भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में डिस्त्वालीफाई होने के बाद कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी है. इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक बड़ा फैसला किया है। उन्होने डिस्क्वाईफाई होने के बावजूद विनेश को आधिकारिक रूप से चैंपियन माना है और उन्हें रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ी के तौर पर पूरा सम्मान देने का ऐलान किया है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर लिखा कि हरियाणा की हमारी बहादुर बेटी विनेश फोगाट ने जबरदस्त प्रदर्शन करके ओलंपिक में फाइनल में प्रवेश किया था, किन्हीं भी कारणों से वो भले ही ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हो, लेकिन हम सबके लिए वो एक चैंपियन है.
नायब सिंह सैनी ने आगे लिखा, “हमारी सरकार ने ये फैसला किया है कि विनेश फोगाट का स्वागत और अभिनंदन एक मेडलिस्ट की तरह ही किया जाएगा. हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएं देती हैं, वे सभी विनेश फोगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जाएंगी. हमें आप पर गर्व है विनेश!”
महज 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से चूक गईं थीं विनेश
दरअसल गोल्ड मेडलिस्ट और 82 मैचों से अजेय रही पहलवान को पटखनी देकर पहलवान विनेश फोगाट पूरे भारत की गोल्डन उम्मीदों का केंद्र बन गई थीं। 140 करोड़ का देश उनकी जीत की दुआएं कर रहा था, लेकिन विपक्ष को विनेश की इस जीत में भारत के लिए गोल्ड मेडल से कहीं ज्यादा, अपने लिए एक सुनहरी उम्मीद नजर आ रही थी। विपक्ष के साथ साथ स्वयंभू बुद्धिजीवियों और पत्रकारों का एक बड़ा वर्ग खिलाड़ी (चैंपियन) विनेश को प्रदर्शनकारी विनेश के साथ जोड़ कर एक अलग ही माहौल बना रहे थे। उनकी जीत को कुछ इस तरह पेश किया जा रहा था, जैसे उन्होने जापानी पहलवान को नहीं, पीएम मोदी को ही पटक दिया हो।
लेकिन बुधवार का दिन बीतते-बीतते साफ हो गया कि विनेश डिस्क्वालीफाई हो गईं हैं, और इसी के साथ वो अपना सिल्वर मेडल भी गंवा चुकी हैं। महज 100 ग्राम का वजन, भारत की 140 करोड़ दुआओं पर भारी पड़ चुका था। विनेश ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की कि वो अपना वजन तय कैटेगरी के भीतर रख सकें, लेकिन वो नाकाम रहीं।
ये वक्त था जब पूरे देश को उनके साथ खड़ा होना था, लेकिन राजनीति तो राजनीति है। एजेंडाधारियों ने ओलंपिक नियमों में भी राजनीति देखनी शुरू कर दी। किसी ने इसे पीएम मोदी की साजिश बताया, तो किसी ने अंबानी की चाल। लेकिन पीएम मोदी ने न सिर्फ विनेश का समर्थन किया, बल्कि उन्हें चैंपियंस ऑफ द चैंपियंस भी बताया। उन्होने कहा कि विनेश ने कई बार वापसी की है और वो फिर करेंगी। यही नहीं नहीं उन्होने इंडियन ओलंपिक कमिटी की चीफ पीटी उषा से इस मामले में आगे अपील करने और कोई रास्ता निकालने की भी बात कही।
जाहिर है कि पीएम का ये कदम विपक्ष के लिए झटके से कम नहीं था, लेकिन अब हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने विपक्ष की इस रणनीति की बखिया ही उधेड़ दी है।
हरियाणा में गोल्ड जीतने पर 6 करोड़, सिल्वर जीतने पर 4 करोड़ की सम्मान राशि
दरअसल, हरियाणा सरकार ने पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी को छह करोड़ रुपये, सिल्वर जीतने वाले को चार करोड़ रुपये और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को चार करोड़ रुपये और ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले को ढाई करोड़ रुपये की इनाम राशि देने का ऐलान किया था। इसके अलावा राज्य सरकार ने कहा था कि ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को भी 15 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. फिर चाहे भले ही वो मेडल जीतने में कामयाब न रहें। इसके साथ ही मेडल के हिसाब से ग्रुप A, ग्रुप B या ग्रुप C की सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया था। यानी अब विनेश को 4 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी।
विनेश फोगाट ने लिया सन्यास
इससे पहले विनेश फोगाट ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान करते हुए कहा कि “मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब. अलविदा कुश्ती 2001-2024. आप सबकी हमेशा ऋणी रहूंगी.”