मुहर्रम जुलूस के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में पुलिस और हिंदुओं पर हुआ हमला

17 जुलाई को निकाले गए मुहर्रम जुलूसों ने कई शहरों में विवादों को जन्म दिया। जिसमें कहीं जगह पुलिस और हिंदुओं पर हमला किया गया।

मुहर्रम, मुहर्रम जुलूस, हिंदुओं पर हमला, मुसलमान, फिलिस्तीन का झंडा

मुहर्रम का पर्व शिया मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। लेकिन इस बार, 17 जुलाई को निकाले गए मुहर्रम जुलूसों ने कई शहरों में विवादों को जन्म दिया। यह लेख इन विवादों के प्रमुख कारणों और घटनाओं का बिंदुवार विश्लेषण प्रस्तुत करता है।

1. श्रीनगर

जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन और हिज़बुल्लाह के झंडे लहराए गए। हिज़बुल्लाह, लेबनान की एक राजनीतिक पार्टी और एक उग्रवादी समूह है। इस दौरान इज़राइल के खिलाफ नारे लगाए गए और इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पोस्टर पर पैरों तले रौंदा गया। इसके परिणामस्वरूप, पुलिस ने एक दर्जन से अधिक शोक मनाने वालों को हिरासत में लिया और यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की।

2. बहराइच

उत्तर प्रदेश के बहराइच में ताजिया जुलूस के दौरान शोक मनाने वालों द्वारा खेतों के बाड़ों को नुकसान पहुँचाने का आरोप है। इससे हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच झगड़ा शुरू हो गया। अफवाहों के बाद मुसलमानों ने हिंदुओं पर हमला कर दिया, जिसमें चार हिंदू और एक मुस्लिम गंभीर रूप से घायल हो गए।

3. बरेली

यहां जुलूस के डीजे की आवाज़ को लेकर विवाद हुआ। हिंदुओं ने आवाज़ कम करने की मांग की, जबकि मुसलमान उच्च ध्वनि पर अड़े रहे। पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत करने का प्रयास किया। एक अन्य घटना में, जुलूस के सदस्य अपनी ही समुदाय की महिलाओं के खिलाफ अनुचित इशारे और टिप्पणियां करने लगे। आपत्ति करने पर, एक व्यक्ति ने एक महिला पर एसिड फेंकने की कोशिश की, जिसे समुदाय के अन्य सदस्यों ने बचाया। पुलिस अभी तक आरोपी को पकड़ नहीं पाई है।

4. सिद्धार्थनगर

यहां एक किशोर को अपने घर की छत पर फिलिस्तीन का झंडा लहराने के लिए हिरासत में लिया गया। पुलिस ने झंडा हटा दिया और किशोर से पूछताछ की।

5. कानपुर

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में मुहर्रम शोक मनाने वाले भाजपा पार्षद विद्या वर्मा के घर के सामने आपत्तिजनक नारे लगाते देखे गए। पुलिस ने इसका संज्ञान लिया है।

6. जालौन

यहां मुस्लिम समुदाय के दो समूहों के बीच ताजिया जुलूस पहले निकालने को लेकर विवाद हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। पुलिस ने बीच-बचाव कर दोनों समूहों को शांत किया।

7. प्रयागराज

ताजिया जुलूस के दौरान पीपल के पेड़ की शाखा काटने को लेकर विवाद हुआ। मुसलमानों ने आपत्ति करने पर हिंदुओं पर हमला कर दिया। इस हमले में तीन लोग घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित की शिकायत पर छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

8. पीलीभीत

डीजे बजाने की अनुमति न मिलने के आरोप में मुसलमानों ने पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस के समझाने के बाद जुलूस आगे बढ़ा।

9. फतेहपुर सीकरी

मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन समर्थक नारे लगाए गए और फिलिस्तीन के झंडे लहराए गए। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया।

10. पटना

बिहार की राजधानी पटना में मुहर्रम जुलूस के प्रतिभागियों ने स्थानीय दुकानों में लूटपाट की और स्थानीय लोगों को मारा। घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। पुलिस ने इन असामाजिक तत्वों को नियंत्रित किया।

11. मुजफ्फरपुर

यहां पुलिस द्वारा जुलूस का डीजे जब्त किए जाने पर मुसलमानों ने हिंसक विरोध किया। पत्थरबाजी की और पुलिसकर्मियों का पीछा कर उन्हें पीटा। आधे दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।

