उत्तर प्रदेश में पेपर लीक करने वालों के लिए योगी का गिफ्ट

योगी आदित्यनाथ सरकार अब पेपर लीक को लेकर कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। पेपर लीक कानून को सख्त किया जा रहा है।

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साल 2024 की शुरुआत उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए चुनौतीपूर्ण रही। कई प्रमुख भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से हज़ारों छात्रों की मेहनत बेकार हो गई। पुलिस कांस्टेबल और समीक्षा अधिकारी की परीक्षाओं के साथ ही इंटरमीडिएट गणित और जीव विज्ञान के पेपर भी लीक हुए। इससे शिक्षा और भर्ती प्रणाली पर सवाल उठे। 

योगी आदित्यनाथ सरकार अब इसको लेकर कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। पेपर लीक कानून को सख्त किया जा रहा है, जिसमें दोषियों को उम्रकैद और भारी जुर्माने का प्रावधान होगा। केंद्र सरकार ने भी कड़ी सजा के प्रावधान वाला विधेयक पेश किया है।

पिछले एक महीने में उत्तर प्रदेश में तीन बड़े पेपर लीक की घटनाएं सामने आईं हैं। इन घटनाओं ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आइए जानते हैं कि पिछले एक महीने में कौन-कौन सी बड़ी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं:

मुख्यमंत्री योगी पेपर लीक मामलों पर हुए सख्त

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अब पेपर लीक की घटनाओं पर सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही है। राज्य में अब पेपर लीक कानून को कड़ा किया जाएगा। इस कानून का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसके तहत युवाओं को नौकरी देने के लिए परीक्षाओं की फूलप्रूफ व्यवस्था की जाएगी।

7 साल में हुए 8 पेपर लीक

पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में 8 भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, जिनमें RO/ARO, UPSSSC, PET और UPTET के पेपर भी शामिल हैं। इन घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।

पेपर लीक करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

पेपर लीक कानून के तहत आरोपियों को उम्रकैद और 1 करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, आरोपी की संपत्ति कुर्क करने का भी नियम बनाया गया है। पेपर लीक मामलों में दोषियों को जल्दी सजा दिलाने के लिए हर आरोपी का अलग ट्रायल कराया जा रहा है।

केंद्र सरकार ने भी उठाए सख्त कदम

केंद्र सरकार ने भी सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल पर रोक लगाने के लिए 5 फरवरी को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया। इस विधेयक में परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों के लिए कम से कम 3 साल और अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। 

परीक्षार्थियों को इस कानून से अलग रखा गया है। यह विधेयक 6 फरवरी को लोकसभा से और बाद में राज्यसभा से भी पारित हो गया। इस प्रकार, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों ही पेपर लीक की घटनाओं पर सख्ती से निपटने के लिए कदम उठा रहे हैं। यह कदम राज्य में भर्ती प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

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