भारतीय बाजार में प्रवेश के लिए तैयार वियतनामी कंपनी VinFast

वियतनामी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता VinFast भारतीय बाजार में अपने वाहनों को स्थानीय रूप से असेंबल करके प्रवेश करने के लिए तैयार है।

विनफास्ट कंपनी, वियतनामी कंपनी विनफास्ट, इलेक्ट्रिक वाहन,

वियतनामी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता VinFast भारतीय बाजार में अपने वाहनों को स्थानीय रूप से असेंबल करके प्रवेश करने के लिए तैयार है। यह कदम कंपनी की प्रारंभिक रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जिसमें पहले आयातित EVs बेचने का विचार था।

नई रणनीति: स्थानीय असेंबली

VinFast ने तमिलनाडु में एक नया कारखाना स्थापित करने की योजना बनाई है, जो मार्च 2025 तक परिचालन में आ जाएगा, जो निर्धारित समय से तीन महीने पहले होगा। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स ने एक जानकार व्यक्ति के हवाले से दी है।

शुरुआती योजनाएं

VinFast, जो वियतनाम के सबसे बड़े समूह Vingroup की EV सहायक कंपनी है, 2025 के त्योहारों के मौसम के दौरान अपना पहला स्थानीय रूप से असेंबल किया गया वाहन लॉन्च करने की योजना बना रही है। ये वाहन 25-30 लाख रुपये की कीमत के बीच उपलब्ध होंगे, जो भारत के बढ़ते EV बाजार के प्रीमियम सस्ती खंड को लक्षित करेंगे।

विशेषताएं और अपेक्षाएं

इन मॉडलों की ड्राइविंग रेंज 300-500 किलोमीटर प्रति चार्ज होने की उम्मीद है। VinFast का यह निर्णय, पूर्ण रूप से निर्मित आयातित वाहनों के उच्च आयात शुल्क से बचने के उद्देश्य से किया गया है।

आयात शुल्क और CKD रणनीति

भारत में $40,000 से अधिक CIF मूल्य वाले कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क और इसके नीचे के मूल्यों पर 70 प्रतिशत शुल्क लगता है। वहीं, CKD किट्स पर मात्र 15 प्रतिशत शुल्क लगता है। इस प्रकार, CKD रूट का चयन करना कंपनी के लिए आर्थिक रूप से लाभदायक है।

ब्रांड निर्माण और मार्केटिंग

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी आयात शुल्क में बचाए गए पैसे को ब्रांड निर्माण और मार्केटिंग में निवेश करने की योजना बना रही है। एक स्रोत ने बताया कि “चूंकि संयंत्र अगले कैलेंडर वर्ष की पहली तिमाही में तैयार हो जाएगा, इसलिए CKD रूट अपनाना CBU (पूरी तरह से निर्मित इकाई) रूट की तुलना में अधिक समझदारी है।”

भारतीय EV नीति और संभावित लाभ

हालांकि भारतीय बाजार में VinFast का प्रवेश 15 मार्च को भारतीय सरकार द्वारा घोषित नई EV नीति पर निर्भर नहीं है, कंपनी इसके दिशा-निर्देशों पर बारीकी से नजर रख रही है।

सरकार और उद्योग की बैठक

EV निर्माताओं और सरकारी अधिकारियों के बीच इस नीति पर चर्चा करने के लिए 19 अप्रैल को हुई प्रारंभिक बैठक में VinFast का एक प्रतिनिधि भी शामिल था। नई EV नीति भारत में निर्माण इकाइयां स्थापित करने वाले ऑटोमेकर्स को आयात शुल्क में रियायतें प्रदान करती है, जिसमें न्यूनतम $500 मिलियन का निवेश शामिल है।

निवेश योजनाएं

VinFast अगले पांच वर्षों में तमिलनाडु के थूथुकुडी के पास एक कारखाना स्थापित करने के लिए $500 मिलियन (लगभग 4,150 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश करने की योजना बना रही है। यह 400 एकड़ का संयंत्र अपने पहले चरण में 3,000-3,500 श्रमिकों को रोजगार देगा, जैसा कि तमिलनाडु सरकार के साथ हुए समझौता ज्ञापन में उल्लेख किया गया है।

उत्पादन क्षमता और लक्ष्य

VinFast का लक्ष्य अपने संचालन के पहले वर्ष में 50,000 इकाइयों की उत्पादन क्षमता हासिल करना है, और स्थानीय असेंबली और प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य निर्धारण के माध्यम से भारतीय EV बाजार में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी प्राप्त करना है।

निष्कर्ष

VinFast का भारतीय बाजार में प्रवेश, विशेष रूप से स्थानीय असेंबली के माध्यम से, कंपनी की रणनीतिक सोच और बाजार की आवश्यकताओं को समझने की उसकी क्षमता को दर्शाता है। यह कदम भारतीय EV बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाएगा और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करेगा। VinFast की यह नई दिशा भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।

और पढ़ें:- लैंड रोवर की भारत में एंट्री और इसके मायने

Exit mobile version