ईरान और इजरायल जंग का दुनिया पर कितना पड़ेगा असर?

बीते शनिवार को ईरान ने विस्फोटकों से भरी मिसाइलों और ड्रोन से इजराइल पर हमला कर दिया। विश्व के विभिन्न देश जंग में अलग-अलग हिस्सों में बंटते दिख रहे हैं।

ईरान, इजरायल, ईरान-इजरायल के बीच जंग, युद्ध,

13 अप्रेल दिन शनिवार को ईरान ने विस्फोटकों से भरी मिसाइलों और ड्रोन से इजराइल पर हमला कर दिया। इजराइल पर कम से कम 200 मिसाइलों से हमला किया गया है। मिसाइल ने इजरायल की रक्षा प्रणाली आयरन डोम को भी नष्ट कर दिया। 

ईरान के इस हमले से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका पैदा हो गई है। उधर, अमेरिका ने इजराइल का साथ देने का वादा किया है। विश्व के विभिन्न देश जंग में अलग-अलग हिस्सों में बंटते दिख रहे हैं। इसका दुनिया की अर्थव्यस्था पर असर दिखने लगा है।

इसके साथ ही पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुआ इजराइल और हमास के बीच युद्ध के बाद स्थिति और भी जटिल हो गई है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में इजराइल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला किया था। इसके बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी। आशंका थी कि ईरान चेतावनी के 48 घंटे के भीतर हमला कर सकता है, लेकिन ईरान ने 24 घंटे के भीतर ही हमला कर दिया।

ईरान के अभूतपूर्व हमले ने दुनिया भर में चिंता पैदा कर दी है और पश्चिमी देशों ने हमले की निंदा की है और इस डर से तत्काल संयम बरतने का आह्वान किया है कि संघर्ष मध्य पूर्व से आगे बढ़ सकता है। यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो तेल संकट से लेकर महंगाई जैसी समस्या से पूरी दुनिया घिर जाएगा।

एक साथ तीन मोर्चे में युद्ध से बढ़ी बेचैनी

पूरी दुनिया में फिलहाल तीन मोर्चे पर युद्ध चल रहा है। पहला युद्ध यूक्रन और रूस के बीच चल रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पूरी दुनिया में अनाज का संकट है। बड़ी मात्रा में कई देशों में आर्थिक प्रतिबंध भी लगे हैं। वहीं, दूसरा युद्ध हमास और इजराइल के बीच चल रहा है। 

हमास और इजराइल के बीच जंग के दौरान हूती के हमले से विश्व व्यापार पर ही खतरा पैदा कर दिया था। अब ईरान और इजराइल के बीच जंग ने दुनिया में फिर से महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा कर दी है। जंग से तेल की कीमतों में इजाफा की आशंका जताई रही है। आशंका है कि तेल की कीमत 100 डॉलर बैरल तक पहुंच सकती है। इससे विभिन्न देशों में महंगाई बढ़ेगी।

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा-हम हैं तैयार

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक वीडियो संबोधन में जोर देकर कहा कि इजराइल मजबूत और एकजुट है। लोगों और आईडीएफ के साथ सभी दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि तेल अवीव ईरान द्वारा सीधे हमले की तैयारी कर रहा है और उनकी रक्षात्मक प्रणालियां तैनात हैं। इजराइल किसी भी स्थिति के लिए “रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से” तैयार हैं।

इजराइल के समर्थन में उतरा अमेरिका

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइल को समर्थन देते हुए कहा कि अमेरिकी बलों ने ईरान द्वारा लॉन्च किए गए लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में मदद की। बाइडेन ने कहा कि उन्होंने ईरान के हमले के लिए “संयुक्त राजनयिक प्रतिक्रिया” के समन्वय के लिए जी7 ब्लॉक की एक बैठक बुलाई है, जबकि संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने अपने हमले को “वैध बचाव” बताते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 का इस्तेमाल किया। ईरान ने कहा कि सैन्य कार्रवाई “हमारे राजनयिक के खिलाफ हमले के जवाब में थी।

दूसरी ओर, यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि वह इजराइल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाह हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। ईरान ने एक बार फिर प्रदर्शित किया है कि वह अअराजकता बोने पर आमादा है। ब्रिटेन इजराइल और हमारे सभी क्षेत्रीय साझेदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा रहेगा।

भारत ने संयम बरतने की अपील की

वहीं भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान जारी कर संयम बरतने और हिंसा से पीछे हटने का आह्वान किया। बयान में कहा गया है कि हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित हैं, जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। बयान में दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की गई है।

दूसरी ओर,कनाडा ने भी इजराइल के खिलाफ ईरान के हवाई हमलों की निंदा की। कनाडा ने कहा कि हम इजराइल के साथ खड़े हैं। हमास के क्रूर 7 अक्टूबर के हमले का समर्थन करने के बाद, ईरानी शासन की नवीनतम कार्रवाइयां इस क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर देंगी और स्थायी शांति को और अधिक कठिन बना देंगी, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान में कहा, “ये हमले एक बार फिर शांति और स्थिरता के लिए ईरानी शासन की उपेक्षा को प्रदर्शित करते हैं। हम इनसे अपनी और अपने लोगों की रक्षा के लिए इजराइल का हमले समर्थन करते हैं।

फ्रांस-स्पेन ने जताई चिंता

फ्रांस के विदेश मंत्री स्टीफन सेजॉर्न ने कहा कि ईरान अभूतपूर्व कार्रवाई का फैसला करके अपने अस्थिर कार्यों में एक नया कदम उठा रहा है और सैन्य वृद्धि का जोखिम उठा रहा है। स्पेन के प्रधान मंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा, हम मध्य पूर्व की घटनाओं पर गहरी चिंता के साथ नजर रख रहे हैं। हम क्षेत्र में अपने दूतावासों के साथ स्थायी संपर्क में हैं जो क्षेत्र में स्पेनियों का समर्थन करने के लिए खुले रहेंगे। “

और पढ़ें:- हमास के प्रस्ताव को इजरायल ने ठुकराया, PM बोले- हमास के पूर्ण विनाश तक चलेगा युद्ध

Exit mobile version