सीटें नहीं जीत पाई बीजेपी, लेकिन AIADMK को कई सीटों पर धकेला पीछे।

तमिलनाडु में बीजेपी एक भी सीट जीतने में असमर्थ रही है। लेकिन इस परिणाम के बावजूद, बीजेपी के लिए कुछ सकारात्मक बातें भी सामने आई हैं।

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तमिलनाडु में 2024 के चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से काफी उम्मीदें थीं। एग्जिट पोल्स ने संकेत दिए थे कि बीजेपी राज्य में कुछ सीटें जीत सकती है। हालांकि, इन चुनावों में बीजेपी एक भी सीट जीतने में असमर्थ रही। लेकिन इस परिणाम के बावजूद, बीजेपी के लिए कुछ सकारात्मक बातें भी सामने आई हैं।

बीजेपी का वोट शेयर 2019 की तुलना में दोगुना हो गया है। पार्टी ने कुछ सीटों पर ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) को तीसरे या चौथे स्थान पर धकेलने में भी कामयाबी हासिल की है। भारतीय चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिखाए गए लीड्स के अनुसार, यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी ने तमिलनाडु की राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफलता पाई है। आइए, विभिन्न सीटों पर बीजेपी और AIADMK की स्थिति पर नजर डालते हैं।

चेन्नई साउथ

इस सीट पर बीजेपी की पूर्व राज्य अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन दूसरे स्थान पर रही। मौजूदा सांसद, डीएमके की थमिझाची थंगापांडियन, 2,25,945 से अधिक वोटों से आगे रही। AIADMK के जे जयवर्धन, जो पार्टी के संगठक सचिव डी जयकुमार के बेटे हैं, तीसरे स्थान पर रहे, और थंगापांडियन से लगभग 3,44,137 वोटों से पीछे रहे।

कोयम्बटूर

हालांकि बीजेपी के राज्य अध्यक्ष के अन्नामलाई से इस सीट को जीतने की उम्मीद थी, वे डीएमके के गणपति राजकुमार से लगभग 1,18,068 वोटों से पीछे रहे। AIADMK के उम्मीदवार सिंगई जी रामचंद्रन तीसरे स्थान पर रहे, और 3 लाख से अधिक वोटों से पीछे रहे।

कन्याकुमारी

जबकि यह सीट बीजेपी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई के रूप में जानी जाती है, यह उम्मीद नहीं थी कि AIADMK को चौथे स्थान पर धकेल दिया जाएगा, यानी सीमान के नाम तमिलर काची (NTK) के पीछे। NTK आम तौर पर राज्य भर में 7-8 प्रतिशत वोट शेयर प्राप्त करती है।

मदुरै

यहां बीजेपी की प्रोफेसर रमा श्रीनिवासन दूसरे स्थान पर रहे। सीपीआई (एम) के सु वेंकटेसन, जो इस क्षेत्र के मौजूदा सांसद हैं, उन्होंने इस बार भी यहां से जीत दर्ज की। बीजेपी और तीसरे स्थान पर AIADMK उम्मीदवार के बीच का अंतर लगभग 16,110 वोटों का रहा।

तिरुनेलवेली

इस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के नैनार नागेंद्रन कांग्रेस के रॉबर्ट ब्रूस से हार गए। लेकिन AIADMK तीसरे स्थान पर रही, बीजेपी और तीसरे स्थान पर AIADMK उम्मीदवार के बीच का अंतर लगभग 2,47,075 वोटों का रहा।

धर्मपुरी

धर्मपुरी में डीएमके प्रत्याशी मणि. ए. ने जीत दर्ज की, वहीं थेनी और वेल्लोर में भाजपा के साथ मीलकर चुनाव लड़ रहे टीटीवी दिनाकरन और एसी शन्मुगम दूसरे स्थान पर रहे।, और यहां भी  AIADMK को तीसरे स्थान पर रहना पड़ा।

चेन्नई सेंट्रल

चेन्नई सेंट्रल में, बीजेपी के राज्य सचिव विनोज पी सेल्वम दूसरे स्थान रहे। AIADMK ने यह सीट अपने गठबंधन साझेदार, दिवंगत अभिनेता विजयकांत की पार्टी, देशिया मुरपोक्कु द्रविड़ कड़गम को दी थी।

बीजेपी के लिए ये परिणाम दिखाते हैं कि पार्टी ने तमिलनाडु में अपने आधार को मजबूत किया है। 2019 की तुलना में, इस बार बीजेपी का वोट शेयर बढ़ा है, जो दर्शाता है कि पार्टी राज्य में अपनी पहचान बना रही है। हालांकि बीजेपी को अभी सीटों में कामयाबी नहीं मिली है, लेकिन उसने AIADMK की संभावनाओं पर प्रहार करते हुए उसकी पकड़ को कमजोर कर दिया है।

चुनावी रणनीति और परिणाम

बीजेपी ने तमिलनाडु में अपनी रणनीति के तहत कई सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी का उद्देश्य राज्य में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना था। इसके अलावा, बीजेपी ने राज्य में अपने वोट शेयर को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें वह काफी हद तक सफल रही। पार्टी ने कई सीटों पर AIADMK को तीसरे या चौथे स्थान पर धकेलते हुए खुद को एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में पेश किया।

गठबंधन की राजनीति

तमिलनाडु में गठबंधन की राजनीति हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। बीजेपी ने भी अपने गठबंधन साझेदारों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। धर्मपुरी में पीएमके की सौम्या अंबुमणि, थेनी में टीटीवी दिनाकरन और वेल्लोर में एसी शन्मुगम जैसे उम्मीदवारों ने बीजेपी के सहयोग से चुनाव लड़ा और अच्छा प्रदर्शन किया। चेन्नई सेंट्रल में बीजेपी के विनोज पी सेल्वम ने दूसरे स्थान पर रहकर यह दिखाया कि पार्टी राज्य में अपने संगठन को मजबूत कर रही है।

भविष्य की संभावनाएं

हालांकि इस बार के चुनाव परिणाम बीजेपी के लिए संतोषजनक नहीं रहे, लेकिन पार्टी के वोट शेयर में वृद्धि और AIADMK की स्थिति पर प्रहार ने बीजेपी के लिए भविष्य की संभावनाओं को उजागर किया है। पार्टी ने दिखाया है कि वह तमिलनाडु में एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में उभर सकती है और आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।

निष्कर्ष

तमिलनाडु में 2024 के चुनावों में बीजेपी को सीटें नहीं मिली, लेकिन उसने AIADMK की संभावनाओं पर प्रहार करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। पार्टी का वोट शेयर बढ़ा है और उसने कई सीटों पर AIADMK को तीसरे या चौथे स्थान पर धकेला है।

बीजेपी ने दिखाया है कि वह तमिलनाडु की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता रखती है और आने वाले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। यह परिणाम दर्शाता है कि पार्टी राज्य में अपनी जड़ें मजबूत कर रही है और भविष्य में उसकी संभावनाएं और भी बेहतर हो सकती हैं।

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