ब्रिटेन से RBI ने वापस मंगवाया अपना 100 टन सोना

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 टन सोना इंग्लैंड से वापस मंगवाकर भारत में रखवाया है। आने वाले समय में और भी सोना भारत वापस लाया जाएगा।

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 टन सोना इंग्लैंड से वापस मंगवाकर भारत में रखवाया है। यह महत्वपूर्ण कदम आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिहाज से उठाया गया है। आने वाले समय में और भी सोना भारत वापस लाया जाएगा। फिलहाल यह सोना RBI के पास सुरक्षित रखा गया है।

सोने का भंडारण

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक के पास इस समय कुल 822 टन सोना है। इसमें से 100.3 टन सोना भारत में है जबकि 413.8 टन अभी भी विदेशों में रखा हुआ है। इसके अलावा 308 टन सोना भारत में नोट जारी करने के लिए रखा गया है।

विदेशों से सोना वापस लाने का कारण

पिछले कुछ सालों में विदेशों में भारतीय सोने के बढ़ते स्टॉक को देखते हुए, रिजर्व बैंक ने इसे वापस लाने का निर्णय लिया है। आगे भी रिजर्व बैंक और सोना विदेशों से मँगवाकर भारत में रखने की योजना बना रहा है। बताया गया है कि निकट भविष्य में 100 टन सोना और वापस लाया जा सकता है।

परंपरागत भंडारण स्थल

परंपरागत रूप से विश्व के अधिकांश देश लंदन में ही अपना सोना रखते आए हैं। भारत भी अपना सोना अब तक लंदन में रखता था, लेकिन अब उसने अपने सोने की बड़ी मात्रा देश में ही रखने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, रिजर्व बैंक लगातार नया सोना भी खरीद रहा है।

नवीनतम सोना खरीद

वित्त वर्ष 2022-23 में रिजर्व बैंक ने 34.3 टन और 2023-24 में 27.7 टन नया सोना खरीदा है। यह इंगित करता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है और वह अपने वित्तीय सुरक्षा प्रबंधन को सुदृढ़ कर रहा है। रिजर्व बैंक उन चुनिंदा विश्व बैंकों में से एक है जो लगातार सोना खरीद रहे हैं।

विशेष इंतजाम

भारत का यह सोना वापस लाने के लिए रिजर्व बैंक ने विशेष इंतजाम किए थे। इसके लिए विशेष विमानों की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने कस्टम ड्यूटी भी माफ कर दी थी, हालांकि, सोना भारत में लाने के बाद GST चुकानी पड़ी है।

1991 का आर्थिक संकट

वर्तमान में जहाँ रिजर्व बैंक विदेशों से अपना सोना वापस ला रही है, वहीं 1991 में स्थिति विपरीत थी। आर्थिक संकट के कारण उस समय कॉन्ग्रेस-तीसरे मोर्चे की सरकारों ने भारत का सोना गिरवी रख दिया था। जुलाई 1991 में नरसिंह राव सरकार ने डॉलर जुटाने के लिए 46.91 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान के पास गिरवी रखा था। इसके माध्यम से 400 मिलियन डॉलर जुटाए गए थे। इससे पहले मई 1991 में स्विट्जरलैंड की UBS बैंक को 20 टन सोना बेचा गया था, जिससे 200 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए थे।

विशेषज्ञ की राय

अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने इस घटनाक्रम को भारत के लिए एक बड़ा बदलाव बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “RBI ने अपने सोने के रिजर्व को वापस भारत में स्थानांतरित कर दिया है। अधिकांश देश अपना सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड के वाल्ट्स में रखते हैं और इसके लिए फीस भी देते हैं। भारत अब अपना अधिकांश सोना अपने पास रखेगा। यह एक लंबा सफर है क्योंकि 1991 में देश का सोना रातोंरात बाहर ले जाया गया था।”

निष्कर्ष

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विदेशों से सोना वापस लाने का निर्णय एक महत्वपूर्ण आर्थिक कदम है। यह भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करता है और देश की वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। आने वाले समय में और भी सोना देश में वापस लाया जाएगा, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।

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