ईरान ने एक इजरायली पोत से बंदी बनाए गए पांच भारतीय नाविकों को रिहा कर दिया है। ये भारतीय नाविक गुरुवार (9 मई 2024) को ईरान से निकल गए। भारत ने इसके लिए ईरानी सरकार को धन्यवाद दिया है। दरअसल, कुछ दिन पहले ईरान ने इजरायल से संबंधित एक जहाज को जब्त कर लिया था और उसके क्रू सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें पांच भारतीय भी थे।
ईरान ने छोड़े पांच नाविक
भारतीय दूतावास ने भारतीय नाविकों की रिहाई का विवरण साझा करते हुए कहा, “हम बंदर अब्बास में दूतावास और भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ घनिष्ठ समन्वय के लिए ईरानी अधिकारियों की सराहना करते हैं।” वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट कर कहा, “एमएससी एरीज पर सवार पाँच भारतीय नाविकों को गुरुवार शाम रिहा कर दिया गया और वे ईरान से चले गए हैं। इजरायल से जुड़े मालवाहक जहाज को 13 अप्रैल को ईरान ने जब्त कर लिया था, जिसमें 17 भारतीय नागरिक सवार थे।”
जहाज पर सवार भारतीय दल में केरल की एक महिला नाविक एन टेसा जोसेफ भी थीं। ईरानी सरकार ने जोसेफ को पहले ही रिहा कर दिया था और वह 18 अप्रैल 2024 को भारत पहुंच गई थीं। हालांकि, जोसेफ के बाद अब पांच भारतीय नाविकों को फिर रिहा किया गया है। हालांकि, अभी भी 11 भारतीय नाविक ईरान में ही हैं।
इजरायली जहाज से किया गिरफ्तार
दरअसल, ईरान ने 13 अप्रैल 2024 को भारत की ओर आ रहे एक जहाज एमएससी अराईज को होरमुज़ की खाड़ी में अपने कब्जे में लिया था। इस जहाज के चालक दल में 17 भारतीय भी शामिल थे। एक इजरायली-संबद्ध कंटेनर जहाज था। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। ईरान का आरोप था कि जहाज उनके इलाके से बिना इजाजत गुजर रहा था।
पुर्तगाल के झंडे तले चलने वाला यह जहाज UAE से भारत की तरफ आ रहा था। ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड के कमांडो ने इस पर हेलिकॉप्टर से उतर कर इसे अपने कब्जे में लिया था। यह जहाज लंदन स्थित ज़ोडियाक मैरीटाइम से जुड़ा है। ज़ोडियाक मैरीटाइम इज़रायली अरबपति इयाल ओफ़र के ज़ोडियाक समूह का हिस्सा है। इस जहाज पर चालक दल के कुल 25 सदस्य सवार थे।
पता चलते ही हरकत में आया भारत
इस घटना के सामने आने के बाद भारत ने अपने नागरिकों की रिहाई के प्रयास शुरू कर दिए थे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत की थी। भारत सरकार की माँग पर ईरान ने अपने कब्जे में जहाज एमएससी अराईज पर मौजूद भारतीयों को सहायता को अनुमति दे दी थी।
ईरान आतंकी संगठन हमास का समर्थन कर रहा है, जबकि इजरायल हमास के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। वहीं, लाल सागर में ईरान के समर्थन से हूती विद्रोही अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट पर लगातार हमले कर रहे हैं। वहीं, सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया था, जिसमें ईरानी सेना के दो शीर्ष कमांडर मारे गए थे। इस हमले का आरोप ईरान ने इजरायल पर लगाया था।
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