिमारी में 11.6% की ग्रोथ दर्ज की। माइनिंग में भी 7.5 प्रतिशत की ग्रोथ रही।

अमेरिका चीन से आगे भारत

भारत की 8.4% ग्रोथ के मुकाबले चीन में 5.2%, अमेरिका में 3.1% ग्रोथ रही। भारत की रफ्तार बनी रहने की उम्मीद है। IMF जैसी संस्थाओं का अनुमान है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अमेरिका, जापान, चीन जैसे देशों से बेहतर ग्रोथ भारत की होगी।

भारतीय अर्थव्यवस्था की बढ़ती गति वास्तव में एक प्रेरणादायक यात्रा है। निवेश, उत्पादकता, बाजार, कृषि, और नौकरियां – ये सभी क्षेत्र उदारीकृत विकास का हिस्सा बन रहे हैं। इस सफलता का कारण है सरकारी नीतियों का तरीके से प्रभावी अमल और व्यापारिक सेक्टर के विकास में समर्थन। यह स्थिरता, समृद्धि और सामाजिक उत्थान के दिशानिर्देश को साबित कर रही है और एक नए भारत का संकेत दे रही है।

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