12. बेतिया

नरकटियागंज में मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन समर्थक नारे लगाए गए और झंडे लहराए गए। पुलिस मूक दर्शक बनी रही। बाद में आपत्तियाँ उठने पर पुलिस ने कहा कि वे फोटो और वीडियो के माध्यम से मामले की जांच कर रहे हैं और जल्द ही आरोपियों को हिरासत में लेंगे।

13. मोतिहारी

ताजिया जुलूस के दौरान एक व्यक्ति ने फिलिस्तीन का झंडा लहराया। उसका वीडियो सामने आने के बाद उसे पुलिस हिरासत में लिया गया। इस क्षेत्र पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का प्रभाव बताया गया है।

14. जमुई

मुहर्रम जुलूस के दौरान स्टंट दिखाने के लिए तीन गांवों के लोग आपस में भिड़ गए। इसमें आधा दर्जन लोग घायल हुए और पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

15. वैशाली

जिले के मंगलहाट में एक बहस के बाद भीड़ ने पुलिस वाहन पर हमला कर दिया। पुलिस वाहन के सभी शीशे तोड़ दिए गए। पुलिस ने जुलूस को समय सीमा पार करने के कारण रोकने की कोशिश की थी।

16. दुमका

झारखंड के दुमका में कई व्यक्तियों को अलग-अलग घटनाओं में फिलिस्तीन का झंडा लहराते देखा गया। इस घटना की पुष्टि पुलिस अधीक्षक पितंबर सिंह ने की। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल ने इन घटनाओं की निंदा की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

17. हजारीबाग

मुहर्रम डीजे में विवादास्पद गाना बजाने को लेकर हिंसा भड़क गई। पत्थरबाजी हुई और पुलिस वाहन के शीशे तोड़ दिए गए। दो पुलिसकर्मियों सहित दर्जन भर लोग घायल हो गए।

18. धनबाद

यहां जुलूस के मार्ग को लेकर हुई बहस के बाद पत्थरबाजी हुई, जिसमें दर्जन भर लोग और कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए।

19. झरिया

यहां मुहर्रम जुलूस के दौरान स्टंट दिखाने को लेकर मुस्लिम समूहों के बीच झगड़ा हो गया। इस झगड़े में लाठी, तलवार और पत्थरों का इस्तेमाल हुआ, जिससे आधा दर्जन लोग घायल हो गए।

20. गिरिडीह

दो समूहों के बीच बहस के बाद यहां पत्थरबाजी हुई। हालांकि, पुलिस ने मामले को और बढ़ने से पहले ही नियंत्रित कर लिया।

21. खंडवा

मध्य प्रदेश के इस शहर में मुहर्रम जुलूस के दौरान फिलिस्तीन का झंडा लहराते हुए एक व्यक्ति देखा गया। बजरंग दल की शिकायत के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ की। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

22. राजगढ़

मुहर्रम जुलूस के डीजे ट्रक पर यात्रा कर रहे एक नाबालिग ने फिलिस्तीन का झंडा लहराया। पुलिस ने उसे हिरासत में लिया, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।

पूर्व की घटनाएं

मुहर्रम की शुरुआत 8 जुलाई से ही कई विवादों का गवाह बनी। बिहार के दरभंगा और नवादा में फिलिस्तीन के झंडे लहराए गए। हैदराबाद के एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में शपथ लेने के बाद ‘जय फिलिस्तीन’ कहा। अमेठी में “हिंदुस्तान में रहना है तो या हुसैन कहना है” जैसे नारे लगाए गए। वायरल वीडियो को ध्यान में रखते हुए अमेठी पुलिस ने वीडियो में दिख रहे व्यक्तियों को हिरासत में लिया। राजस्थान के बारां में मुहर्रम जुलूस से एक रात पहले एक प्राचीन गणेश मंदिर के शिखर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हिंदुओं ने विरोध किया और कहा कि वे जुलूस को पास नहीं होने देंगे।

निष्कर्ष

मुहर्रम जुलूसों के दौरान उठे विवादों ने सामाजिक और धार्मिक ताने-बाने को हिलाकर रख दिया है। यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कैसे धार्मिक आस्थाओं को राजनीतिक और सामाजिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है, और इसके परिणामस्वरूप समुदायों के बीच दरार पैदा हो सकती है। पुलिस और प्रशासनिक तंत्र के लिए यह एक चुनौती है कि वे इन स्थितियों को कैसे संभालते हैं और शांति बनाए रखने में सफल होते हैं।

और पढ़ें:- अपनी ही दुकान पर अपना नाम लिखने से कैसी आपत्ती? 

Exit mobile version