देश के विपक्ष का ध्यान वक्फ बिल रोकने पर, लेकिन मोदी सरकार का फोकस बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाने पर

पीएम मोदी नें हिंदुओं का डबल गिफ्ट देने का प्लान किया तैयार, हिंदू उत्पीड़न रोकने के लिये वक्फ बिल में संशोधन भी करेंगे और बांग्लादेश के हिंदुओं को भी बचायेंगे

मोदी

भारतीय राजनीति आज जिस दौर से गुजर रही है उसमें दो स्पष्ट चेहरे हैं एक चेहरा कांग्रेस के नेतृत्व में सामूहिक विपक्ष का है जो खुलकर तुष्टिकरण की राह पर है वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व में एनडीए का चेहरा हिंदुत्ववादी राजनीति को लेकर प्रखर है. मौजूदा वक्त में दोनों ही पक्ष अपने-अपने एजेंडा के साथ आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं, देश के अंदर मोदी सरकार नें वक्फ बोर्ड को लेकर लोकसभा में संशोधन बिल पेश किया तो कांग्रेस, सपा, टीएमसी सहित लेफ्ट के सभी दलों ने एक बार फिर से तुष्टिकरण की नीति अपनाते हुए बिल का खुलकर विरोध किया जिसकी वजह से सरकार को 2014 के बाद पहली बार जेपीसी के गठन की बात माननी पड़ी. जबकि 2024 के चुनाव में कांग्रेस, सपा टीएमसी, लेफ्ट समेत यूपीए की हर पार्टी को 2014-19 की तुलना में इस चुनाव में हिंदुओं का भरपूर समर्थन हासिल हुआ है. उसके बावजूद तुष्टिकरण की आग है कि बुझती ही नहीं |

लेकिन मोदी सरकार हिंदू हित के लिए एक समय में दो मोर्चों पर काम कर रही है, पहला मोर्चा वक्फ कानून में  संशोधन कर हिंदूओं के उत्पीड़न और मुस्लिम समाज की मनमर्जी को रोकना है, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता पड़ोसी बांग्लादेश में राजनीतिक तख्तापलट के बाद वहां के हिंदुओं को सुरक्षित बचाना भी है, यहां ये याद दिलाना भी जरूरी है कि पड़ोसी देशों के हिंदू, सिख, ईसाई धर्म के लोगों की सुरक्षा और उन्हें शरण देने के लिए ही मोदी सरकार CAA बिल लेकर आई थी |

मौजूदा घटनाक्रम में बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नें अंतरिम सराकर संभालते ही प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से गुहार लगाई है | भारत सरकार की सुरक्षा और विदेश मामलों से जुड़ी टीम हर गतिविधि की निगरानी कर रही है, विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी मॉनिटरिंग की ज़िम्मेदारी दी गई है |

इसके अलावा हिंदुत्ववादी राजनीति के बड़े चेहरे यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें भी हिंदुओं की सुरक्षा का विषय उठाया है, पश्चिम बंगाल बीजेपी नेत्रत्व भी हिंदुओं को भारत में शरण देने की मांग कर रहा है.. धर्म गुरू बाबा बागेश्वर के धीरेंद्र शास्त्री समेत कई धर्माचार्यौं नें भी हिंदुओं को शरण देने की बात कही है |

बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल की सीमायें मिली हुई हैं, ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार पर दो दशक से ये आरोप लग रहे हैं कि अपना वोटबैंक बढ़ाने के लिए, तुष्टिकरण की राह पर चलते हुये ममता बनर्जी नें बांग्लादेश के मुस्लिमों को घुसपैठ करने की अघोषित रूप से छूट दी थी, लेकिन आज जब पड़ोसी मुल्क में शेख हसीना के जाने के बाद हिंदू संकट में है तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का चुप्पी साध लेना कई सवाल खड़े कर रहा है |

लेकिन सनातन प्रेमी पीएम मोदी से भारत के हिंदुओं के साथ साथ बांग्लादेश के हिंदू समाज के लोगों को उम्मीद है कि उनकी सुरक्षा और सलामती के लिए मोदी कोई रास्ता निकाल लेंगे | अगर ऐसा होता है तो हिंदुस्तान के हिंदुओं को दोहरी खुशी मिलेगी, पहला वक्फ की जमीन के नाम पर अब उनका उत्पीड़न नहीं होगा और दूसरा पड़ोसी मुल्क में फंसे उनके हिंदू भाई सुरक्षित अपनी जड़ों की तरफ वापस आयेंगे. अब सबकी नज़रे नरेंद्र मोदी के अगले फैसले पर टिकी हैं |

Anuj shukla

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