3000 से अधिक महिलाओं को वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेलने वाली सलमा की कहानी।

सलमा का मामला एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश कर रहा है कि कैसे खुद कभी तस्करी का शिकार हुई एक महिला सबसे कुख्यात तस्करों में से एक बन सकती है।

Salma, मानव तस्करी

मानव तस्करी की भयावह दुनिया में जहां कमजोर लोगों का शोषण किया जाता है और मासूमियत को नष्ट कर दिया जाता है। इस दुनिया में अपराधी अक्सर सुर्खियों से छुपे हुए छायादार व्यक्ति के रूप में खड़े होते हैं। हाल की एक ऐसी ही घटना ने एक डरावनी सच्चाई पर प्रकाश डाला है- कि महिलाएं भी ऐसे जघन्य अपराधों की सूत्रधार हो सकती हैं। मैमुना जिसे सलमा के नाम से भी जाना जाता है, का मामला एक परेशान करने वाली तस्वीर पेश कर रहा है कि कैसे खुद कभी तस्करी का शिकार हुई एक महिला सबसे कुख्यात तस्करों में से एक बन सकती है।

पश्चिम बंगाल की सीआईडी टीम, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच और मिशन मुक्ति फाउंडेशन की संयुक्त टीम ने मंगलवार सुबह जीबी रोड पर कोठा नम्बर 70 पर छापा मार कोठा मालकिन सलमा को गिरफ्तार किया है। आरोपित को गिरफ्तार कर तीस हजारी अदालत में पेश किया गया।

जहां उसे चार दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। पश्चिम बंगाल सीआईडी उसे अपने साथ लेकर चली गई है। आरोपित सलमा ने पूछताछ के दौरान कबूला कि अभी तक पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश से लेकर 3000 हजार से ज्यादा लड़कियों को वेश्यावृत्ति के धंधे में धकेल चुकी है। पिछले बीस सालों से वह मानव तस्करी के धंधे में लगी हुई है। 

एक समय सलमा को मानव तस्करी के जरिये जीबी रोड लाया गया था। शुरू में उसने यहां कोठा नम्बर 56 में देह व्यापार किया। उसके बाद कोठा नम्बर 56 पर नाइका बन गई और लड़किया लाकर धंधा कराने लगी। बाद में उसने कोठा नम्बर 70 खरीद लिया और उसकी मालकिन बन वहां बाहर से लड़कियां लाकर वेश्यावृत्ति का धंधा कराने लगी। पश्चिम बंगाल के बरुइपुर जिले से 5 सितम्बर 2023 से साल 19 वर्षीय सरीफा खातून बच्चे सहित लापता हो गई थी।

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जीबी रोड आया था एक युवक

पश्चिम बंगाल में बरुइपुर का रहने वाला कोई युवक जीबी रोड पर आया तो उसने यहां पर कोठा नम्बर 70 पर सरीफा को देखा और पहचान लिया। वापस जाकर उसने सरीफा के परिवार वालों को इसकी जानकारी दी । सरीफा के परिवार वालों ने स्थानीय पुलिस को यह जानकारी। पश्चिम बंगाल की पुलिस ने इस पर लापता सरीफा की बरामदगी में मदद के लिए मिशन मुक्ति फाउंडेशन को पत्र लिखा।

फाउंडेशन की मदद से नवम्बर 2023 में मध्य जिला पुलिस के सहयोग से सरीफा को रेस्क्यू कर लिया गया। सरीफा को लेकर बंगाल पुलिस वापस चली गई। बंगाल पुलिस ने वापस जाकर बयान लिए तो सरीफा ने पूरी कहानी बताई कि किस तरह उसे अपहरण कर जीबी रोड पर ले जाया गया और उससे जबरन वेश्यावृत्ति का धंधा कराया गया। सरीफा के बयान पर मामले की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम बंगाल पुलिस ने यह मामला सीआईडी को रेफर कर दिया।

सरीफा का अपहरण का लाया था दिल्ली

पश्चिम बंगाल सीआईडी टीम ने पिछले एक माह में केस पर कार्य करते हुए सबसे पहले पश्चिम बंगाल से उस युवक को गिरफ्तार किया, जो बंगाल में सरीफा का अपहरण कर दिल्ली लाया था। इसके बाद पश्चिम बंगाल सीआईडी टीम ने सलमा की गिरफ्तार के लिए एक बार फिर मिशन मुक्ति फाउंडेशन डायरेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह से सहयोग मांगा। कई बार सलमा की गिरफ्तारी का प्रयास हुआ, पर वह हर हाथ नहीं आई।

मंगवार सुबह मिशन मुक्ति फाउंडेशन डायरेक्टर वीरेंद्र को जीबी रोड से जानकारी मिली कि सलमा अभी जीबी रोड कोठा नम्बर 70 पर है। यदि अभी छापा मारा जाए तो सलमा पकड़ी जा सकती है। इस पर बिना वक्त गंवाएं दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच और सीआईडी की टीम छापा मार सलमा को कोठा नम्बर 70 से गिरफ्तार कर लिया। यहां से उसे तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया,जहां उसे चार दिन की रिमांड पर भेज दिया गया।

अफाक से भी जुड़ी थी सलमा

मानव तस्करी के जरिये 5000 हजार लड़कियों को वेश्यवृत्ति के दलदल में धकेलने वाले अफाक से भी सलमा जुड़ी हुई थी। अफाक पर मकोका भी लगाया गया था। अफाक के गिरफ्तार होने के बाद सलमा उसके 50 लाख रुपये लेकर फरार हो गई थी। जिसके बाद वह दो तीन साल भूमिगत रही। इसके बाद उसने कोठा नम्बर 70 खरीद लिया और वहां वेश्यवृत्ति का धंधा कराने लगी।

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