‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’: सावरकर माने सत्य

रणदीप हुडा स्टारर 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर' 22 मार्च 2024 को रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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रणदीप हुड्डा स्टारर ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ 22 मार्च 2024 को रिलीज होने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारतीय दर्शक इस फिल्म की रिलीज का किस उत्साह के साथ इंतजार कर रहे हैं, यह इस बात से पता चलता है कि ट्रेलर रिलीज होने के सिर्फ 18 घंटे बाद फिल्म का विजुअल स्निपेट सामने आया है। यह फिल्म मंगलवार को लोकप्रिय स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब पर सबसे पहले ट्रेंड कर रही थी।

फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे हमारे देश में लीच की तरह चिपक चुके ब्रिटिश राज को यहां से हटाने के लिए हमारे देश के वीरों ने अपनी जी-जान लगा दी थी। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में वीर सावरकर की अपनी एक खास जगह है और इस फिल्म में यही दिखाया गया है। वीर सावरकर को लेकर अंग्रेज सरकार किस कदर परेशान हो उठी थी और वो उन्हें ये एहसास दिला चुके थे कि उन्होंने जो कुछ किया है वो कितना गलत किया है। रणदीप ने अपनी एक्टिंग से इस फिल्म में जान फूंक दी है।

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‘क्योंकि देश धर्म से ऊपर होता है’

फिल्म में वीर सावरकर के रोल में रणदीप के कुछ डायलॉग्स इस तरह से हैं, ‘1857 की लड़ाई में हिन्दू और मुसलमान एक होकर लड़े थे क्योंकि देश धर्म से ऊपर होता है। (हालांकि यह बात कितनी सच है यह सोचने वाली बात है। क्योंकि अगर हिन्दू और मुसलमान एक होकर लड़े थे तो देश का बंटवार क्यों और किस आधार पर हुआ था?) 

माजिनी ने अखंड इटली बनाया था, हम अखंड भारत बनाएंगे।’ वहीं अंकिता लोखंडे के साथ एक सीन है जिसमें वह कहती दिखती हैं- सागर के उस पार जाने से अशुभ हो सकता है। इसपर ‘वीर सावरकर’ कहते दिखते हैं- ये सागर तो भारत माता के चरण धोता है, पूरी दुनिया घुमाकर मुझे फिर से तुमहारे पास ले आएगी।

‘मैं ऐसे लोगों को ढूंढ रहा हूं जो जिंदा अंग्रेजों का कलेजा फाड़कर खा जाए’

एक और डायलॉग है जिसमें वह कहते हैं- मैं ऐसे लोगों को ढूंढ रहा हूं जो जिंदा अंग्रेजों का कलेजा फाड़कर खा जाए। अब बातों और मीटिंग का समय समाप्त, हमें यहां से भारत बंदूकें भेजनी होंगी और अंग्रेजी फौज में अपने सिख भाइयों को चिट्ठी लिखनी होगी कि वो बगावत के लिए तैयार रहें। ‘इस ट्रेलर के अंत में रणदीप का एक डायलॉग है जिसमें कह रहे हैं- आपने कभी सोचा है कि कांग्रेस के किसी मेंबर को काले पानी की सजा क्यों नहीं हुई?

22 मार्च को रिलीज हो रही फिल्म

करीब 3 मिनट 21 सेकंड के इस ट्रेलर में भारत को आजादी देने की इस कहानी की झलकियों ने लोगों की उत्सुकता और बेचैनी बढ़ा दी है। अब लोग इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि ये फिल्म ‘शहीदी दिवस’ के मौके पर इस साल 22 मार्च को रिलीज होगी।

इसलिए महेश मांजरेकर ने इस फिल्म से खुद को किया अलग

मजेदार ये है कि रणदीप हुड्डा ने इस फिल्म का डायरेक्शन भी खुद किया है और लीड रोल भी उन्होंने खुद ही निभाई है। रणदीप डायरेक्टर के तौर पर इस फिल्म से डेब्यू कर रहे हैं। हालांकि, जब ये फिल्म अनाउंस हुई थी तो इसके डायरेक्टर महेश मांजरेकर थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस प्रोजेक्ट से किसी वजह से किनारा कर लिया। 

बताया जाता है कि उनके और रणदीप के बीच क्रिएटिव डिफरेंस था। इतना ही नहीं माजरेकर ने ये भी कहा था कि जब फिल्म बननी शुरू हुई थी तो रणदीप अपने किरदार सावरकर को लेकर ऑब्सेस्ड होने लगे और यही फिल्म से उनके अलग होने की वजह बनी।

हिंदुत्व के वैचारिक स्रोत विनायक दामोदर सावरकर, जिन्होंने एक क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी से लेकर एक समाज सुधारक तक की कई भूमिकाएं निभाईं, विभिन्न फिल्मों और नाटकों का विषय रहे हैं, जो उनके जीवन और स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के बारे में बताते हैं। जीवनी संबंधी नाटकों से लेकर विचारोत्तेजक नाटकों तक, सावरकर की यात्रा ने विभिन्न माध्यमों में रचनात्मक दिमागों को प्रेरित किया है। हालांकि वीर सावरकर पर हिंदी भाषा में बनी यह पहली फिल्म है। 

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