हाथरस भगदड़: जो एक बार गिरा, वह फिर उठ नहीं सका।

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हाल ही में हुए नारायण साकार हरि के प्रवचन के दौरान भगदड़ मचने के बाद प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है।

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हाल ही में हुए नारायण साकार हरि के प्रवचन के दौरान भगदड़ मचने के बाद प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दर्दनाक घटना में मृतकों की संख्या अब 121 तक पहुंच गई है। प्रशासन ने एक आयोजक के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और जिस स्वयंभू बाबा के कार्यक्रम में यह हादसा हुआ, उसकी तलाश में छापेमारी जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार, 3 जुलाई 2024 को हाथरस का दौरा कर घायलों का हाल-चाल जानने की घोषणा की है।

FIR और आरोपित

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाथरस भगदड़ में हुई मौतों पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126(2), 223, और 228 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस FIR में देवप्रकाश मधुकर को मुख्य आरोपित बनाया गया है, जो इस स्वयंभू बाबा का मुख्य सेवादार बताया गया है। इसके अलावा, 21 और सेवादारों को भी इस मामले में आरोपित किया गया है।

स्वयंभू बाबा की तलाश

इस नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा उर्फ सूरजपाल की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। भगदड़ के बाद वह अंडरग्राउंड हो गया है। पहले खबर आई थी कि वह हाथरस से निकल कर मैनपुरी पहुंचा है, लेकिन वहाँ पुलिस को सफलता नहीं मिली। बताया जा रहा है कि उसके समर्थकों ने पुलिस का रास्ता रोक लिया था। मैनपुरी के आश्रम में पुलिस के घुसने के बाद तक वह वहां से फरार हो चुका था। अब पुलिस अन्य जगहों पर उसकी तलाश कर रही है।

मरने वालों का आंकड़ा और पोस्टमार्टम

हाथरस भगदड़ में मरने वालों की आधिकारिक संख्या अब 121 हो चुकी है। रात भर चले पोस्टमार्टम के बाद मृतकों के शवों को उनके घर भेजा जा रहा है, लेकिन कई शव अब भी अस्पताल में हैं। इनमें से कई की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। मृतकों के परिजन अपने प्रियजनों को ढूंढने में लगे हुए हैं। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने इस हादसे के बाद अपनी आपबीती सुनाई है।

प्रत्यक्षदर्शियों का बयान

हादसे से बचने वाली एक लड़की ने बताया कि बाबा का प्रवचन खत्म होते ही भगदड़ शुरू हो गई। कुछ लोग बाबा के चरणों की धूल लेने दौड़े और उसी समय बड़ी भीड़ कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने लगी। इस वजह से व्यवस्था बिगड़ गई और लोग अनियंत्रित हो गए। कुछ लोग खेतों से होकर जाने लगे और इस दौरान भगदड़ मच गई। जो भी इस भीड़ में गिरा, वह फिर उठ नहीं सका और इसी कारण से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार हाथरस पहुंच गए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आज हाथरस का दौरा कर रहे हैं और घायलों व उनके परिजनों से मिलेंगे। सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है जो घटना के हर पहलू की जांच करेगी।

बाबा की पृष्ठभूमि

साकार नारायण हरि का जन्म जाटव परिवार में हुआ था और उनके अनुयायियों में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक शामिल हैं। अखिलेश यादव साल 2023 में भोले बाबा के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और उन्होंने इस कार्यक्रम की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की थीं। इस दौरान उन्होंने बाबा की सभा में उमड़ी भीड़ को भी दिखाया था और नारायण साकार हरि की जय-जयकार की थी।

नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा का पूर्व में इतिहास क्या है ये उनके असली नाम की तरह रहस्य ही है। कुछ लोग और मीडिया की रिपोर्ट्स उनको इंटेलिजेंस ब्यूरो का पूर्व अधिकारी बताती हैं जबकि कुछ जगहों पर उन्हें भारतीय सेना का रिटायर्ड सैनिक लिखा गया है। कई लोग उन्हें पुलिस का सेवानिवृत जवान भी बताते हैं। कहा जाता है कि रिटायरमेंट के बाद नारायण साकार हरि अलीगढ़, एटा और आसपास के जिलों में लोगों के समूहों को सम्बोधित करने लगे। धीरे-धीरे उनका प्रचार बढ़ता गया जिस से लोगों की तादाद में बढ़ोतरी होने लगी।

निष्कर्ष

हाथरस में हुई भगदड़ एक गंभीर त्रासदी है जो प्रशासन की लापरवाही और भीड़ नियंत्रण में असफलता को दर्शाती है। इस घटना ने ना सिर्फ हाथरस बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और जांच से उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की घटना स्थल पर उपस्थिति से पीड़ित परिवारों को सांत्वना मिलेगी और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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