देश भर में टिकाऊ ऊर्जा और आम परिवारों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने “पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” को हरी झंडी दे दी है। इस पर 75 हजार 21 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस दूरदर्शी पहल का लक्ष्य एक करोड़ घरों में छत पर सौर पैनल स्थापित करना है, जिससे उन्हें हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिल सके।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि छतों पर सोलर पैनल लगाने और एक करोड़ परिवारों को हर महीने प्रति परिवार 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली की इस योजना को मंजूरी दी गई है। हर परिवार को एक किलोवाट क्षमता के प्लांट के लिए 30 हजार रुपये और दो किलोवाट के संयंत्र के लिए 60 हजार रुपये सब्सिडी मिलेगी।
ठाकुर ने बताया कि एक करोड़ घरों को 300 यूनिट मुफ्त बिजली बिजली मिलने के बाद 15 हजार रुपये सालाना आमदनी होगी। इससे सीधे तौर पर 5 से 6 करोड़ लोगों के जीवन पर प्रभाव पड़ेगा। केंद्र ने 13 फरवरी 2024 को यह योजना लॉन्च की थी।
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सब्सिडी का इंतजाम
हर परिवार के लिए दो किलोवॉट तक के रूफटॉप सोलर प्लांट पर बेंचमार्क कास्ट की 60 पर्सेंट सब्सिडी मिलेगी। इसके बाद अगले एक किलोवाट पर 40 प्रतिशत और सब्सिडी मिलेगी। वर्तमान बेंचमार्क प्राइसेज पर 3 किलोवॉट के प्लांट पर एक लाख 45 हजार रुपये की लागत आएगी। एक किलोवॉट सिस्टम के लिए 30 हजार रुपये, 2 किलोवॉट सिस्टम्स के लिए 60 हजार रुपये और 3 किलोवॉट या इससे अधिक के सिस्टम्स के लिए 78 हजार रुपये की सब्सिडी बनती है।
सस्ती दरों पर कर्ज
ठाकुर ने बताया कि सब्सिडी के बाद बाकी रकम भी कम ब्याज दर पर बैंकों से मुहैया कराने का इंतजाम किया गया है। इस कर्ज पर बैंक रेपो रेट के ऊपर अधिक से अधिक 0.5 प्रतिशत ब्याज ही चार्ज कर सकेंगे। फिलहाल रेपो रेट 6.5% है।
आवेदन का तरीका
इस स्कीम के तहत लाभ लेने के लिए https://pmsuryaghar.gov.in पर रजिस्टर करना होगा। ठाकुर ने बताया कि सब्सिडी के लिए नैशनल पोर्टल के जरिए आवेदन करना होगा। वहां दिए गए वेंडरों में से लोग अपनी पसंद से वेंडर चुन सकेंगे, जो रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करेगा।
वेंडर की ओर से इंस्टॉलेशन तक की प्रक्रिया पूरी होने के बाद डिस्कॉम द्वारा नेट मीटरिंग की जाएगी। सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और सब्सिडी सीधे संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में भेज दी जाएगी। नैशनल पोर्टल पर लोगों को जानकारी दी जाएगी, जिसकी मदद से वे अपनी जरूरत के हिसाब से उचित सिस्टम साइज चुन सकेंगे। बेनेफिट्स कैलकुलेशन और वेंडर की रेटिंग पता करने में भी पोर्टल सहायता करेगा।
ठाकुर ने कहा कि इस स्कीम से आरडब्ल्यूए को भी फायदा होगा। डिस्कॉम को आधारभूत ढांचा अपग्रेड करना होगा और भारत सरकार उनको इंसेंटिव देगी। पंचायती राज संस्थाओं को भी लाभ होगा। केंद्र सरकार के सभी भवनों पर 2025 तक रूफ टॉप सोलर पैनल लगाया जाएगा। भारत में तैयार किए गए मॉड्यूल को ही इस योजना में शामिल किया जाएगा। इस योजना से सीधे तौर पर 17 लाख लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे।
“पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना” भारतीय समाज के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो आम जनता को बेहतर ऊर्जा संसाधन और सशक्त बनाने के लिए उन्नति की दिशा में बढ़ावा देगी। यह योजना विभिन्न तरह के फायदे प्रदान करती है, जिनमें से कुछ मुख्य हैं:
- ऊर्जा स्वतंत्रता: यह योजना देश के लोगों को ऊर्जा स्वतंत्रता का अनुभव कराएगी है, जो उन्हें ऊर्जा आपूर्ति के साथ-साथ स्वतंत्र भी बानाएगी, और उनके ऊर्जा के स्रोतों को नियंत्रण करने में भी मदद करेगी।
- गरीबी उन्मूलन: यह योजना गरीब वर्ग के लोगों को बिजली के खर्च में कटौती प्रदान करेगी, जो अधिक धन की बचत करने में मददगार साबित होगा। और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा।
- पर्यावरण संरक्षण: सौर पैनल का प्रयोग करने से, यह योजना पर्यावरण की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह बिजली उत्पादन में कार्बन प्रतिबंधक उत्सर्जन को कम करेगी और वायु प्रदूषण को कम करने में भी सहायक साबित होगी।
- रोजगार का अवसर: इस योजना से देश में रोजगार का भी सृजना होगा, उदाहरण के लिए जब को व्यक्ति अपने घर की छत पर सौलर पैनल लगाएगा तो वह अपने घर की तो बीजली फ्रि कर ही पाएगा, लेकिन वह व्यक्ति जीतनी अतिर्कित बीजली बनाएगा उसको वह बेच कर पैसे भी कमा पाएगा। जिससे लोगों को नौकरी का अवसर मिलेगा और अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकेगा।
- बिजली की स्थिरता: सौर पैनल का प्रयोग करने से, लोगों को बिजली की स्थिरता मिलती है, क्योंकि सौर ऊर्जा स्थायी स्रोत है और इसमें कोई अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय आपूर्ति की आवश्यकता नहीं होती है।
इस योजना के माध्यम से, भारत सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। यह न केवल पर्यावरण के प्रति हमारी जिम्मेदारी को बढ़ावा देगा, बल्कि गरीबी को कम करने और समृद्धि को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह एक नया भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो विकास और समृद्धि की दिशा में हमें आगे बढ़ाने में मदद करेगा।