2024 के राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) में अनियमितताओं का मामला अब महाराष्ट्र तक फैल गया है। यह विषय अब केवल बिहार, झारखंड और गुजरात राज्यों में कागज लीक के मामलों तक सीमित नहीं है। महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (ATS) ने चार संदिग्धों की पहचान की है जो परीक्षा की पवित्रता को भंग करने के आरोप में शामिल हैं। इन आरोपियों ने कम से कम 12 उम्मीदवारों से भारी रकम मांगी थी।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी
चार आरोपियों में से तीन महाराष्ट्र राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं, जबकि चौथा आरोपी गंगाधर मुंडे, महाराष्ट्र का निवासी है और वर्तमान में दिल्ली के निकट गुड़गांव में स्थित है। ATS ने लातूर जिले के कातपुर गांव में एक जिला परिषद स्कूल के प्रधानाध्यापक जलील खान उमर खान पठान (34) और सोलापुर जिले के माढा तालुका के एक जिला परिषद स्कूल के शिक्षक संजय जाधव (40) को गिरफ्तार किया है। दोनों को 2 जुलाई तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
अन्य आरोपियों की स्थिति
पुलिस टीमों ने तीसरे महाराष्ट्र निवासी आरोपी इरन्ना कोंगलवार, जो कि धाराशिव जिले के उमरगा में राज्य सरकार द्वारा संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) का कर्मचारी है, और गुड़गांव निवासी मुंडे को अब तक गिरफ्तार नहीं किया है। मुंडे को NEET-UG घोटाले में महाराष्ट्र से जुड़े हिस्से का मास्टरमाइंड माना जा रहा है।
संदिग्ध गतिविधियां और सबूत
पठान और जाधव के मोबाइल फोन में कम से कम 12 छात्रों के NEET-UG हॉल टिकट की छवियां और कोंगलवार और मुंडे को भेजे गए कई सांकेतिक संदेश पाए गए हैं। जांच टीम ने दोनों आरोपियों से बैंक पासबुक भी बरामद की हैं, जिसमें बड़ी रकम की रसीदें और कोंगलवार और मुंडे के बैंक खातों में स्थानांतरण दिखाए गए हैं।
मराठी दैनिक ‘दिव्य मराठी’ के अनुसार, पठान की पत्नी के बैंक खाते में 7 लाख रुपये से अधिक के लेन-देन दर्ज किए गए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पठान के पास उदगीर शहर में 1 करोड़ रुपये की एक आवासीय संपत्ति थी और गिरफ्तारी के बाद से उसके परिवार के सदस्यों को नहीं देखा गया है।
आरोपियों का कार्यप्रणाली
रिपोर्टों के अनुसार, पठान उन छात्रों की तलाश करता था जो अवैध तरीकों से उच्च स्कोर प्राप्त करने के लिए तैयार होते थे। पठान ने छात्रों से NEET UG स्कोर बढ़ाने के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी। अग्रिम रूप से 50,000 रुपये प्राप्त करने के बाद, वह छात्र के हॉल टिकट की छवियां और राशि को स्कूल शिक्षक जाधव को भेजता था। जाधव वही संदेश व्हाट्सएप पर ITI शिक्षक कोंगलवार को भेजता था, जो फिर उसे गुड़गांव स्थित मुंडे को भेजता था। मुंडे को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के भीतर पहुंच प्राप्त थी, जो NEET UG और कई अन्य सामान्य प्रवेश परीक्षाओं का संचालन करती है।
माता-पिता और छात्रों से पूछताछ
जांच टीम ने उन 12 छात्रों और उनके माता-पिता से भी पूछताछ की है, जिनके हॉल टिकट की छवियां आरोपियों के उपकरणों में मिली थीं। अपने जवाब में, छात्रों के माता-पिता ने कहा कि आरोपियों ने उनके बच्चों के स्कोर को 550 से ऊपर बढ़ाने का वादा करके उनसे 4 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की रकम प्राप्त की थी। परीक्षा में 720 अंकों तक का स्कोर प्राप्त किया जा सकता है। पूछताछ किए गए 12 छात्रों के माता-पिता में से कम से कम सात के माता-पिता स्कूल शिक्षक हैं।
लातूर में स्थित आरोपियों का नेटवर्क
पठान, जाधव और कोंगलवार, तीनों लातूर शहर में रह रहे थे। टाकली टेम्बुर्णी गांव के निवासियों ने, जहां जाधव तैनात था, मराठी समाचार चैनल एबीपी माझा को बताया कि जाधव शायद ही कभी स्कूल में रिपोर्ट करता था और वह लातूर शहर में निजी कोचिंग कक्षाएं चला रहा था, जिसे संभवतः पठान और कोंगलवार के साथ साझेदारी में चलाया जा रहा था।
लातूर: एक प्रमुख कोचिंग हब
लातूर, जो महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित है, राज्य के उन छात्रों के लिए एक प्रमुख कोचिंग हब है जो NEET UG और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) के लिए उपस्थित होना चाहते हैं। साम टीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, चार आरोपी पिछले दो वर्षों से कई शैक्षणिक प्रवेश परीक्षाओं के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में भी अनियमितताओं में लिप्त थे।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल शिक्षा प्रणाली की पवित्रता को चुनौती देती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि कैसे इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सकता है। यह आवश्यक है कि सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करें और परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए कठोर कदम उठाएं। केवल तभी हम एक निष्पक्ष और न्यायसंगत शिक्षा प्रणाली का निर्माण कर सकते हैं, जो देश के भविष्य को सुरक्षित और समृद्ध बना सके।
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