मुंबई में बनेगा देश का पहला ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन, जानें कैसे करेगा काम

मुंबई को देश का सबसे ताकतवर सैन्य अड्डा बनाने की प्लानिंग हो रही है। पहली बार देश की आर्थिक राजधानी में ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन बनाने की योजना बन रही है।

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मुंबई को देश का सबसे ताकतवर सैन्य अड्डा बनाने की प्लानिंग हो रही है। पहली बार देश की आर्थिक राजधानी में ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन बनाने की योजना बन रही है। यानी थल, वायु और नौसेना के कॉमन स्टेशन मुंबई में होंगे। संभावना है कि यह स्टेशन इंटीग्रेटेड थियेटर कमांड से पहले बनकर तैयार हो जाए।  

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक मुंबई में तीनों सेनाओं का एक संयुक्त स्टेशन बनाया जाएगा। इसे लेकर जल्द ही फैसला हो सकता है। अभी तक देश में एक भी कॉमन डिफेंस स्टेशन नहीं है। सिर्फ अंडमान और निकोबार में तीनों सेनाओं का कमांड है, जिसे 2001 में बनाया गया था।  

मुंबई में बनने वाला ट्राई-सर्विस डिफेंस स्टेशन तीनों सेनाओं के बीच और बेहतर सामंजस्य स्थापित करने के लिए बनाया जा रहा है। यहां पर तीनों सेनाओं के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट होगा। इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा। रिपेयरिंग की सुविधाएं होंगे। मेंटेनेंस की व्यवस्था की जाएगी।  

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नौसेना करेगी कॉमन डिफेंस स्टेशन का नेतृत्व 

मुंबई में तीनों सेनाओं के डिफेंस स्टेशन का नेतृत्व नौसेना करेगी, क्योंकि उसकी मौजूदगी वहां पर सबसे ज्यादा है। अभी तीनों सेनाओं के सेंटर मुंबई के अलग-अलग इलाकों में हैं। सभी अलग-अलग काम करते हैं। फिलहाल जो योजना है उसके मुताबिक लॉजिस्टिक, इंफ्रास्ट्रक्चर और एडमिनिस्ट्रेशन को एकसाथ लाया जाएगा। 

उदाहरण के लिए इसे ऐसे समझिए। फिलहाल आईएनएस हमला और आईएनएस करंज नौसैनिक लॉजिस्टिक ट्रेनिंग करवाती है। यहीं पर कई महत्वपूर्ण आयुध डिपो हैं। थल सेना का ऑर्डेनेंस डिपो, ट्रेनिंग एरिया अलग है। वायुसेना का सारा काम अलग है। लेकिन मुंबई में सबको एकसाथ लाया जाएगा।  

दो और कॉमन डिफेंस स्टेशन बनाए जाएंगे 

ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन से फायदा ये होगा कि देश के पश्चिमी तट और इलाके में तीनों सेनाएं एकसाथ किसी भी तरह के ऑपरेशन को मिल कर अंजाम दे पाएंगी। पाकिस्तान पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी। साथ ही सैनिकों और उनके परिजनों के लिए यहां पर स्कूल, अस्पताल, खेल कॉम्प्लेक्स, ट्रेनिंग फैसिलिटी होगी।  

जैसे- INHS Asvini नौसेना का अस्पताल है, अब इसका इस्तेमाल थल और वायु सेना भी कर पाएगी। तीनों सेनाओं के लिए जारी होने वाला फंड एक ही चैनल से आएगा। इतना ही नहीं मुंबई के बाद कोयम्बटूर के पास सुलूर और गुवाहाटी में दूसरा और तीसरा कॉमन डिफेंस स्टेशन आएगा। सुलूर में स्टेशन का कमान वायुसेना संभालेगी। गुवाहाटी में थल सेना यह काम करेगी। 

अभी नहीं हैं एक भी कॉमन स्टेशन 

फिलहाल देश में एक भी कॉमन डिफेंस स्टेशन नहीं है। जहां से तीनों सेनाएं एक साथ ऑपरेट करती हों। इससे पहले 2001 में अंडमान और निकोबार कमांड को ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस के तौर पर तैयार किया गया था। एक ट्राई-सर्विस कॉमन डिफेंस स्टेशन में तीनों सेनाओं से जुड़ी हर सुविधा मौजूद होती है। जिसमें हर सर्विस, सप्लाई हर तरह की सुविधा होगी। मुंबई में बन रहा स्टेशन सेना का सबसे बड़ा अड्डा होगा। 

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